आसिम मुनीर जीत गया... लेकिन पाकिस्तान फिर हार गया!

1 hour ago 2

भारत और पाकिस्तान का हालिया संघर्ष युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ. हालांकि इस मुकाबले की ट्रॉफी जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ले उड़े उससे दोनों खिलाड़ी हैरान हैं. पर्दा गिर चुका है, धुआं छंट गया है और स्कोर कार्ड सबके सामने है. भारत ने इस स्पष्ट जीत में दुश्मन को नॉकआउट पंच दिया है. उसने अपनी प्रतिरोधक क्षमता को पुख्ता किया है और अपना प्रभुत्व साबित किया है.

उधर, अभी काउंटिंग चल ही रही थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने ऐलान कर दिया कि "वो जीत गए हैं". पेशावर से लेकर चीचावतनी तक सड़कें जश्न में डूब गईं. जश्न मनाते लोग इस बात से अनजान हैं कि उनके एयरफील्ड अब स्विस चीज़ की तरह छलनी हो चुके हैं. उनके सैन्य ठिकानों की भारतीय हमलों ने सूरत बिगाड़ दी है. खैर, जब आपके पास लॉलीवुड को भी शर्मिंदा करने वाली पीआर मशीन हो, तो तथ्यों की किसे परवाह?

वहीं इस तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस को नष्ट करने के पाकिस्तान के दावे की धज्जियां उड़ाते हुए वहां का दौरा किया. मोदी के इस दौरे के जो फोटो सामने आए वो किसी कूटनीतिक स्ट्राइक से कम नहीं हैं.  

21वीं सदी के युद्ध में न कोई जीतता है और कोई हारता है. युद्ध में केवल ज्यादा या कम नुकसान झेलने वाले पक्ष होते हैं फिर भी चार दिन चले इस युद्ध में एक विजेता था और वो था आसिम मुनीर.

आसिम मुनीर ने हार को ताजपोशी में कैसे बदला?
पाकिस्तान की सेना जिस समय अपने जख्मों को सहला रही थी, उसके चीफ आसिम मुनीर ने हार के इस मौके को भी अपनी ताजपोशी में बदल दिया. हाल ही में मंच पर खड़े होकर दो-राष्ट्र सिद्धांत का जिक्र करने वाले और "दुश्मन को कुचलने" की कसम खाने वाले इस शख्स ने जीत नहीं, बल्कि उससे कहीं अधिक मूल्यवान चीज हासिल की है और वो है अपनी प्रासंगिकता.

2 साल पहले 9 मई 2023 को पाकिस्तान में कुछ ऐसा हुआ जो अकल्पनीय था. जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक सेना के खिलाफ हो गए. वो सड़कों पर उतर आए. उन्होंने इतना उपद्रव किया कि सैन्य प्रतीकों तक को नहीं बख्शा. सेना के शीर्ष अधिकारियों के घरों पर हमला हुआ. ऐसा पहली बार था कि वो सेना जो कभी राष्ट्र रक्षक के रूप में पूजी जाती थी, जनता की नजरों में खलनायक बन गई.

जनरल आसिम मुनीर ने अपने पूर्ववर्ती जनरल बाजवा का पाकिस्तान इमरान खान से बदला है. बाजवा का सिद्धांत पाकिस्तान की ‘भारत को हजार घाव देने’ की कुख्यात नीति से अलग था, क्योंकि उन्हें एहसास हो चुका था कि भारत के साथ हर झड़प के बाद पाकिस्तान का कद घटता जा रहा है. वो चाहते थे कि जब तक पाकिस्तान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर न हो जाए, तब तक युद्धविराम ही रहे, लेकिन पाक के सबसे लोकप्रिय चेहरे इमरान खान और सबसे ताकतवर शख्स बाजवा के बीच ऐसी अनबन हुई कि जाते-जाते बाजवा ने अपनी कुर्सी पर आसिम मुनीर को बैठा दिया.

पाकिस्तान की सेना जिसने न युद्ध जीते, न हारे चुनाव 
पाक सेना के बारे में कहा जाता है कि उसने कोई युद्ध नहीं जीता और कोई चुनाव नहीं हारा. आसिम मुनीर ने भी सेना का ये रिकॉर्ड कायम रखा. मुल्क में दिखावटी चुनाव हुए. इमरान खान की पार्टी बैन हुई और शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया गया. लोगों ने नाराजगी जताई, लेकिन सेना अपनी राह पर बढ़ती रही.

