साइबर फ्रॉड के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं, जहां बहुत से लोगों को जिंदगी भर की कमाई तक लूटी जा रही है. हाल ही में एक केस दिल्ली-NCR के नोएडा से सामने आया है, जहां एक महिला के साथ 27 लाख रुपये की ठगी हो गई. इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट करके भी लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है.
साइबर ठग आमतौर पर लोगों को लूटने के लिए अलग-अलग तरकीब का इस्तेमाल करते हैं. आज आपको साइबर ठगी के कुछ ऐसे ही 5 प्रकार के केस बताने जा रहे हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम
भोले-भाले लोगों को लूटने के लिए साइबर स्कैमर्स आजकल आमतौर पर ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम का सहारा ले रहे हैं. इस तरह के केस में साइबर क्रिमिनल्स आपको व्हाट्सऐप या अन्य मैसेजिंग ऐप के जरिए या फिर ऑनलाइन विज्ञापन के जरिए जाल में फंसा सकते हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग के खेल में साइबर क्रिमिनल्स हाई रिटर्न का लालच देते हैं. आंखों में धूल झौंकने के लिए वह एक फर्जी ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए वह फर्जी ऐप में फर्जी प्रोफिट दिखाते हैं.
क्या है पार्सल स्कैम?
पार्सल स्कैम भी इन दिनों काफी चर्चा में हैं. यहां कई लोगों को एक कॉल आती है, जिसमें कहा जाता है कि आपके नाम से पार्सल है. इसके बाद बताया जाता है कि वह पार्सल विदेश जा रहा था, जिसमें कुछ ड्रग्स, पासपोर्ट और अन्य डिटेल्स मिली. आपके खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
इसके बाद एक अन्य कॉल आती है, जिसमें सामने वाला शख्स खुद को पुलिस वाला बताया है. इसके बाद विक्टिम को डराया और धमकाया जाता है. फिर उसे डिजिटली अरेस्ट किया जाता है. इसके बाद उससे मोटी रकम मांगी जाती है.
e-SIM Scam क्या है?
e-SIM Scam का शिकार हाल ही में नोएडा की महिला की हुई. जहां महिला को बड़ी ही चालाकी से उसके सिम कार्ड को हाईजैक कर लिया. इसके बाद उसके बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक से लोन लेकर 27 लाख रुपये उड़ा लिए.
वीडियो लाइक करने का टास्क
साइबर फ्रॉड का एक अन्य तरीका यह है कि उसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या मैसेजिंग ऐप के जरिए संपर्क करते हैं. इसके बाद वह विक्टिम को वीडियो लाइक करने का काम बताते हैं, जिसके बदले 50 रुपये प्रति लाइक पर देने का वादा करते हैं. यह रकम कम या ज्यादा भी हो सकती है.
शुरुआत में कई बार स्कैमर्स कुछ रुपये ट्रांसफर भी कर देते हैं. इस दौरान वह बैंक डिटेल्स और OTP आदि को एक्सेस कर लेते हैं. इसके बाद वह आपको लाखों रुपये का चूना लगा देते हैं.
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वॉयस क्लोनिंग से फर्जी कॉल
AI की मदद से कई सॉफ्टवेयर या ऐप आवाज कॉपी करने की सुविधा देते हैं, इसे वॉयस क्लोनिंग कहते हैं. साइबर स्कैमर्स इस तकनीक का इस्तेमाल करके आपको चूना लगा सकते हैं.
इस तरह के केस में साइबर क्रिमिनल्स आपके परिचित की आवाज निकालकर कुछ रुपये ट्रांसफर करने को कह सकते हैं . या फिर किसी लिंक पर क्लिक करने को कह सकते हैं. ऐसे स्कैम से सावधान रहना चाहिए.
फेक सर्च रिजल्ट से सावधान
ऑनलाइन दुनिया में बहुत से साइबर स्कैमर्स हैं, जो फेक वेबसाइट तैयार करके भी आपको लाखों रुपये का चूना लगा सकते हैं. इस तरह के केस में कई बार यूजर्स इंटरनेट पर सर्च करके फेक वेबसाइट पर चले जाते हैं. यहां स्कैमर्स उनसे जरूरी बैंक डिटेल्स आदि मांगकर उनका बैंक खाता तक खाली कर सकता है.
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ना करें ये गलती
साइबर स्कैमर्स से बचाव के लिए जरूरी है कि अपने बैंक की डिटेल्स, ATM डिटेल्स और ऑनलाइन बैंकिंग आदि का पासवर्ड आदि शेयर ना करें. ना ही किसी लिंक पर क्लिक करें और ना किसी लिंक की मदद से कोई ऐप इंस्टॉल करें.