जयप्रकाश नारायण की जयंती पर एक बार फिर लखनऊ में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अखिलेश यादव जेपी सेंटर में श्रद्धांजलि के लिए अड़े हुए थे. सरकार उनके कैंपस में जाने पर रोक लगाते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया. इसके बाद अखिलेश यादव घर से बाहर निकले. उनसे पहले कार्यकर्ता जेपी की प्रतिमा लेकर यहां पहुचें और अखिलेश ने बीच सड़क पर ही माल्यार्पण कर दिया.
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इसके बाद अखिलेश यादव ने वहां उपस्थित सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा, 'ये विनाशकारी सरकार है. जे लोग जेपीएनआईसी को बेचना चाहते हैं. हम हर साल जेपी जयंती मनाएंगे. ये सरकार गूंगी बहरी सरकार है. ये सरकार समाजवादियों को जेपी जयंती नहीं मनाने दे रही है. आज रामनवमी है और ये लोग हमें त्योहार नहीं मनाने दे रहे हैं.'
अखिलेश यादव ने कहा, 'सरकार जेपीएनआईसी को बेच देना चाहती है. साजिश ये है कि वर्ल्ड क्लास बिल्डिंग को बेचकर लाभ लेना चाहती है. जो सरकार भेड़ियों से गरीबों को नहीं बचा पा रही हैं. जो गुलदार से गरीबों और किसानों को नहीं बचा पा रही है, यह सरकार गरीबों की मदद नहीं कर पा रही है. ये सरकार हमारी स्वास्थ्य कि चिंता क्यों कर रही है जो कह रही है कि वहां पर बिच्छू हैं. हमारी चिंता मत करिए. इस सरकार में बिच्छू हैं.'
-अखिलेश यादव के घर के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है, अखिलेश यादव की सुरक्षा में तनाव पुलिस फोर्स के अलावा किसी के भी आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. सपा अध्यक्ष के आवास की तरफ जाने वाले दोनों तरफ के रास्तों पर पुलिस ने करीब 200 मीटर पर ही बैरिकेडिंग लगाई है.
-अखिलेश यादव के घर के बाहर जेपी की प्रतिमा को लेकर एक गाड़ी निकल गई है. कहा जा रहा है कि कुछ ही देर में अखिलेश यादव भी घर से बाहर निकलेंगे और कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे.
- विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार समाजवादियों को JPNIC जाने से क्यों रोकना चाहती है? ऐसा क्या कर दिया है, जिसकी वजह से किसी को अंदर नहीं जाने देना चाहती, हम तो सिर्फ जयंती पर माल्यार्पण करते, कौन सा उनका ईंट-रेलिंग उठा ले आते. यह सरकार की तानाशाही है.
- इस पूरे मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, 'अखिलेश जवाब दें कि समाजवादी पार्टी के नेता रात के अंधेरे में ही क्यों सक्रिय होते है. अखिलेश यादव की हरकत बचकानी है.'
- अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है. पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है'
भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गयी है।
- भाजपा ने श्रद्धांजलि… pic.twitter.com/oqAO6g8Qu8
- गेट के बाहर वाटर कैनन के साथ आंसू गैस गोले छोड़ने के लिए वाहन को तैनात कर दिया गया है. आरएएफ की टुकड़ी के साथ महिला पुलिस फ़ोर्स को तैनात किया गया है. रोड पर भारी बेरिकेटिंग्स कर दी गई है जिससे कोई गेट तक ना पहुंच पाए. जॉइंट कमिश्नर ख़ुद फ़ोर्स के साथ JPNIC पर मौजूद है जहां पूरी रोड को बेरिकेटिंग से ब्लॉक कर दिया गया. यह आम जनमानस का रास्ता है.
-लखनऊ विकास प्राधिकरण ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर JPNIC जाने के अखिलेश यादव के कार्यक्रम के संबंध में LDA सचिव ने एक पत्र जारी किया है. इसमें लिखा है, 'JPNIC एक निर्माण स्थल है, जहां निर्माण सामग्री बेतरतीब ढंग से फैली हुई है और बारिश के कारण कई कीड़े होने की संभावना है... सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसके कारण सुरक्षा कारणों से उनका प्रतिमा पर माल्यार्पण करना और JPNIC का दौरा करना सुरक्षित और उचित नहीं है.'
