साजिश या लापरवाही... कैसे डूबा बवाना? दिल्लीवालों को राहत देने वाली मुनक नहर बनी आफत

4 months ago 15

राजधानी दिल्ली का बवाना इलाका बुधवार की रात डूब गया. लोग जब गुरुवार सुबह अपने घरों में उठे तो उन्होंने खुद को चारों तरफ पानी से घिरा पाया. खाने-पीने के अलावा घर का जरूरी सामान भी पानी में डूब गया. आमतौर पर देखा जाता है कि शहरों में ऐसी स्थिति भारी बारिश के बाद होती है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में कमाल हो गया.

यहां प्रशासन की लापरवाही ने लोगों के घरों को बेमौसम ही पानी-पानी कर दिया. दिल्ली के बवाना इलाके की जेजे कॉलोनी में नजारा कुछ यूं हैं कि गली-रास्ते-घर हर तरफ पानी है. लोग अपने घरों को इसी तरह से डूबकर जाने को मजबूर हैं.

देर रात नहर से आई बाढ़
आजतक से बात करते हुए यहां की निवासी पीड़िता नीलम देवी रोते हुए कहती हैं कि 'रात में एकाएक पानी आया. सबने कहा भागो. जो पैसे थे वो भी बह गए. हमारे पास तो कुछ भी नहीं है. जैसे-तैसे गुजारा चलाते थे वो भी चला गया.' दिल्ली के इस इलाके में जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तभी अचानक बाढ़ की जैसी स्थिति से वह लोग घिर गए और ये सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला.

बवाना

मानसून में सड़क-गली डूबने को ़दिल्ली मान चुकी है तकदीर
अब आप सोच रहे होंगे कि बिना बरसात आखिर दिल्ली का बवाना डूबा कैसे तो इसका जवाब मुनक नहर है. जिसका एक हिस्सा टूटा और पानी आसपास के इलाके में फैल गया. जब तक प्रशासन कुछ कर पाता बवाना पानी में डूब गया. जरा सी बारिश में दिल्ली हर साल तालाब बन जाती है. हर बरसात की यही कहानी है. मॉनसून में सड़क-कॉलोनी सब डूब जाने को दिल्लीवाले अपनी तकदीर मान चुके हैं, लेकिन दिल्ली वालों के लिए मुनक नहर का इस तरह टूटना दोहरी चिंता की बात है. मुनक नहर को दिल्ली की वाटर लाइफ लाइन माना जाता है इस नहर में पानी हरियाणा से आता है. यह दिल्ली के एक बड़े हिस्से की प्यास बुझाती है. इसके बावजूद इस नहर का एक हिस्सा टूट गया, जबकि इसकी अहमियत को देखते हुए इस नहर की पेट्रोलिंग तक होती है.

सवाल, इतनी अहम नहर का हिस्सा टूट कैसे गया?
इतनी अहम नहर का ये हिस्सा कैसे टूट गया, ये अपने आप में बड़ा सवाल है? क्योंकि ये वो पानी है. जो दिल्ली वालों की प्यास बुझाने के लिए हरियाणा की तरफ से आ रहा था लेकिन राहत की जगह आफत बन गया. आलम यह है कि जेजे कॉलोनी में घुटने तक पानी है. इससे लोगों को मौका ही नहीं मिला. गेंहू-आटा भीग गया. अंदर पैर फिसल रहा है.

मुनक नहर के कंक्रीट का हिस्सा कैसे टूटा इसे लेकर सवाल बना हुआ है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने भी मुनक नहर का दौरा किया और नहर की मरम्मत जल्द से जल्द पूरी होने का भरोसा जताया. रात को 12 से 2 के बीच नहर का ये हिस्सा टूटा. इस नहर को हरियाणा इरिगेशन डिपार्टमेंट देखती है. रिपेयर का काम जारी है और एक तरफ बंद करके पानी का फ्लो रोका गया है.

जल चोरी और जल संकट से जूझती रही है मुनक नहर
मुनक नहर को दिल्ली के लिए जीवन रेखा माना जाता है. मुनक नहर वर्षों से पानी की चोरी और जल संकट से जूझ रही है. लेकिन उसके कंक्रीट के हिस्से में इतनी बड़ी टूट ने इस नहर को लेकर नई चूक को सामने ला दिया है. मुनक नहर से द्वारका, बवाना और नांगलोई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पानी की सप्लाई होती है. इस नहर के टूटने से इनके प्रोडक्शन पर असर होने की बात सरकार ने खुद बताई. द्वारका में तो पानी की सप्लाई शुक्रवार शाम तक सामान्य हो पाएगी. सवाल ये है कि क्या नहर को टूटने से बचाया जा सकता था? क्या किसी ने जानबूझकर मुनक नहर को तो़ड़ा?

क्या किसी साजिश के तहत मुनक नहर में टूट को अंजाम दिया गया? दिल्ली की एक अहम नहर का हिस्सा कैसे टूट गया, अब सरकार इसकी जांच करेगी, मौके पर गईं दिल्ली की जल मंत्री ने ऐलान किया है कि साजिश के एंगल से भी जांच होगी.

बवाना

क्या इस घटना को रोका जा सकता था?
जांच की बात तो ठीक है, लेकिन क्या समय रहते इस घटना को रोका जा सकता था? इस सवाल का जवाब बवाना के लोग 'हां' में देते हैं. जिनके मुताबिक उन्होंने 27 जून को वीडियो बनाकर संबंधित विभाग को भेज दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लोगों ने बताया कि पिछले महीने वीडियो बनाकर भेजी थी कि मुनक नहर में 5-6 इंच का होल था. खेती वाले लोग पाइप लगाते हैं, इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया. जो लोग खेती करते हैं, वह लोग इस तरीके से नहर में होल कर देते हैं, उनसे पैसे लिए जाते हैं. 

बवाना

स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने मुनक नहर को कमजोर करने की बात की शिकायत की थी. बताया कि खेती करने वाले लोग मुनक नहर से पानी चुराने के लिए उसमें छेद करके पाइप लगा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. क्योंकि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है. BJP का आरोप है कि कई साल पहले DDA ने ये कॉलोनी दिल्ली सरकार को दे दी थी. BJP दावा करती है कि सीवर और पानी की लाइन डालने के लिए डीडीए ने 18 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड को भी दिए, लेकिन कोई काम नहीं हुआ और फिर ये नौबत आ गई.

बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच होती रही है सियासी जंग
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच इस तरह की सियासी जंग नई नहीं है. पहले पीने के पानी को लेकर रार चल रही थी और अब बवाना में मुनक नहर टूटने के बाद आई बाढ़ को लेकर दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन दोनों के सियासी झगड़े में जनता पूछ रही है कि, उसे ही हर बार अग्निपरीक्षा क्यों देनी पड़ती है. 

ये वही मुनक नहर है जिसमें कम पानी बहे तो दिल्ली वालों को पीने के पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है, और मुनक नहर टूट गयी तो लोगों के घरों तक बाढ़ का पानी पहुंच जाता है. लेकिन राजनीति करने वाले आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं और सवाल यह है कि दिल्ली वालों को इस मुसीबत से बाहर निकालने के लिए कौन सामने आएगा.

Article From: www.aajtak.in
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