ब्रिटेन के आम चुनावों में किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है. 14 साल विपक्ष में बैठने के बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है. इस चुनाव में शिवानी राजा काफी चर्चा में रहीं. शिवानी राजा ने लीसेस्टर ईस्ट सीट पर कंजर्वेटिव पार्टी के लिए ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिससे इस सीट पर लेबर पार्टी का 37 साल का वर्चस्व खत्म हो गया. वह भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं. शिवानी राजा ने ब्रिटेन की संसद में हाथ में भगवत गीता पकड़कर शपथ ली है.
ब्रिटेन की सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद शिवानी राजा ने X पर लिखा कि लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए संसद में शपथ लेना सम्मान की बात है. मुझे गीता पर महामहिम राजा चार्ल्स के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ लेने पर वास्तव में गर्व है.
शिवानी की जीत लीसेस्टर सिटी के हालिया इतिहास को देखते हुए काफी अहम है, यहां 2022 में भारत बनाम पाकिस्तान टी20 एशिया कप मैच के बाद भारतीय हिंदू समुदाय और मुसलमानों के बीच संघर्ष हुआ था.
शिवानी राजा ने चुनाव में 14,526 वोट हासिल किए, उन्होंने लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल को हराया, जिन्हें 10,100 वोट मिले थे. ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि लीसेस्टर ईस्ट 1987 से लेबर का गढ़ रहा है. शिवानी की जीत ने 37 वर्षों में पहली बार इस निर्वाचन क्षेत्र में एक टोरी को चुना है.
शिवानी राजा के अलावा यूके में 4 जुलाई को हुए आम चुनाव में 27 अन्य भारतीय मूल के सांसद हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने गए हैं. इस बीच ब्रिटेन के चुनाव में लेबर पार्टी के सत्ता में आने के बाद सैकड़ों नवनिर्वाचित सांसद उत्साहपूर्वक संसद पहुंचे. नए हाउस ऑफ कॉमन्स में अब तक निर्वाचित महिलाओं की संख्या सबसे अधिक 263 है, जो कुल संख्या का लगभग 40 प्रतिशत है, इसमें सबसे अधिक 90 अश्वेत सांसद हैं.
बता दें कि किएर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं. उन्होंने ब्रिटेन के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है. लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटें हासिल कीं हैं, जो 2019 के पिछले चुनाव से 211 अधिक हैं. वहीं ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने पिछले चुनाव से 250 सीटें कम यानी सिर्फ़ 121 सीटें जीती हैं. लेबर पार्टी का वोट शेयर 33.7 प्रतिशत था, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी का वोट शेयर 23.7 प्रतिशत था.
ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक अपने विदाई भाषण में भावुक हो गए थे, उन्होंने उन मतदाताओं से माफ़ी मांगी, जिन्होंने उनके नेतृत्व वाली पार्टी को करारी हार दी है, उन्होंने कहा कि केवल आपका निर्णय ही मायने रखता है. मैंने आपका गुस्सा, आपकी निराशा सुनी है और मैं इस हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं.