अगर आपसे कहा जाए कि दिन-रात मेहनत करने से कुछ नहीं होगा. इस तरीके से आप पैसे तो कमा लेंगे, लेकिन फाइनेंशियली गोल हासिल नहीं कर पाएंगे. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आप समझ नहीं पा रहे होंगे. दरअसल, आपने अपने आसपास कुछ लोगों को देखा होगा, जो पूरी जिंदगी मेहनत करते हैं, लेकिन उनके पास जमापूंजी के नाम पर कुछ नहीं होता. क्योंकि उन्होंने मेहनत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, लेकिन मेहनत के बाद जो कमाई हुई, उसका सही से इस्तेमाल नहीं हो पाया.
हमारे देश में अधिकतर लोग पहले खर्चों पर फोकस करते हैं, फिर जो बच जाता है, उसे सेविंग (Saving) करते हैं. यही एक बड़ी गलती है, जिसे सबसे पहले सुधारने की जरूरत है. अगर आप जॉब में हैं, तो हर महीने सैलरी (Salary) मिलती होगी, या फिर कोई बिजनेस करते हैं. सबसे पहले सैलरी मिलते ही उसमें से निवेश के लिए निर्धारित राशि को अलग कर दें, फिर बाकी बचे पैसों में ही महीने भर खर्चें चलाएं.
पैसे से पैसा बनता है...
दरअसल, जब तक आप खुद मेहनत करते रहेंगे, महीने भर का खर्चा तो आसानी से चल जाएगा, लेकिन वित्तीय गोल हासिल करने में मुश्किलें आएंगी. अगर आप पहले निवेश के लिए निर्धारित राशि को अलग कर देंगे, तो बड़ा टारगेट हासिल कर पाएंगे. क्योंकि आपने निवेश को सबसे पहले तरजीह दी है.
अगर आप सैलरीड हैं, तो ये तय है कि जब तक आप जॉब करने के लायक रहेंगे, तब तक जॉब करते रहेंगे. अधिकतम 60 साल की उम्र तक तो ये संभव है, लेकिन जब आप पैसे को काम पर लगाएंगे तो वित्तीय लक्ष्य आसान हो जाएगा. आइए जानते हैं ये कैसे संभव है?
अगर आपसे कहा जाए कि आप खुद को नहीं, पैसे को काम पर लगाएं, तभी अमीर बन पाएंगे, आपको जरूर अटपटा लगेगा. लेकिन ये सच है, जब आप सैलरी का एक निर्धारित हिस्सा हर महीने सही तरीके से सही जगह पर निवेश करेंगे. तो कुछ साल में आपको सैलरी के बराबर निवेश से आय होने लगेगी. इसके लिए आपको अपनी सैलरी का कम से कम 30 फीसदी हिस्सा हर हाल में सबसे पहले निवेश करना होगा.
10 साल के बाद मौज ही मौज
जब पैसे काम पर लग जाएगा, तो फिर पैसे से पैसा बनेगा. अगर कोई भी लगातार 10 साल तक अपनी सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा निवेश करता है तो वो 11वें साल में फील करेगा कि खुद काम करने से बेहतर है कि पैसे को काम पर लगाया जाए. क्योंकि आपकी सैलरी सालाना करीब 10 फीसदी बढ़ेगी. लेकिन जब आप पैसे को काम पर लगाएंगे तो वहां से सालाना इजाफा सैलरी के इजाफे से कई गुना ज्यादा होगा.
उदाहरण के तौर पर अभी आपकी सैलरी 50 हजार रुपये मंथली है, तो आप सबसे पहले इसमें से 30 फीसदी राशि यानी 15 हजार रुपये महीने बचाना शुरू कर दें. बाकी के 35 हजार रुपये से घर चलाएं. सेविंग के लिए निर्धारित 15 हजार रुपये में से 10 हजार रुपये महीने की म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में SIP शुरू कर देंगे, बाकी 5000 रुपये को शेयर बाजार, ETF, कॉरपोरेट बॉन्ड और गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं.
कहां करें निवेश?
यही नहीं, नौकरी की शुरुआती 10 साल तक बैंक (Bank) या पोस्ट ऑफिस (Post Office) में फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में मत सोचें, क्योंकि सालाना 7 से 8 फीसदी रिटर्न से आज के दौर में कुछ नहीं होना वाला है, इसलिए थोड़ा रिस्क जरूरी है, जब आप रिस्क लेकर म्यूचुअल फंड और डायरेक्ट इक्विटी मार्केट में पैसे लगाएंगे, तो रिटर्न भले ही तुरंत कम मिले, लेकिन लंबी अवधि में शानदार रिटर्न संभव है, जिससे आप बड़ा फंड जुटा सकते हैं.
इस फॉर्मूले से लगातार 10 साल तक निवेश करने के बाद आप खुद अनुभवी हो जाएंगे, कि कैसे पैसे से पैसे बनाए जाते हैं. और फिर पैसे काम पर लगा रहेगा और आप वित्तीय तौर पर खुशहाल जिंदगी बिता पाएंगे.
(नोट: शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)