तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट में जानवरों की चर्बी होने की पुष्टि के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले की जांच के लिए हिंदू सेवा समिति नाम की संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और एसआईटी गठित करने की मांग की है.
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तिरुपति मंदिर के प्रसाद का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई . याचिका में इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की मांग की गई है.
हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इससे पहले इसी मसले पर वकील सत्यम सिंह राजपूत ने एक पत्र याचिका भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को प्रेषित की थी. सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है.
नायडू ने लगाया था ये आरोप
यह पूरा विवाद 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू के आरोप और एक रिपोर्ट के खुलासे से शुरू हुआ. एन चंद्रबाबू नायडू ने रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि तिरुपति के प्रसाद में प्रयुक्त कथित देसी घी जानवरों की चर्बी वाली वसा से युक्त है. उनके इस दावे के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था
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इसके अलावा, तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद पर उठा विवाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट तक भी पहुंचा है. यह याचिका पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने दायर की है.
जगमोहन रेड्डी के खिलाफ भी शिकायत
इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू गलत आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल कर रहे हैं. वहीं तिरुपति लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोपों के बाद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी एवं अन्य के खिलाफ हैदराबाद में आस्था पर प्रहार और भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई गई है. इसमें उन पर मंदिर को अपवित्र करने के दुर्भावनापूर्ण कृत्य और सनातनी हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.