NEET परीक्षा को लेकर लगातार घमासान जारी है. सवाल देश के होनहार छात्रों के भविष्य का है, जो इस वक्त अधर पर लटका है. आखिर कौन है जिम्मेदार, इसकी पड़ताल जारी है. सुप्रीम कोर्ट भी मामले में सख्त नजर आ रहा है, जिसके आदेश के बाद एनटीए ने शहर और सेंटर के हिसाब से रिजल्ट जारी किए हैं, जिसमें कई हैरान करने वाले परिणाम सामने आ रहे हैं. कारण, राजकोट सेंटर के एक ही 70 फीसदी छात्रों ने क्वालीफाई किया है. इनमें से 12 छात्रों के 700 से ज्यादा मार्क्स आए हैं. ऐसे ही आंकड़े कुछ और सेंटर के भी आएं हैं. इसके बाद यह सवाल भी गूंजने लगा कि क्या ये संयोग है या कुछ गड़बड़?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस साल नीट यूजी परीक्षा देने वाले सभी छात्रों का राज्य, शहर और केंद्रवार डेटा जारी करने का आदेश दिए गया था. इसके बाद एनटीए ने शनिवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सभी 24 लाख छात्रों का डेटा उपलब्ध करा दिया है. आजतक ने NTA द्वारा जारी किए गए डेटा के विशलेषण से पता चलता है कि भारत में प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों की सीटों के लिए योग्य उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा सिर्फ गुजरात के राजकोट और राजस्थान के सीकर से है. राजकोट में मेडिकल एग्जाम देने वाले कुल छात्रों में 70 फीसदी से अधिक छात्रों ने एग्जाम क्वालीफाई किया है.
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राजकोट के एक ही सेंटर से 70 फीसदी छात्र पास
राजकोट के सेंटर नंबर 22701 (आर.के. विश्वविद्यालय, राजकोट, गुजरात) के विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि इसी सेंटर के 12 से अधिक छात्रों ने 700 मार्क्स प्राप्त किए, 115 छात्रों ने 650 मार्क्स प्राप्त किए, 259 छात्रों ने 600 मार्क्स प्राप्त किए, 403 छात्रों ने 550 मीटर से अधिक मार्क्स प्राप्त किए, जबकि 598 छात्रों ने 500 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए. इस केंद्र में कुल छात्रों की संख्या 1968 है, जिसमें से 1387 छात्रों ने क्वालिफाइिंग मार्क्स हासिल किए. इसका मतलब है कि इस एक केंद्र से लगभग 70% से अधिक छात्रों ने भारत के मेडिकल कॉलेजों में सीटों के लिए क्वालिफाइिंग मार्क्स हासिल किए. यह आंकड़े भारत भर के सभी केंद्रों से अधिक हैं, जो राजकोट को 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त करने वाले छात्रों की सबसे अधिक संख्या वाला केंद्र बनाता है. इसके अलावा, इस केंद्र से देश भर में 1.8 लाख मेडिकल सीटों के लिए क्वालिफाइिंग मार्क्स प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है.
गुजरात के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि अहमदाबाद में दिल्ली पब्लिक स्कूल सेंटर में भी 12 छात्रों ने 700 से ज़्यादा मार्क्स हासिल किए हैं. कुल मिलाकर, राज्यवार गुजरात में 122 छात्र हैं, जिन्होंने 700 से ज़्यादा मार्क्स हासिल किए हैं, जिनमें से 19 अकेले राजकोट से हैं, जो मेडिकल कॉलेजों में सीटों के लिए राजकोट से क्वालिफाई करने वाले छात्रों का कम से कम 15% है.
