मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) रोज 8 से 10 घंटे की पूछताछ कर रही है ताकि 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमलों के पीछे की गहरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे. राणा ने हिरासत में एक पेन, एक नोटपैड और कुरान की मांग की है. सोमवार को यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी.
सूत्रों के मुताबिक, NIA अधिकारी राणा की मेडिकल जांच सुनिश्चित कर रहे हैं और दिल्ली की एक अदालत के आदेश के अनुसार उसे अपने वकील से मिलने की अनुमति भी दी गई है. अदालत ने शुक्रवार सुबह राणा को 18 दिन की NIA हिरासत में भेजा था. राणा को हाल ही में अमेरिका से भारत लाया गया है.
हिरासत में तहव्वुर राणा ने क्या-क्या मांगा?
सूत्रों के अनुसार, राणा से रोजाना 8-10 घंटे पूछताछ हो रही है. एक सूत्र ने बताया, 'राणा पूछताछ में सहयोग कर रहा है.' पूछताछ की अगुवाई NIA की मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय कर रही हैं. अब तक राणा ने सिर्फ तीन चीजें मांगी हैं- एक पेन, कुछ कागज या नोटपैड और कुरान. ये सब उसे मुहैया करा दिए गए हैं.
खाने में कोई खास डिमांड नहीं
राणा ने खाने को लेकर अब तक कोई खास मांग नहीं की है और उसे वही खाना दिया जा रहा है जो अन्य आरोपियों को NIA के नियमों के अनुसार मिलता है. सूत्रों के अनुसार, राणा को दिल्ली स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में NIA मुख्यालय की एक हाई-सिक्योरिटी वाली सेल में रखा गया है, जहां 24 घंटे तैनात सुरक्षाकर्मी निगरानी कर रहे हैं.
कलेक्ट किए जा सकते हैं आवाज के सैंपल
जांचकर्ता पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तहव्वुर राणा के संबंधों की जांच कर रहे हैं. इसके साथ ही, दुबई में बैठे एक हैंडलर से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, डेविड हेडली के साथ बातचीत की पुष्टि के लिए तहव्वुर राणा की आवाज के सैंपल कलेक्ट किए जा सकते हैं.
अब तक की पूछताछ में क्या पता चला?
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया तो उसे रिसीव करने वाला शख्स 'B' ही था, जिसे तहव्वुर हुसैन राणा ने फोन करके हेडली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा था. अब NIA की टीम इन 18 दिनों की पूछताछ के दौरान इस महत्वपूर्ण गवाह 'B' से राणा का आमना-सामना करवा सकती है. शुरुआती पूछताछ में जांच एजेंसी को पता चला है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचबुतनी गांव का रहने वाला है.
कॉलेज में हुई थी हेडली से मुलाकात
उसके पिता एक स्कूल में प्रिंसिपल थे. तहव्वुर राणा का एक और भाई है. राणा खुद पाकिस्तानी सेना के मेडिकोल कोर में मनोचिकित्सक था और उसका दूसरा भाई पेशे से पत्रकार है. तहव्वुर राणा ने कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की थी. यहीं पर उसकी मुलाकात डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी. दोनों ने पांच साल इसी कॉलेज में साथ पढ़ाई की थी. राणा पाकिस्तानी सेना से रिटायरमेंट के बाद 1997 में अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा शिफ्ट हो गया और वहां इमिग्रेशन सर्विस और हलाल मीट का बिजनेस शुरू किया.
राणा को था सेना की वर्दी का शौक
तहव्वुर हुसैन राणा को पाकिस्तानी सेना की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वह अक्सर फौजियों वाले कपड़े पहनकर कुछ लोगों से मिलने जाता था. पूछताछ में सामने आया है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी के कैंपों का दौरा भी किया था, वह भी पाकिस्तान आर्मी और ISI के लोगों के साथ वर्दी पहनकर. राणा की भारत विरोधी मानसिकता और आतंकी संगठनों से नजदीकी उसे एक खतरनाक साजिशकर्ता के रूप में सामने लाती है.