मुनीर ने प्रवासी पाकिस्तानियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि उनके पास भारत और हिंदुओं के लिए एक सरप्राइज है. इसके ठीक बाद कश्मीर में पहलगाम हमला हुआ. कोई सीधा लिंक तो नहीं मिला, लेकिन खुफिया इनपुट यही है कि पाकिस्तान की कुख्यात एजेंसी आईएसआई में से ही किसी ने इस ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी.

26 टूरिस्टों की भयानक हत्या ने इस ताजा तनाव की पृष्ठभूमि तैयार की. भारत ने बदला लेने की कसम खाई और नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को सावधानीपूर्वक बचाते हुए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. पाक ने जवाबी हमले की धमकी दी और ड्रोन व मिसाइलों के साथ भारत के सैन्य ठिकानों और शहरों पर हमले की कोशिश की. हालांकि लगभग ये सारे हमले नाकाम ही रहे. भारत ने इसके बाद पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर इतने जबरदस्त हमले किए कि अमेरिका को बीच में आकर युद्धविराम करवाना पड़ा.

लेकिन आसिम मुनीर ने इस सैन्य हार को अपने जनसंपर्क कार्यक्रम में बदल दिया. भारतीय हमलों से घायल और थकी पाकिस्तानी सेना एक बार फिर राष्ट्र की चहेती बन गई. वो जनता जो दो साल पहले जनरलों के पुतले जला रही थी, अब मुनीर के समर्थन में खड़ी है, इसमें इमरान खान के समर्थक भी शामिल हैं.

युद्ध एकता लेकर आता है और मुनीर ने इसका इस्तेमाल एक एक्सपर्ट की तरह किया. भारतीय जेट विमानों को मार गिराने के पूरी तरह से संदिग्ध प्रोपेगेंडा ने देश में कमाल कर दिया. मुनीर की तारीफ में उसकी मुट्ठी में बंद मीडिया और भाड़े के "विदेशी विश्लेषकों" ने ऐसे गीत गाए कि जनता को यकीन हो गया है कि पाकिस्तान इस जंग में विजयी रहा और ये सब उसके दृढ़ नेतृत्व की ही बदौलत हुआ.

सेना प्रमुख ही नहीं, धार्मिक प्रतीक के रूप में भी स्थापित हो गया आसिम मुनीर
चुनावों में धांधली, इमरान खान को जेल में डालना, लोकतंत्र का गला घोंटना जैसे सारे दाग भारत की कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के खून में धुल गए हैं. किसी समय मुखर दिखने वाली सिविल सोसायटी अब उसके पैरों में गिर रही है. मुनीर, एक हाफिज जो कुरआन की आयतें पढ़ने का मौका कभी नहीं चूकता, उसने खुद को न केवल एक सेना प्रमुख के रूप में बल्कि एक धार्मिक प्रतीक के रूप में भी स्थापित कर लिया है.

सेना का प्रवक्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्लाम और जिहाद को सेना की प्रेरणा बता रहा है. मुनीर ने पाकिस्तान के धार्मिक जोश को अपनी बेहद शातिर रणनीति के साथ भुनाया, ताकि वो खुद को देश के रक्षक के रूप में स्थापित कर सके.

आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहावलपुर के मरकज सुभानल्लाह से भी ज्यादा बर्बाद है, राजनीति शाहबाज एयरबेस के हैंगर से भी ज्यादा टूटी हुई है. फिर भी, मुनीर पहले से कहीं अधिक ऊंचा खड़ा है. वो अपने ही विरोधाभासों के धुंध में खोए हुए राष्ट्र पर सवार है. हर बार जब पाकिस्तान की लोकतांत्रिक शक्तियां आशा की रस्सी पकड़ती हैं, और हर बार सेना युद्ध और धर्म की तेज तलवार से उसे काट देती है.

मई 2025 के सिंदूर युद्धविराम ने मुनीर को वह दिया जो वह चाहता था. अपनी “सुप्रीम लीडरशिप” के लिए एक लाइफलाइन. पाकिस्तान की त्रासदी यह नहीं कि वह युद्ध हार गया. बल्कि ये है कि उसके लोग बार-बार ऐसे लोगों के हाथों अपना भविष्य गंवा देते हैं. लोकतंत्र पहले भी दूर था और अब और दूर हो गया है. उनका राजनीतिक भविष्य एक हाफिज के हाथों में है. हाफिज, खुदा तुम्हारा.

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request