महाकुंभ में मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ मामले में अब कई सावल उठने लगे हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या मंगलवार-बुधवार रात में संगम नोज के अलावा और भी भगदड़ हुई थी? क्या DIG वैभव कृष्ण ने झूंसी में हुई भगदड़ जैसी स्थिति पर पूरा सच नहीं बताया है? क्या मौत का आंकड़ा केवल 30 लोगों का ही है? पांच शवों की शिनाख्त ही करनी बची थी तो पोस्टमार्टम हाउस में 24 शवों की तस्वीर बाद में क्यों लगाई गई? इन सभी सवालों के साथ ही एक सवाल ये भी है कि महाकुंभ में जो लापता हुए, वो कहां गए? जो तीन बाद भी बहुत से लोग अपने परिजनों को भगदड़ में खोने के बाद खोज नहीं पाए हैं.
महाकुंभ में तमाम लोग ऐसे हैं जो अपने लोगों को ढूंढते फिर रहे हैं. ऐसी एक अनुराधा भी हैं, जो हाथ में मोबाइल लेकर उसमें अपनी मां की तस्वीर लेकर उन्हें तीन दिन से तलाश रही हैं. महाकुंभ की भगदड़ के बाद जिनका अपनों से हाथ छूटा वो वो मुर्दाघरों तक जिंदा मिलने की आस लेकर पहुंच रहे हैं. अनुराधा देवी प्रयागराज के पोस्टमार्टम हाउस तक आ चुकी हैं. साथ में बहन हैं. बेटा है. बेटा नानी को खोजता है. अनुराधा अपनी मां को. मोबाइल में तस्वीर दिखाते हुए सरकारी मदद केंद्रों की दर दर छानकर मुर्दाघर तक कदम ठिठकते हुए चले आए हैं. लेकिन मां की तलाश पूरी नहीं हो पाई.
अपनों को खोजने के लिए दर-दर भटक रहे लोग
कुंभ में मंगलवार-बुधवार रात हुई भगदड़ के बाद अब प्रशासन चौकस है. कहीं भी भीड़ नहीं जुटने दी जा रही है. सबको लेफ्ट राइट कराया जा रहा है. लेकिन अनुराधा कोसती हैं उस घड़ी को, जब दावा है कि इसी भीड़ में वो अपनी मां और दूसरे लोगों के साथ फंसी थीं. एक बार मां से हाथ छूटा तो 72 घंटे बाद भी दोबारा मां मिल नहीं पाई हैं. बिहार के दरभंगा से आईं अनुराधा अपने परिजन को खोजती अकेली नहीं हैं. बिहार से बंगाल तक. यूपी के अलग-अलग जिलों तक, लोग प्रयागराज मे अपनों को खोज रहे हैं. सासराम के द्वारिका सिंह पत्नी को खोज रहे हैं. अब सेना में जवान अपने बेटे के साथ द्वारिका सिंह पत्नी को खोज रहे हैं. अस्पताल छान लिया. खोया पाया सेंटर खोज लिया. उम्मीदें टूटने का डर है. बेटे की आंखों से आंसू निकलने लगते हैं.
वहीं बिहार के ही रोहतास जिले से खोजने आए दीपक कुमार भी अपनी मां की तस्वीर लिए उन्हें खोजने में जुटे हैं. इसी तरह चाची बुआ को तलाशते आदित्य तस्वीर दिखाते हुए बताते हैं कि ये तलाश में 15 से 30-40 किमी तक चल रहे हैं.
25 की पहचान हो चुकी थी तो मुर्दाघर के बार 24 लोगों की तस्वीर क्यों?
अब सवाल दो हैं. पहला सवाल है कि 72 घंटे बाद भी जो मिल नहीं पा रहे हैं.वो कहां हैं? और तब ये तस्वीर चर्चा में आती है, जो प्रयागराज के मुर्दाघर में लगाई गई. तस्वीर 24 लोगों की. और दावा ये हुआ कि अपनों को खोजते लोगों को इन चेहरों को दिखाकर भी शिनाख्त कराई गई. और तब दूसरा सवाल इसी से जुड़कर आता है. भगदड़ के दिन ही यानी 29 जनवरी को जब DIG वैभव कृष्ण कह चुके हैं कि 30 लोगों की मृत्यु हुई. सिर्फ पांच शवों की शिनाख्त बाकी है. तो फिर 30 जनवरी से क्यों 24 तस्वीरे पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगाकर शिनाख्त कराई जा रही है? अस्पताल प्रशासन या फिर खुद डीआईजी वैभव कृष्ण ये अब तक साफ नहीं किए हैं कि जब तीस में से 25 मृतकों की पहचान हो गई थी तो इस पोस्टमार्टम हाउस के बाहर 24 मृतकों की तस्वीरें क्यों लगी हुई हैं?
भगदड़ में मृतकों के आंकड़ें को लेकर उठ रहे सवाल
जिसको लेकर ये सवाल उठता है कि कोई भी हादसा होता है तो मृतकों-जख्मी की पहचान के बाद उनकी सूची जारी होती आई है. तो फिर कुंभ भगदड़ में 3 दिन बाद भी क्यों नहीं सूची जारी की गई? इसीलिए मृतकों के आंकड़ों को लेकर विपक्ष भी सवाल उठाता है. मृतकों के आंकड़े के लेकर उठते सवालों के बीच ये सच भी है कि मेला क्षेत्र में गुम हुए लोगों के लिए 10 खोया-पाया केंद्र बने हुए हैं. यानी ऐसे सेंटर जो गुमशुदा लोगों को उनके अपनों तक पहुंचाने के लिए बने हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक यहां खोया-पाया केंद्र पर हर दस में से 8 लोगों को उनके अपने तलाश ले रहे हैं. लेकिन बीस फीसदी लोग ऐसे हैं जो अपनों का या तो पता तक नहीं बता पा रहे, या मोबाइल नंबर. ये बुजुर्ग लोग हैं.
अब सवाल ये भी है कि क्या मंगलवार-बुधवार की रात संगम नोज के पास हुई भगदड़ के कुछ देर बाद ही दूसरी भगदड़ का जो वीडियो सामने आया है, उसे पुलिस प्रशासन ने पहले छिपाया और अब स्वीकार नहीं कर रहा है? जिसके अब कई वीडियो लोगों के मोबाइल से निकलकर अपना सच बताने के लिए सामने आए हैं. जिनमें दिख रहा है कि रास्ता ठसाठस सैकड़ों लोगों से भरा है. लोग बेसुध होते इन वायरल वीडियो में दिखते हैं. आखिर यहां क्या हुआ था? चश्मदीद अपनी बात रखते हैं. लेकिन कुंभ मेला क्षेत्र के DIG वैभव कृष्ण कहते हैं कि पुलिस के पास दूसरी भगदड़ की कोई जानकारी नहीं है, जांच कराएंगे. वीडियो जो चर्चा में आए हैं, उन पर DIG कहते हैं किसी ने पुलिस को रिपोर्ट नहीं किया.