बिहार के बगहा में जेडीयू नेता विभव राय की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए शूटर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है. पुलिस ने इस वारदात में इस्तेमाल किए गए हथियार को भी बरामद किया है. पुलिस ने बताया है कि राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में उनकी हत्या की गई थी.
7 अगस्त को हुई थी विभव राय की हत्या
हत्या की इस साजिश को अंजाम देने के लिए विकास सिंह ने रवि प्रकाश, विजय यादव उर्फ टाइगर, और नन्हे सिंह के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की थी. इसके बाद 7 अगस्त को धनहा थाना क्षेत्र के तमकुहा बाजार में विभव राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद इलाके में हंगामा मच गया था और विभव राय के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
जानकारी के अनुसार खैरवा पंचायत के मुखिया पति मंटू सिंह और विभव राय के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर लंबे समय से आपसी रंजिश चल रही थी. हाल ही में पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर इन दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया था.
5 लाख रुपये में दी थी हत्या की सुपारी
पुलिस की जांच में पता चला है कि इस वर्चस्व की लड़ाई में मंटू सिंह ने अपने रिश्तेदार विकास सिंह की मदद से विभव राय की हत्या के लिए पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी. इसके बाद विकास सिंह ने रवि प्रकाश और विजय यादव उर्फ टाइगर, रविंद्र नगरधुस ने मिलकर हत्या की साजिश रची.
वारदात से पहले दो लाख रुपये का भुगतान किया गया था और हत्या के बाद दो लाख रुपये और दिए गए थे. बाकी बचे एक लाख रुपये के भुगतान के लिए विकास सिंह उर्फ टाइगर यूपी के देवीपुर पहुंचा था जहां पुलिस को इसकी भनक लग गई.
पुलिस ने सभी आरोपियों को किया गिरफ्तार
इनपुट के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में रवि प्रकाश, विजय यादव उर्फ टाइगर, विकास सिंह उर्फ विवेक सिंह, और नन्हे सिंह उर्फ कृष्ण कुमार सिंह शामिल हैं.
वहीं हत्या की इस वारदात को लेकर एसपी सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि विभव राय की हत्या के पीछे खैरवा पंचायत के वर्तमान मुखिया पति मंटू सिंह का हाथ है. दोनों के बीच पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी.