20 से 22 जून तक ऐसा चंद्रमा निकलने वाला है, जिसे स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) कहते हैं. लेकिन इसका बेहतरीन नजारा 21 जून को देखने को मिलेगा. यह समर सोल्सटिस (Summer Solstice) से एक दिन बाद निकलेगा. यह इस बार सैगिटेरियस नक्षत्र (Sagittarius Constellation) में चमकता नजर आएगा.
इस चंद्रमा के और भी कई नाम हैं. लेकिन इसे आमतौर पर स्ट्रॉबेरी मून कहते हैं. हैरानी की बात ये है कि इस चांद का 'हनीमून' से सीधा संबंध है. पहले इसके और नाम जानते हैं फिर हनीमून का खुलासा भी किया जाएगा. स्ट्रॉबेरी मून को हॉट मून, हनी मून (Honey Moon) और रोज मून भी कहा जाता है.
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उत्तरी अमेरिका के एल्गोनक्विन आदिवासियों ने इसका नाम स्ट्रॉबेरी मून रखा था. क्योंकि इसी समय उत्तरी अमेरिका में स्ट्रॉबेरी फल काटने का वक्त होता है. अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री की एस्ट्रोफिजिसिस्ट जैकी फैहर्टी ने बताया कि नाम के आधार पर लोग चांद का रंग समझने की कोशिश करते हैं लेकिन ये स्ट्रॉबेरी के रंग का या लाल या गुलाबी एकदम नहीं दिखेगा. ये अपनी पीली रोशनी के साथ दिखाई देगा.
अलग-अलग रंगों में क्यों दिखता है चांद?
जैकी कहते हैं कि यह स्वर्णिम यानी सोने के रंग जैसा पीला दिखेगा. हल्का लाल रंग का असर होगा. यह निर्भर करता है कि उस समय आपके ऊपर के वायुमंडल में किस तरह के रसायनों का प्रभाव ज्यादा है. असल में ग्रे रंग का चांद सूरज की रोशनी और वायुमंडल में मौजूद गैसों और रसायनों की वजह से अलग रंगों में दिखता है.
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धरती के नजदीक आते ही दिखता है असली चांद
जैकी ने कहा कि जब फुलमून उगता है तब उसे देखना एक अलौकिक होता है. वह भी तब जब चांद धरती के नजदीक हो. आपको उस समय चांद के पहाड़, गड्ढे, घाटियां, क्रेटर के इम्पैक्ट आदि सब दिखाई देते हैं. अब सवाल ये उठता है कि स्ट्रॉबेरी मून का हनीमून से क्या संबंध है. इसे हनीमून क्यों बुलाते हैं?
क्या है अलग-अलग नाम के पीछे की कहानी?
स्ट्रॉबेरी मून को हॉट मून भी कहते हैं. क्योंकि यह गर्मी में निकलता है. इसे रोज मून भी कहते हैं क्योंकि इस समय दुनियाभर में कई स्थानों पर गुलाब की फसल लहराती है. नासा के मुताबिक यूरोपियन लोग इसे हनी मून भी कहते हैं, क्योंकि इस समय शहद के छत्ते तैयार हो चुके होते हैं. उसमें से शहद निकालने का समय होता है.
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शादी वाले हनीमून से भी होता है संबंध
इसका शादी वाले हनीमून से भी संबंध है. पूछिए कैसे क्योंकि हनीमून शब्द का उपयोग 1500 सदी से होता आ रहा है. इसी समय दुनियाभर में कई देशों में शादियां होती हैं. शादियों के बाद अक्सर लोग हनीमून मनाने कहीं न कहीं जाते हैं.
चांद के नाम देश, संस्कृति और त्योहारों के नाम पर
जैकी कहती है कि दुनिया के अलग-अलग स्थानों पर लोगों ने अपनी संस्कृति, समय, त्योहार और मौके के अनुसार इसे अलग-अलग नाम दिया है. इसलिए इन नामों को सुनने और समझने में अच्छी फीलिंग आती है. आपको इनका नाम सुनकर डर या बेचैनी नहीं होगी. इसके नाम को लेकर कोई गणित, विज्ञान या तर्क नहीं लगाया गया है. यह सिर्फ लोगों की मान्यताओं पर आधारित है.