बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को ही बंद हो जाएंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 नवंबर तो गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को बंद हो जाएंगे. अब तक 40 लाख यात्रियों ने चार धाम के दर्शन किए हैं.
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चारधाम यात्रा (फाइल फोटो/PTI)
चारधाम यात्रा को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट बंद होने की तारीख तय हो गई है. जानकारी के अनुसार, बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को ही बंद हो जाएंगे. यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 नवंबर तो गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को बंद हो जाएंगे. अब तक 40 लाख यात्रियों ने चार धाम के दर्शन किए हैं.
रील्स बनाने पर लगी थी रोक
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने अहम फैसला लेते हुए चारों धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया हेतु रील बनाने या वीडियोग्राफी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक आदेश जारी कर चार धाम मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियो और रील बनाने पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि यात्रा के दौरान मोबाइल फोन ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
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केदारनाथ का महत्व
केदारनाथ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव का एक पवित्र धाम है. हर साल यहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. केदारनाथ की गणना भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में भी की जाती है. केदारनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है. इस वजह से मंदिर का महत्व अधिक बढ़ जाता है.
बदरीनाथ का महत्व
बदरीनाथ चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है. ये हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. यह मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है. यहां पर नर और नारायण की उपासना की जाती है. ये मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडप. बद्रीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, इनमें सब से प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है.