त्योहारी सीजन में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Govt) केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. सूत्रों के हवाले से जो अपडेट सामने आया है उसके मुताबिक, केंद्र महंगाई भत्ते में इजाफा (DA Hike) करके कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट दे सकती है. सरकार इस बार डीए में 3 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है और अगर ऐसा होता है, तो फिर कर्मचारियों को मिलने वाला डीए बढ़कर 53 फीसदी हो जाएगा.
53% हो जाएगा कर्मचारियों का डीए!
केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 50 फीसदी DA मिल रहा है और दिवाली से पहले ही सरकार इसमें 3 फीसदी का इजाफा करने के मूड में नजर आ रही है. सरकारी सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है. अगर ऐसा होता है, तो फिर डीए 53% हो जाएगा और ये 1 जुलाई 2024 से लागू होगा. मतलब केंद्रीय कर्मचारियों की दिवाली (Diwali) और भी रोशन हो जाएगी और उनके सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिलेगा. सूत्रों के मुताबिक, इस पर फैसला आज बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में हो सकता है.
इससे पहले मार्च में हुई थी बढ़ोतरी
आम तौर पर केंद्र सरकार जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों के डीए में संशोधन करती है. इससे पहले बीते 24 मार्च 2024 को केंद्रीय कर्मचारियों को 4% DA Hike का तोहफा दिया था. इस इजाफे के साथ उन्होंने मिलने वाला महंगाई भत्ता 46% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया था. गौरतलब है कि DA Hike के संकेत पहले से ही मिल रहे थे. बीते दिनों एक रिपोर्ट में कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि अगली कैबिनेट बैठक में डीए में बढ़ोतरी होगी. हम कम से कम 3% की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.
कर्मचारियों की सैलरी का कैलकुलेशन
अब बात करते हैं कि अगर सरकार महंगाई भत्ते में 3 फीसदी का इजाफा करती है, तो फिर कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा. तो कैलकुलेशन के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 55,200 रुपये है, तो फिलहाल 50% पर उनका महंगाई भत्ता 27,600 रुपये है. वहीं अगर डीए 53 फीसदी हो जाता है तो उनका महंगाई भत्ता बढ़कर 29,256 रुपये हो जाएगा. यानी कर्मचारियों का वेतन 29,256 रुपये - 27,600 रुपये = 1,656 रुपये बढ़ेगा.
यहां बता दें कि कर्मचारियों को मिलने वाले डीए की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) से संबंधित होती है, जो बीते 12 महीनों में रिटेल इन्फ्लेशन को ट्रैक करता है. दुनिया के महंगाई के दबाव और बढ़ती लागतों के साथ, यह निर्णय देश भर में घरेलू बजट के मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण है.
(चेतन भूटानी की रिपोर्ट)