- इस मामले पर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "इस सरकार की नीयत ठीक नहीं है. पिछले साल भी इसी तरह की हरकतें की गई थीं...उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया और एक अच्छी जगह को नष्ट कर दिया. इसी तरह, मुझे लगता है कि वे उसे (जेपीएनआईसी) भी ध्वस्त करने और किसी बड़े व्यवसायी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, और इसीलिए वे ऐसा कर रहे हैं...यह सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है. लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई जा रही है, मूर्तियों पर माल्यार्पण करने पर रोक लगाई जा रही है..."
- JPNIC के गेट पर समाजवादी पार्टी की तरफ़ से पोस्टर लगाया गया है जिसमें जय प्रकाश नारायण को शत-शत नमन लिखा गया है. यह पोस्टर ठीक JPNIC के गेट पर लगाया गया है.
- जेपी सेंटर का अखिलेश सरकार में बना है. अखिलेश का आरोप है कि योगी सरकार जेपी सेंटर को बेचने की तैयारी कर रही है. वहीं बीजेपी सरकार ने करप्शन का आरोप लगाते हुए जांच का हवाला दे रही है.
- जब देर रात दीवार लगाई जा रही थी उसी वक्त अखिलेश यादव वहां पहुंचे थे. उन्होंने वहां काम करने वालों को समाजवादी पार्टी जिंदाबाद लिखने को कहा.
JPNIC और जेपी की विरासत पर लखनऊ में क्यों हंगामा मचा हुआ है? सपा-योगी सरकार को क्या फायदा-नुकसान?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का मानना था कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नाम पर लखनऊ में एक स्मारक (सेंटर) बनाया जाय. इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी लेकिन इससे पहले कि इस सेंटर का काम शुरू हो पाता मुलायम सिंह की सरकार चली गई. इसके बाद, सूबे में मायावती की नई सरकार बनी और ये सपना अधूरा रह गया. साल 2012 में यूपी में अखिलेश यादव की सरकार आई तो उन्होंने पिता मुलायम सिंह यादव के ख्वाब को पूरा करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ में लोहिया पार्क के एक हिस्से में इसे बनाने का फैसला किया. ये पार्क लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी का था, इसलिए इस सेंटर को बनाने की जिम्मेदारी भी उसे ही दी गई.
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जेपी सेंटर के सिलसिले में CAG ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बड़े चौकाने वाले दावे किए गए. इसमें दावा किया गया कि बिना टेंडर के ही कई काम करवाए गए थे. इस सेंटर के लिए सिर्फ एसी सिस्टम देखने के लिए एलडीए के कई अधिकारी चीन घूमने चले गए थे, जिनमें दो IAS अफसर भी शामिल थे. साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद JPNIC के निर्माण पर रोक लग गई. मामला हाईकोर्ट भी गया पर रोक अभी जारी रही. अखिलेश सरकार ने इसे बनाने का ठेका शालीमार कंपनी को दिया था, जिसके चेयरमैन संजय सेठ अब बीजेपी के राज्य सभा सांसद है. तब वे समाजवादी पार्टी के कोषाध्यक्ष थे.
सपा सरकार में बना था जेपी सेंटर
समाजवादी पार्टी ने जेपी सेंटर को बेचने की तैयारी का आरोप लगाया. पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था. इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं.
जेपीएनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था. जेपी सेंटर लखनऊ में बहुत बड़ा प्रोजक्ट था. ये 18 मंजिला इमारत है.अखिलेश सरकार के दौरान यह आधा-अधूरा बना हुआ था. इसकी शुरुआती लागत 861 करोड़ की थी लेकिन बाद में इसमें 880 करोड़ से ज्यादा खर्च हो गए. इसमें कुछ कार्य बचा हुआ था. हालांकि, 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण इसकी जांच कर रही है.
इन सुविधाओं से लैस है जेपीएनआईसी
जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में ओलंपिक साइज का टेनिस कोर्ट, मल्टीपरपज कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, एक हजार लोगों की क्षमता वाला कॉन्फ्रेंस हाल, दो हजार लोगों की क्षमता वाला कनवेंशन सेंटर, गेस्ट हाउस, ओपन एयर रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, जिम, कुल 117 गेस्ट रूम, मदर किचन, टॉप फ्लोर पर पूल और हेलीपैड जैसी सुविधाएं हैं. हालांकि परिसर अब वीरान सा हो गया है और इसमें झाड़िया उग गई हैं.