गुजरात के भरूच से आया जॉब इंटरव्यू का वीडियो सत्ता के गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है. सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस वीडियो को x पर पोस्ट किया है और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. दरअसल भरूच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक इंटरव्यू सेंटर पर युवाओं की भीड़ लगी हुई है. सभी यहां जॉब इंटरव्यू के लिए आए थे. इस दौरान भीड़ में भगदड़ जैसे हालात बन जाते हैं. भीड़ के दबाव के कारण रेलिंग टूट जाती है, जिससे एक छात्र गिरकर घायल हो गया.
राहुल गांधी ने शेयर किया वीडियो
राहुल गांधी ने X पर वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा कि, 'बेरोज़गारी की बीमारी' भारत में महामारी का रूप ले चुकी है और भाजपा शासित राज्य इस बीमारी का 'एपिसेंटर' बन गए हैं. एक आम नौकरी के लिए कतारों में धक्के खाता ‘भारत का भविष्य’ ही नरेंद्र मोदी के ‘अमृतकाल’ की हकीकत है.'
कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग शुरू
बता दें कि, एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 40 वैकेंसी के लिए एक फर्म द्वारा आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू में लगभग 1000 लोगों के शामिल होने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई. जिस होटल में इंटरव्यू हो रहा था, उसकी एंट्री की ओर जाने वाले रैंप पर चढ़ने की कोशिश कर रहे अभ्यर्थियों ने धक्का-मुक्की की और रैंप की रेलिंग ढह गई, जिससे कई अभ्यर्थी गिर गए, हालांकि कोई गंभीर घायल नहीं हुआ.
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई. कांग्रेस ने कहा कि इसने "गुजरात मॉडल" (सत्तारूढ़ पार्टी जिस विकास की बात करती है) को उजागर कर दिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि कांग्रेस वीडियो के माध्यम से राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.
अखिलेश यादव बोले, जब तक भाजपा है तब तक कोई उम्मीद नहीं
भरूच के इस वीडियो को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी X पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा कि, 'ये है झूठे विकास के गुजरात मॉडल का सच … दस-बीस हज़ार रुपये के लिए आई कुछ रिक्तियों के लिए हज़ारों का जमावड़ा. भाजपा ने देश भर के युवाओं को अपनी नीतियों की वजह से बेरोज़गारी के महासागर में धकेल दिया है. यही वो युवा हैं जो भाजपा सरकार को हटाकर अपने भविष्य का रास्ता बनाएंगे क्योंकि जब तक भाजपा है तब तक कोई उम्मीद नहीं.'
ये है झूठे विकास के गुजरात मॉडल का सच … दस-बीस हज़ार रूपये के लिए आई कुछ रिक्तियों के लिए हज़ारों का जमावड़ा। भाजपा ने देश भर के युवाओं को अपनी नीतियों की वजह से बेरोज़गारी के महासागर में धकेल दिया है। यही वो युवा हैं जो भाजपा सरकार को हटाकर अपने भविष्य का रास्ता बनाएंगे क्योंकि… pic.twitter.com/L9H6kCvEkQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 11, 2024कांग्रेस के आरोप निराधारः हर्ष सांघवी
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने वायरल वीडियो और कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे आरोपों को लेकर कहा है कि, ये लोग बेरोजगार नहीं हैं. आरोप निराधार हैं. उन्होंने X पर पोस्ट में लिखा कि, 'अंकलेश्वर का एक वायरल वीडियो गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. वॉक-इन इंटरव्यू विज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अनुभवी उम्मीदवारों की आवश्यकता है, जिसका अर्थ है कि वे पहले से ही कार्यरत हैं. इस प्रकार, यह दावा करना कि ये लोग बेरोजगार हैं, यह आरोप निराधार है.'
A viral video from Ankleshwar is attempting to defame Gujarat.
The walk-in interview ad clearly states that experienced candidates are needed, implying they are already employed. Thus, claiming these individuals are unemployed is baseless. pic.twitter.com/DZqz9bsFp9
भीड़ के दबाव से टूटी रेलिंग
अंकलेश्वर की एक होटल में वॉक इन इन्टरव्यू मंगलवार को रखे गए थे. जिसमें पांच जगहों के लिए वैकेंसी थी और कैंडिडेट्स को बुलाया गया था. इसके लिए केमिकल इंडस्ट्री के अनुभव वाले युवाओं की जरूरत थी. शिफ्ट इंचार्ज के लिए योग्यता बीइ इन केमिकल की डिग्री और 6 से 10 साल का अनुभव मांग गया था.
इन पदों के लिए थे इंटरव्यू
प्लांट ऑपरेटर के लिए आइटीआइ पास और 3 से 8 साल का अनुभव, सुपरवाइजर की पोस्ट के लिए बीएससी-एमएससी, डिप्लोमा इन केमिकल की डिग्री और 4 से 8 साल का अनुभव, मिकेनिकल फिल्टर की वैकेंसी के लिए आइटीआइ पास और 3 से 8 साल का अनुभव, एक्जीक्युटीव की जगह के लिए बीएससी या एमएससी पास और 4 से 7 साल का अनुभव मांगा गया था.
1000 ज्यादा आ गए थे कैंडिडेट
एक दिन के लिए वॉक इन इन्टरव्यू रखा गया था. होटल पर मौजूद लोगों में से एक ने कैमरे पर न आने की शर्त पर बताया कि आम तौर पर 500 लोगों के लिए जगह होती है पर एक साथ 1000 से ज्यादा कैंडिडेट आ गए थे जिसकी वजह से यह हुआ. इस बारे में कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की गई, पर उनसे बात नहीं हो सकी है, इसके साथ ही मिलने से भी इंकार किया.