राजस्थान के विधायक बालमुकुंद आचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक स्ट्रीट फूड स्टॉल पर नाराज होते नजर आ रहे हैं. वजह है एक वेज सोयाबीन बिरयानी बेचने वाले ठेले पर लिखा था 'जय श्री श्याम' साथ ही उस पर खाटू श्याम बाबा की तस्वीर भी लगी थी. वीडियो में विधायक आचार्य स्टॉल संचालक को शांत लेकिन स्पष्ट लहजे में समझाते हैं कि भगवान का नाम और तस्वीर भोजन व्यवसाय से जोड़ना गलत है, खासकर जब वो व्यंजन किसी विशेष संस्कृति से जुड़ा हो.
यह मुगलिया फूड है, मुगलिया…
वायरल वीडियो में बालमुकुंद आचार्य कहते सुने जा सकते हैं कि यह मुगलिया फूड है. ये सनातन के देवता हैं श्याम. इनकी फोटो लगानी चाहिए क्या? इनका नाम लिखना चाहिए क्या? आपको बिरयानी बेचनी है बेचो, मैं आपत्ति नहीं कर रहा, लेकिन भगवान की फोटो के साथ बिरयानी मत बेचो. अब कल आप लिख दोगे श्याम चिकन? ये कोई बात नहीं होगी. हाथ जोड़ के प्रार्थना है, आप डायरेक्ट बिरयानी लिख दो, हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन ये भगवान की फोटो और नाम के साथ मत बेचो. वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टॉल संचालक हाथ जोड़कर विधायक की बात सुनता रहा और कोई बहस नहीं की.
विधायक ने खुद पोस्ट किया वीडियो
विधायक बालमुकुंद आचार्य ने स्वयं यह वीडियो अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया और लिखा: सड़क किनारे एक फूड स्टॉल देखा, जिसका नाम हमारे पूज्य बाबा श्याम के नाम पर रखा गया था और उस पर भगवान की तस्वीर भी लगी हुई थी. यह देखकर मन अत्यंत आहत हुआ, क्योंकि हमारे देवी-देवताओं का नाम और स्वरूप इस प्रकार के कार्यों से जोड़ना न केवल अनुचित है, बल्कि आस्था का घोर अपमान भी है. मैंने स्टॉल संचालक को शांतिपूर्वक समझाया कि व्यापार आपका अधिकार है, पर धर्म का अपमान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं. सनातन संस्कृति की मर्यादा बनी रहे. यही हमारा संकल्प है.
सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई. कुछ लोगों ने विधायक की भावनाओं का समर्थन किया, यह कहते हुए कि देवी-देवताओं के नाम और तस्वीरों का इस प्रकार व्यावसायिक उपयोग करना असंवेदनशील है और इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. वहीं, एक यूजर्स ने इसे मुद्दों से भटकाने वाला और जरूरत से ज्यादा हस्तक्षेप का करार दिया. एक यूजर ने लिखा कि वो वेज खाना बेच रहा है. श्रद्धा से भगवान का नाम ले रहा है तो क्या उसमें भी आपत्ति होनी चाहिए? वहीं एक अन्य यूज़र ने टिप्पणी की कि भगवान का नाम कमर्शियल उपयोग के लिए नहीं, बल्कि पूजन और आराधना के लिए है. विधायक जी ने सही बात उठाई.
आज सड़क किनारे एक फूड स्टॉल देखा, जिसका नाम हमारे पूज्य बाबा श्याम के नाम पर रखा गया था और उस पर भगवान की तस्वीर भी लगी हुई थी।
यह देखकर मन अत्यंत आहत हुआ, क्योंकि हमारे देवी-देवताओं का नाम और स्वरूप इस प्रकार के कार्यों से जोड़ना न केवल अनुचित है, बल्कि आस्था का घोर अपमान भी है।… pic.twitter.com/1acV7J5LJi