कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष पर उग्र भीड़ ने हमला बोल दिया. कोर्ट से बाहर निकलते समय एक व्यक्ति ने उनके सिर पर जोरदार थप्पड़ मार दिया. वो सीआरपीएफ और कोलकाता पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मौजूद थे, इसके बावजूद लोगों उनके खिलाफ आक्रोशित दिखे. उनको देखते ही लोग गंदी-गंदी गालियां देने लगे. चोर-चोर के नारे लगाने लगे.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को सीबीआई की टीम संदीप घोष को लेकर अलीपुर कोर्ट पहुंची थी. उनके आने से पहले ही वहां बड़ी संख्या लोग जमा हो गए थे. लोग बहुत उग्र और आक्रोशित थे. उनके आते ही कोर्ट परिसर में उनके चारों ओर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इस भीड़ में वकीलों के साथ आम लोगों का एक बड़ा वर्ग भी शामिल था. कोर्ट रूम के अंदर भी कई लोगों ने संदीप का अपमान किया.
इसके बाद उन्हें बाहर ले जाने से पहले कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई. बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया. चूंकि सीआरपीएफ सीबीआई की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है, इसलिए उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर इलाके की घेराबंदी भी की. लेकिन जब सीबीआई संदीप घोष को कोर्ट रूम से बाहर ले गई तो हंगामा शुरू हो गया. सीबीआई उन्हें गाड़ी में बैठा रही थी, तभी एक आदमी थप्पड़ जड़ दिया.
ममता सरकार ने डॉक्टर संदीप घोष को किया निलंबित
इधर, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद बंगाल सरकार ने डॉक्टर संदीप घोष को निलंबित कर दिया. वेस्ट बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने उनको पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल से भी निलंबित कर दिया है. इससे पहले अलीपुर कोर्ट में सुनवाई के बाद संदीप सहित चार आरोपियों को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. उनके साथ बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा और अफसर अली खान भी शामिल हैं.
संदीप घोष पर हैं करप्शन के कई सनसनीखेज आरोप
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संदीप घोष के प्रिंसिपल रहने के दौरान संस्थान में कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें अस्पताल में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद आदि जैसे आरोप लगाए गए थे. इसकी जांच पहले कोलकाता पुलिस कर रही थी.
इन धाराओं के तहत हुई है पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तारी
कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश में जांच सीबीआई को सौंप दी गई. 19 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद 24 अगस्त को सीबीआई ने इसकी जांच अपने हाथ में ले ली थी. उपरोक्त धाराओं के तहत ही उनको गिरफ्तार किया गया है.
कोलकाता कांड में करप्शन केस में ये हैं चार आरोपी...
संदीप घोष: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल रह चुके संदीप घोष को संस्थान में भ्रष्टाचार के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया. उन पर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें अस्पताल में लावारिस शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे के निपटान में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद जैसे आरोप शामिल हैं.
बिप्लव सिंह: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार के मामले में बिप्लव सिंह सह आरोपी है. वो मां तारा ट्रेडर्स के मालिक भी है. इस मामले में एफआईआर भी मां तारा ट्रेडर्स के नाम से दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि इसके पिता मेडिकल कॉलेज में काम कर चुके हैं. उसने अपने पिता के संबंधों का फायदा उठाकर पहले अस्पताल में पोस्टर-बैनर बनाना शुरू किया, फिर दवाईयों की सप्लाई का काम शुरू कर दिया.
सुमन हाजरा: अस्पताल में मटेरियल की सप्लाई का काम करने वाला सुमन हाजरा और संदीप घोष बहुत अच्छे दोस्त हैं. ये सरकारी दवाओं से लेकर मेडिकल उपकरणों की खरीद से उन्हें दोबारा बाजार में बेचने का काम करता था. इसकी हाजरा मेडिकल शॉप के नाम से दुकान भी है. सुमन और बिप्लव कोलकाता शहर के एक ही मोहल्ले में रहते हैं. दोनों भ्रष्टाचार के मामले में संदीप घोष के हमराज और बहुत खास सहयोगी भी रहे हैं.
अफसर अली खान: संदीप घोष के खास लोगों में से एक नाम अफसर अली खान का भी है. अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने बताया था कि संदीप अपनी सुरक्षा में प्राइवेट सिक्योरिटी रखता था. इसमें संजय रॉय के साथ अफसर भी बाउंसर का काम करता था. इसके साथ ही आरजी करल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में होने वाली वित्तीय अनियमितताओं में अहम भूमिका निभाता था. ये भी संदीप का हमराज है.