प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली शराब घोटाले में चार्जशीट दाखिल कर दी. ईडी ने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है. जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल की भूमिका को लेकर भी खुलासा किया है. 209 पन्नों की चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल को आरोपी नंबर 37 बताया गया है.
इसके अलावा, ईडी ने हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर होने में चरणप्रीत को आरोपी बताया है. जबकि केजरीवाल और अपराध की आय को हैंडल करने वाले विनोद चौहान के बीच हुए डायरेक्ट मैसेज को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश किया है. चार्जशीट में बैंक नोट, सीरियल नंबर और व्हाट्सऐप चैट का सिलसिलेवार जिक्र किया गया है.
सेक्शन 70 के तहत केजरीवाल का रोल
अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर ईडी ने चार्जशीट में कहा, 'PMLA के सेक्शन 70 के तहत अरविंद केजरीवाल का आबकारी मामले में रोल है. अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संरक्षक होने के नाते पार्टी द्वारा किए गए हर कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं. AAP प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय की मुख्य तौर पर लाभार्थी है.'
ईडी ने कहा, 'साउथ लॉबी की तरफ से आए बतौर रिश्वत 100 करोड़ रुपए में से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल AAP ने गोवा इलेक्शन में किया. लिहाज़ा PMLA के सेक्शन 70 के तहत एक कंपनी को तरह AAP भी इस अपराध में शामिल है. लिहाज़ा चार्जशीट में AAP को भी आरोपी बनाया गया है.'
केजरीवाल को थी अपराध की आय के बारे में जानकारी
चार्जशीट में ईडी ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल को अपराध की आय के बारे में पूरी जानकारी थी और वह उसमें शामिल थे. यह पैसा गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया गया. अरविंद केजरीवाल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं इसलिए इसकी पूरी जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल की है.'
चार्जशीट के मुताबिक, 'विजय नायर, जिसकी शराब पॉलिसी में काफी बड़ी भूमिका है, वह अरविंद केजरीवाल का काफी करीबी है और केजरीवाल के इशारे पर ही काम कर रहा था. समीर महेंद्रू ने पूछताछ में बताया कि विजय नायर ने उससे कहा था कि आबकारी पॉलिसी के पीछे पूरा दिमाग अरविंद केजरीवाल का है.'
आम आदमी पार्टी आरोपी नंबर 38
ईडी की चार्जशीट में साफतौर पर कहा गया है कि शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी भी शामिल है. चार्जशीट में AAP को आरोपी नंबर 38 बताया गया है. इसी संबंध में पार्टी के कर्ताधर्ता को 12 जुलाई को तलब किया गया है.
ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक, शराब नीति में कुल 100 करोड़ की रिश्वत ली गई है. इसमें से गोवा विधानसभा चुनाव के लिए AAP को 45 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष तौर पर दिए गए हैं. यानी अपराध की आय से प्राप्त रकम में AAP 45 करोड़ की लाभार्थी रही है.
ये पैसे हवाला के जरिए गोवा ट्रांसफर किए गए और फिर चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किए गए. इस तरह से केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने अपराध की आय के 45 करोड़ रुपये उपयोग किए और उसे छुपाने की गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
क्या है ये धारा 70?
पीएमएलए की धारा 70 कंपनियों की ओर से की जाने वाली मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए लगाई जाती है. इसमें कहा गया है कि जब कोई कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग करती है, तो हर एक व्यक्ति जो अपराध के समय उस कंपनी का प्रभारी या जिम्मेदार था, उसे भी दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि, इस धारा में ये भी प्रावधान है कि किसी व्यक्ति पर मुकदमा तब नहीं चलाया जाएगा, जब वो ये साबित कर सके कि मनी लॉन्ड्रिंग उसकी जानकारी के बगैर हुई थी या उसने इसे रोकने की भरसक कोशिश की थी.
इस धारा में एक अपवाद भी जोड़ा गया है. इसके मुताबिक, कंपनी एक अलग लीगल एंटीटी भी है, लिहाजा उसके कर्मचारियों या उसे चलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ स्वतंत्र रूप से भी मुकदमा चलाया जा सकता है.