आंध्र प्रदेश पुलिस ने टीडीपी विधायक की शिकायत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों और दो सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ "हत्या के प्रयास" का मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
सत्तारूढ़ पार्टी के उंडी विधायक के रघुराम कृष्ण राजू ने यह शिकायत दर्ज कराई है. अधिकारी ने बताया कि जगन मोहन रेड्डी के अलावा पुलिस ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीवी सुनील कुमार और पीएसआर सीतारामनजनेयुलु तथा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी आर विजय पॉल और गुंटूर सरकारी सामान्य अस्पताल की पूर्व अधीक्षक जी प्रभावती के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. विजय पॉल और प्रभावती सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
विधायक ने की थी शिकायत
अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "राजू ने एक महीने पहले मेल के जरिए पुलिस को अपनी शिकायत भेजी थी और कानूनी सलाह लेने के बाद मैंने गुरुवार शाम सात बजे पूर्व सीएम और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया." अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें "हिरासत में प्रताड़ित" किया गया.
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पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 166, 167, 197, 307, 326, 465 और 506 के साथ धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया है, क्योंकि मामला तीन साल पुराना है. मामला गुंटूर के नागरमपालम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. टीडीपी नेता राजू की 2021 की गिरफ्तारी का मामला आंध्र प्रदेश में तब सामने आया, जब उन्होंने 11 जून को रेड्डी और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
दो आईपीएस भी साजिश में थे शामिल- विधायक
उन्होंने पूर्व सीएम और वरिष्ठ अधिकारियों पर उनके खिलाफ आपराधिक "साजिश" रचने का आरोप लगाया है. 62 वर्षीय राजू ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार और सीतारामनजनेयुलु, पुलिस अधिकारी विजया पॉल और सरकारी डॉक्टर जी प्रभावती उस "साजिश" का हिस्सा थे. उन्हें मई, 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच में गिरफ्तार किया गया था.
राजू ने शिकायत में आरोप लगाया, "आंध्र प्रदेश सरकार की सीबीसीआईडी ने मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया है. 14 मई, 2021 को मुझे बिना किसी उचित प्रक्रिया के गिरफ्तार कर लिया गया, मुझे धमकाया गया, अवैध रूप से पुलिस वाहन के अंदर खींचा गया और उसी रात जबरन गुंटूर ले जाया गया."