जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. इसी क्रम में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हिंदू संघर्ष समिति के तत्वावधान में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया. लेकिन यह रैली तब विवादों में आ गई, जब भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भारी भीड़ ने विरोध करते हुए धक्का-मुक्की कर दी.
इस घटना से नाराज BKU अध्यक्ष नरेश टिकैत ने शनिवार को मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में आपातकालीन महापंचायत बुलाने की घोषणा की. उन्होंने इसे किसान समाज के 'सम्मान की रक्षा' का विषय बताया और कहा कि यह महापंचायत किसी पार्टी, मजहब या व्यक्ति विशेष से जुड़ी नहीं, बल्कि किसानों की अस्मिता से जुड़ा निर्णय स्थल होगा.
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राकेश टिकैत के साथ हुई धक्का-मुक्की के बाद उनके आवास पर बड़ी संख्या में किसान एकत्र हो गए. वहीं, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद हरेंद्र मलिक ने भी टिकैत से मुलाकात कर हालात की जानकारी ली. राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. खासकर इसलिए कि विरोध करने वाली भीड़ 'योगी-मोदी जिंदाबाद' के नारे भी लगा रही थी.
राकेश टिकैत ने इस विरोध को 'प्री-प्लांड' साजिश बताया और इशारों-इशारों में कुछ राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि किसानों की एकता को तोड़ने की कोशिश हो रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नरेश टिकैत ने कहा, घटना को अंजाम देने वाले लोग कहीं के भी हो सकते हैं, पर हम अपने इतिहास पर दाग नहीं लगने देंगे.
हम कमजोर नहीं हैं, पर जिम्मेदारी बड़ी है. कल की महापंचायत में सब सामने आ जाएगा. यह किसी संगठन या दल के खिलाफ नहीं, बल्कि किसान-मजदूर की गरिमा बचाने की सभा है. उन्होंने साफ किया कि महापंचायत में कोई विशेष आमंत्रण नहीं भेजा जाएगा. जो लोग किसान आंदोलन, सम्मान और एकता के साथ हैं, वे स्वयं पहुंचे.
वहीं, जिला प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं. टिकैत ने कहा कि अगर जिले में हमारे घर तक ऐसी घटनाएं होंगी, तो फिर किसान कैसे सुरक्षित रहेगा? अब सबकी निगाहें शनिवार की महापंचायत पर टिकी हैं, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति और किसान आंदोलन की दिशा तय कर सकती है.