शेयर बाजार में फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म प्रोवाइड कराने वाली कंपनी Swiggy की जल्द एंट्री होने वाली है. रिपोर्ट का दावा है कि स्विगी ने सेबी के पास ड्राफ्ट फाइल किया, जिसकी मंजूरी मिल चुकी है. अब जल्द ही कंपनी अपना आईपीओ लेकर आएगी. यह भी कहा जा रहा है कि इसी साल फूड डिलीवर करने वाली इस कंपनी का आईपीओ पेश किया जाएगा.
बिजनेस टुडे पर छपी एक खबर में मनीकंट्रोल के हवाले से कहा गया कि मंगलवार को सूत्रों ने बताया कि घरेलू फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी को शेयर बिक्री के लिए अपने गोपनीय दस्तावेज दाखिल करने के बाद बाजार रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालांकि अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन स्विगी का इश्यू (Swiggy IPO) नवंबर में लॉन्च हो सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मंजूरी के बाद गोपनीय दस्तावेज दाखिल करने के तहत इस अनुमति के बाद दो अपडेटेड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स) सौंपे जाएंगे. एक DRHP में सेबी के कमेंट्स का जवाब दिया जाएगा, जबकि दूसरे में 21 दिनों तक पब्लिक कमेंट्स मांगे जाएंगे. इसके बाद ही RHP (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स) फाइल किया जाएगा और IPO लॉन्च होगा.
कितना बड़ा होगा IPO
बेंगलुरु स्थित फूड डिलीवर करने वाली स्विगी अपने IPO से एक बड़ा फंड जुटाने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि ये कंपनी करीब 1 अरब डॉलर (8362 करोड़ रुपये) का फंड जुटाएगी. यह कंपनी जल्द ही अपने इश्यू प्राइस से लेकर प्राइस बैंड और अन्य जानकारियों के बारे में खुलासा कर सकती है.
अप्रैल में शेयर होल्डर्स ने दी थी मंजूरी
2014 में स्थापित, स्विगी अपनी वेबसाइट के अनुसार दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में भोजन पहुंचाने में मदद करने के लिए भारत भर में 150,000 से अधिक रेस्टोरेंट के साथ डील की है. स्विगी लगभग 15 अरब डॉलर के वैल्यूवेशन की मांग कर सकता है. इसे अप्रैल में IPO लॉन्च करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिली थी.
कैसी है कंपनी की कमाई?
सॉफ्टबैंक सपोर्टिव स्विगी ने वित्तीय वर्ष FY24 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान परिचालन से 5,476 करोड़ रुपये का राजस्व और 1,600 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. स्विगी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी Zomato का मौजूदा वैल्यूवेशन लगभग 27-28 बिलियन डॉलर है. हालांकि, स्विगी का फूड डिलीवरी व्यवसाय लाभदायक है, लेकिन किराना डिलीवरी इंस्टामार्ट बिजनेस अभी भी घाटे में चल रहा है.
(नोट- किसी भी आईपीओ में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)