'गलती की सजा परिवार को नहीं दी जा सकती', बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

2 months ago 22

गुजरात के एक मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुल्डोजर जस्टिस पर सवाल खड़े किए. जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि किसी शख्स के किसी केस में महज आरोपी होने के चलते उसके घर पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है. आरोपी का दोष बनता है या नहीं, यानी क्या उसने ये अपराध किया है, ये तय करना कोर्ट का काम है सरकार का नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के शासन वाले इस देश में किसी शख्स की गलती की सजा उसके परिजनों को ऐसी कार्रवाई करके या उसके घर को ढहाकर नहीं दी जा सकती. कोर्ट इस तरह की बुलडोजर कार्रवाई को नजरंदाज नहीं कर सकता. ऐसी कार्रवाई को होने देना कानून के शासन पर ही बुलडोजर चलाने जैसा होगा. अपराध में कथित संलिप्तता किसी संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार नहीं है. 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश गुजरात के जावेद अली नाम के याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. याचिकाकर्त्ता का कहना था कि परिवार के एक सदस्य के खिलाफ FIR होने के चलते उन्हें नगर निगम से घर गिराने का नोटिस यानी धमकी दी गई है.  सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियां करीब दो दशकों से उक्त घरों में रह रही हैं. 

याचिकाकर्ता के अनुसार, जब एक सितंबर 2024 को परिवार के एक सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात आई, तो नगर निगम अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के परिवार के घर को बुलडोजर से गिराने की धमकी दी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए निगम और स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी किया है.

Live TV

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request