महाराष्ट्र के पुणे में इस साल 19 मई को नशे की हालत में अपनी पोर्श कार को एक मोटरसाइकिल से टकराने के बाद दो लोगों की हत्या करने के नाबालिग आरोपी का ड्राइविंग कोर्स पूरा हो गया है. पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत के आदेश के अनुसार उसे 15 दिनों के सेफ ड्राइविंग प्रोग्राम से गुजरना था. आरटीओ के एक अधिकारी ने रविवार को बताया इस बारे में जानकारी दी. पुणे के कल्याणी नगर में हुई इस घटना में मध्य प्रदेश के रहने वाले युवक और युवती की मौत हो गई थी. दोनों आईटी प्रोफेशनल्स थे और पुणे की कंपनी में जॉब करते थे.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दो लोगों की मौत का कारण बनने वाले नाबालिग आरोपी को सड़क सुरक्षा पर निबंध लिखने की शर्त पर जमानत दे दी थी, जिसे लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया था. साथ ही अपराध को छुपाने के लिए नाबालिग के परिजनों ने अपने रसूख और प्रभावशाली संपर्कों का दुरुपयोग किया था. ससून हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों और एक स्टाफ ने नाबालिग आरोपी के परिजनों के कहने पर उसका ब्लड सैंपल उसकी मां से बदल दिया था, जिससे शराब पीकर गाड़ी चलाने की बात छिपाई जा सके.
आरोपी को निबंध लिखने की शर्त पर दी गई थी जमानत
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने जिन शर्तों पर नाबालिग आरोपी को जमानत दी थी, उनमें सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के अलावा ट्रैफिक रूल्स और रेगुलेशन के बारे में जानने के लिए आरटीओ की मदद लेना शामिल था. एक आरटीओ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'नाबालिग आरोपी ने अपना सेफ ड्राइविंग प्रोग्राम पूरा कर लिया है. अदालत के दिशानिर्देशों के संबंध में, ऑपरेशन को गुप्त रखा गया क्योंकि इससे उसकी गोपनीयता का मुद्दा पैदा हो सकता था.'
अधिकारी ने कहा, 'ट्रेनिंग प्रोग्राम में रोड ड्राइविंग सेफ्टी के बारे में जानकारी, ड्राइविंग लाइसेंस का महत्व, रोड पर लगे साइनेज और सिम्बल का अर्थ और अन्य गतिविधियां शामिल थीं. इस प्रक्रिया के दौरान, नाबालिग आरोपी को ऑन-फील्ड ट्रेनिंग के लिए भी ले जाया गया.' अन्य अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग ने पहले ही 300 शब्दों का निबंध जमा कर दिया है. बता दें कि इस हिट एंड रन केस में नाबालिग आरोपी के पिता, दादा, मां और ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक स्टाफ और दो बिचौलिओं को गिरफ्तार किया गया है.
पुणे पोर्श केस में पुलिस दाखिल कर चुकी है चार्जशीट
इस मामले में पुलिस ने करीब दो महीने की जांच के बाद गत 23 जुलाई को 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. सेशन कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 17 साल के नाबालिग आरोपी का नाम शामिल नहीं किया गया था. नाबालिग का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के सामने है. वहीं, 7 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और साक्ष्य मिटाने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इनमें नाबालिग के माता-पिता, ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टर और एक कर्मचारी और दो बिचौलिए शामिल हैं.