राजस्थान में सीकर से सबसे अधिक छात्र क्वालिफाई
वहीं राजस्थान के सीकर से क्वालिफाई करने वाले छात्रों की संख्या पर भी सवाल उठ रहे हैं. कारण, राजस्थान के सीकर स्थित विद्या भारती स्कूल के विश्लेषण किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 8 छात्रों ने 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए. वहीं 69 छात्रों ने 650 और उससे अधिक मार्क्स प्राप्त किए, 155 छात्रों ने 600 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए, जबकि 241 छात्रों ने 550 मार्क्स प्राप्त किए. परीक्षा देने वाले छात्रों की कुल संख्या 1001 थी. यह केवल एक केंद्र से विश्लेषण किया गया डेटा है. गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में 715 छात्रों में से 5 ने 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए, जबकि 63 ने 650 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए, 132 ने 600 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए और 181 ने 550 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए. अकेले सीकर क्षेत्र में, 50 केंद्रों के 149 छात्रों ने क्वालिफाइिंग स्कोर के रूप में 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए हैं. राजस्थान में 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त करने वाले कुल छात्रों की संख्या 482 है. इनमें से 149 छात्र सीकर से हैं, यानी मेडिकल एग्जाम क्वालिफाई करने वाले 30% से अधिक छात्र सीकर क्षेत्र से हैं.
डेटा राज्यवार भी देखें तो राजस्थान में 482 छात्रों ने 700 से अधिक मार्क्स प्राप्त किए हैं, जो भारत में सबसे अधिक है. इसके बाद महाराष्ट्र में 205 छात्रों ने 700 से अधिक मार्क्स हासिल किए हैं, तीसरे स्थान पर केरल है, जहां 194 छात्र हैं और चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जहां 184 छात्रों ने 700 से अधिक
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पेपर लीक के कारण जांच के घेरे में आए केंद्रों के आंकड़े
आजतक ने कुछ अन्य सेंटर्स का भी विश्लेषण किया, जो विवाद का केंद्र बन गए हैं. गोधरा के जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल जैसे केंद्रों में उच्चतम अंक 678 हैं. इस केंद्र में दो छात्रों ने 675 अंक प्राप्त किए, जबकि गोधरा के दूसरे केंद्र जय जलाराम स्कूल दाहोद (केंद्र संख्या 220502) में केवल एक उम्मीदवार ने 600 अंक प्राप्त किए जो इस केंद्र के लिए सबसे अधिक है. झज्जर के हरदयाल पब्लिक स्कूल में जहां 6 उम्मीदवारों ने पहले ग्रेस मार्क्स से 720 अंक प्राप्त किए थे, अब केवल 10 छात्रों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं और कोई भी 700 से अधिक अंक प्राप्त नहीं कर पाया है, जैसा कि हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चलता है. एनटीए ने दावा किया है कि समय की कमी के कारण इस केंद्र को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे.
हंगामे के बाद ग्रेस मार्क्स हटा दिए गए थे और एनटीए द्वारा फिर से स्कोर कार्ड जारी किया गया, जिसके कारण NEET टॉपर्स की संख्या शुरू में 67 से घटकर 61 हो गई. इस बीच झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस पब्लिक स्कूल केंद्र में, जिसे सीबीआई ने NEET पेपर लीक के केंद्रों में से एक बताया है, जहां एजेंसी ने अपनी जांच में दिखाया कि केंद्र तक पहुंचने तक पेपर की सील कैसे टूट गई थी, एनटीए के आंकड़ों से पता चलता है कि केवल 22 छात्रों ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए.
छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताई
NEET UG परीक्षा पर उठे विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट के NTA को दिए आदेश पर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चिट्ठी लिखी है. छात्रों ने गुहार लगाई है कि शहर और परीक्षा केंद्र के मुताबिक रोल नंबर के साथ रिजल्ट अपलोड किया जाए. उससे भी पहचान गोपनीय रखने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इससे डेटा एनालिसिस करने में भी आसानी होगी. विदुषी शर्मा ने चिट्ठी में लिखा है कि जिस तरह से रिजल्ट बताया गया है, उससे कोई मतलब नहीं निकल रहा है. बल्कि भ्रम की स्थिति बढ़ गई है, क्योंकि रोल नम्बर की जगह डमी यानी छद्म नंबर हैं. NTA ने रोल नंबर की जगह सीरियल नंबर लिखे हैं, जबकि परीक्षा सेंटर वाइज ये एकरूपता में नहीं हैं.