ICC Champions Trophy 2025: पाकिस्तान को जिद पड़ेगी भारी... चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर होने का खतरा, होगा करोड़ों का नुकसान

2 months ago 13

आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को मिली थी. मगर इसके शेड्यूल और वेन्यू पर सस्पेंस बरकरार है क्योंकि भारत सरकार ने अपनी टीम को पाकिस्तान जाने की मंजूरी नहीं दी. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को इस फैसले से अवगत करा चुका है. अब आईसीसी 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत इस टूर्नामेंट को कराने की प्लानिंग कर रहा है. आईसीसी ने इसके लिए 29 नवंबर (शुक्रवार) को कार्यकारी बोर्ड की इमरजेंसी बैठक भी बुलाई.

ICC ने दिया पाकिस्तान को अल्टीमेटम

हालांकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इस बैठक के दौरान 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत प्रतियोगिता की मेजबानी करने से स्पष्ट इनकार कर दिया. ऐसे में उसे आईसीसी ने अल्टीमेटम दे दिया है. पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी ने बैठक में व्यक्तिगत रूप से भाग लिया क्योंकि वह पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए गुरुवार से दुबई में डटे हुए हैं. बीसीसीआई के सचिव जय शाह बैठक में ऑनलाइन सम्मिलित हुए, जो एक दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन का पद संभालेंगे.

आईसीसी ने इस मीटिंग के दौरान पीसीबी से साफ-साफ कह दिया कि वह या तो 'हाइब्रिड मॉडल' अपनाए या फिर इस प्रतियोगिता से बाहर होने के लिए तैयार रहे. इस मीटिंग का उद्देश्य चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए शेड्यूल तय करना था, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के कारण भारत के पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार करने के बावजूद पीसीबी ने एक बार फिर 'हाइब्रिड मॉडल' को खारिज कर दिया, जिसके बाद आम सहमति नहीं बन सकी.

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यह समझा जाता है कि आईसीसी बोर्ड के अधिकतर सदस्य पाकिस्तान की स्थिति के प्रति सहानुभूति रखते थे, लेकिन फिर भी पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी को 'हाइब्रिड मॉडल' को एकमात्र समाधान के तौर पर स्वीकार करने की सलाह दी गई. आईसीसी के अल्टीमेटम से पीसीबी सकते में आ गया है. पीसीबी ने अब अपनी सरकार के साथ आंतरिक रूप से चर्चा करने के लिए एक दिन का वक्त मांगा. पाकिस्तान अगर 'हाइब्रिड मॉडल' को स्वीकार करता है तो भारत के मुकाबले, एक सेमीफाइनल और फाइनल यूएई में आयोजित होंगे. जबकि बाकी मुकाबले पाकिस्तान में होंगे और पाकिस्तान के पास मेजबानी के अधिकार होंगे.

... तो पीसीबी को होगा करोड़ों का नुकसान

अब 'हाइब्रिड मॉडल' को एकमात्र समाधान के रूप में देखा जा रहा है. अगर टूर्नामेंट को स्थगित किया जाता है तो पीसीबी को 60 लाख डॉलर (50.73 करोड़ रुपये) के मेजबानी शुल्क से हाथ धोना पड़ेगा. इससे पीसीबी के वार्षिक राजस्व में भी भारी कटौती हो सकती है जो लगभग 350 लाख डॉलर (लगभग 296 करोड़ रुपये) है. यदि 'हाइब्रिड मॉडल' नहीं अपनाया जाता है तो आईसीसी को भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि आधिकारिक ब्रॉडकास्ट स्टार भी आईसीसी के साथ अपने अरबों डॉलर के करार पर फिर से बात कर सकता है.

इसी बीच दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बीसीसीआई के रुख को दोहराया कि भारतीय टीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर सकती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब भारतीय टीम के चैम्पियंस ट्रॉफी में भाग लेने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि वहां सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हैं और इसलिए यह संभावना नहीं है कि टीम वहां जाएगी.'

इस प्रतियोगिता का आयोजन 19 फरवरी से नौ मार्च के दौरान ही होने की संभावना है. भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में क्रिकेट नहीं खेला है. चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 के बाद पहली बार ICC कैलेंडर में वापसी कर रही है. पाकिस्तान ने 2017 में इंग्लैंड में आयोजित चैम्पियंस ट्रॉफी के पिछले संस्करण को जीता था.

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Article From: www.aajtak.in
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