केरल में 14 साल का लड़का निपाह वायरस से संक्रमित, अब तक 5 मरीज मिले, सूबे में अलर्ट जारी

3 months ago 17

केरल में निपाह वायरस का पांचवां केस सामने आया है. मलप्पुरम में 14 वर्षीय एक किशोर में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है सूबे में संभावित वायरस के प्रकोप को लेकर अलर्ट जारी है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को मलप्पुरम जिले में एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता की. इसमें निपाह वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई.

बैठक में ये तय किया गया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमित किशोर के कॉन्टेक्ट में आए लोगों की लिस्ट तैयार करेंगे. साथ ही हाई रिस्क वाले एरिया में रहने वालों के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजेंगे. जिला कलेक्टर और पुलिस प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक में तय करेंगे कि संक्रमण प्रभावित एरिया के 3 किलोमीटर के दायरे में प्रतिबंध लगाए जाने हैं या नहीं. 

निपाह वायरस से संक्रमित किशोर के सैंपल पुणे वायरोलॉजी लैब में भेजे गए थे, वर्तमान में मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और अगर उसकी हालत गंभीर हो जाती है तो उसे कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जा सकता है.

इससे पहले मंत्री वीना जॉर्ज ने घोषणा की कि सितंबर के दौरान निपाह वायरस को रोकने के प्रयासों को तेज किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से चमगादड़ों के आवासों को नष्ट न करने का आग्रह किया, क्योंकि उन्हें परेशान करने से वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है. उन्होंने लोगों से पक्षियों द्वारा काटे गए फल न खाने और केले के छिलके से शहद न पीने को भी कहा, जो चमगादड़ों द्वारा दूषित हो सकता है. जानवरों से इंसानों में फैलने वाला यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है. 2018 में कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के कारण कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई थी. 

क्या है निपाह वायरस?

निपाह वायरस (NiV) जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है. ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है. यह वायरस बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है.

क्या लक्षण हैं?
सामान्य वायरल बुखार के लक्षण उत्पन्न करने के अलावा, यह संक्रमण तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है. इससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो जाता है. जिसके परिणामस्वरूप एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क की सूजन होती है. इससे 24 से 48 घंटे में मरीज कोमा में जा सकता है.

Article From: www.aajtak.in
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