बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर जारी तनाव और हिंदू धर्मगुरु और ISKCON के प्रमुख पुजारी चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने प्रतिक्रिया दी है.
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि यह देखना काफी निराशाजनक और दुखद है कि किस तरह एक लोकतांत्रिक देश बिखरकर निरंकुश होता जा रहा है. यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह एक खुले लोकतंत्र के मूल्यों को समझें. धर्म के आधार पर उत्पीड़न किसी भी लोकतंत्र में सही नहीं है. दुर्भाग्य से हमारे पड़ोसी लोकतांत्रिक सिद्धांतों के रास्ते से भटक गए हैं.
It is disgraceful to see how a democratic nation is disintegrating to become theocratic and autocratic. It is the responsibility of every citizen to understand the value of having an open democracy. Persecution on the basis of religion or weakness of demographics is not the way… https://t.co/qlDx6sItVu
— Sadhguru (@SadhguruJV) November 26, 2024उन्होंने कहा कि यह बांग्लादेश के हर नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह एक ऐसे लोकतंत्र का निर्माण करे, जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले
बांग्लादेश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण करे जहां सभी नागरिकों को अपनी आवश्यकताओं और विश्वासों के अनुसार अपना जीवन बिताने के लिए जरूरी अधिकार मिले.
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा
बांग्लादेश के चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इस दौरान उन पर BNP और जमात के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया. इस हमले में 50 हिंदू घायल हो गए. वहीं देर रात हजारों हिंदूओं ने जय सिया राम और हर हर महादेव के जयनारे के साथ मौलवी बाजार में मशाल रैली निकाली.
चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं आयोजित कीं. हालांकि इन शांतिपूर्ण सभाओं पर चरमपंथी समूहों ने हमले किए. इस्लामिक समूहों ने चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमला किया.
बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार हिंदुओं की आवाज बने चिन्मय प्रभु को टारगेट करने का मौका ढूंढ रही थी कि तभी 25 अक्टूबर को राजधानी ढाका के न्यू मार्केट में हिंदुओं के समूह 'समानत जागरण मंच' ने एक विशाल धरना-प्रदर्शन किया. रैली के दौरान कुछ युवाओं ने बांग्लादेशी झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगा दिया. रैली में हुई इस घटना को ही बांग्लादेश की पुलिस ने चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी की वजह बनाया है. बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि इस तरह देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है.
कौन हैं चिन्मय प्रभु
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं. उन्हें लोग चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं. वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाते रहे हैं. बांग्लादेश में इस्कॉन के 77 से ज्यादा मंदिर हैं, और लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं. वह बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोते समूह के सदस्य भी हैं. उनका संबंध अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (ISKCON) से भी है और वह ISKCON के प्रवक्ता भी रह चुके हैं.