7 अक्टूबर 2023 के बाद आज एक साल पूरा हो गया. हमास-हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर इस तारीख को हमला किया था. जिसके बाद इजरायल ने अगले तीन हफ्तों तक हर हफ्ते गाजा पर 6000 बम गिराए. जबकि, अमेरिका ने ईराक और सीरिया में ISIS आतंकियों पर औसत 488 बम हर हफ्ते गिराए थे. लेकिन इजरायल ने तो हद कर दी. हर हफ्ते 6000 बम यानी दुश्मन का जड़ से खत्म करने का दम.
ये जंग के आसान तरीके हैं. बम, मिसाइल, टैंक के गोले. लेकिन इजरायल ने सबसे बड़ा गेम खेला पेजर ब्लास्ट करके. उसके बाद वॉकी-टॉकी, डोरबेल, डिश एंटीना, स्कूटर जहां हो पाया ब्लास्ट करा दिया. दुनिया हैरान रह गई. हिज्बुल्लाह आतंकी ट्रॉमा में आ गए. इजरायल ने पिछले एक साल में अपने दुश्मनों को जंग में Trauma ही दिया है.
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इजरायल को सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका देता है. पिछले एक साल में इजरायल ने अमेरिका से 100 से ज्यादा हथियार डील किए हैं. मतलब हर 36 घंटे में करीब एक डील. पिछले एक साल में इजरायल ने ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने इस जंग में दर्द सहा है. हजारों लोग मारे गए. विस्थापित हुए. शरीर के अंग खो दिए.
पहले जानते हैं कैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया. फिर जानेंगे इजरायल को कितना नुकसान हुआ... अंत में जानिए इस जंग में कितने पत्रकार मारे गए.
इजरायल ने सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया... F-35, F-16, F-15 फाइटर जेट्स का. इसमें लगाए बम MK-84, MK-83, MK-82, छोटे बम और इसके अलावा JDAM बम और हेलफायर मिसाइलें. गाजा-लेबनान में गिराए गए ज्यादातर बम अमेरिकी थे. हालत ये है कि इजरायल इतने अमेरिकी हथियारों की डिमांड कर रहा है कि अमेरिका को सही कार्गो प्लेन नहीं मिल रहा, जिसमें हथियारों की डिलिवरी हो सके.
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पहले जानते कितने और कैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ
MK-84 (907 kg) बम...
14100, अभी 1800 की डिलिवरी बाकी. 2000 पाउंड यानी 907 किलो के इस बम से जो हमले इजरायल ने किए वो हैरान करने वाले हैं. पहला हमला 9 अक्टूबर 2023 में गाजा के जबालिया में हुआ. 70 लोग मारे गए. फिर 17, 25 और 31 अक्टूबर को इस बम का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद इजरायल ने इस बम का इस्तेमाल 13 जनवरी 2024 को किया.
GBU-39 (114 kg) बम...
2600 से ज्यादा, 1000 की डिलिवरी बाकी. ये छोटे बम हैं. इसके कई वैरिएंट्स हैं. इस बम से 9 जनवरी 2024 को गाजा में हमला किया. फिर 13 मई 2024 को. 26 मई 2024 को इस बम का इस्तेमाल राफा में किया गया. करीब 46 लोग मारे गए. फिर 6 जून और 10 अगस्त को किया गया.
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JDAM...
यह बम और मिसाइल का मिश्रण है. पिछले साल 1 दिसंबर से लेकर अब तक इजरायल ने 3000 JDAM यानी ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशंस का इस्तेमाल किया है. इसका पहली बार इस्तेमाल 10 अक्टूबर 2023 को किया गया था. इसका वजन भी करीब 1000 किलो होता है. इसके हमले में दायर अल-बलाह में 24 लोग मारे गए. इसके बाद इसका इस्तेमाल 22 अक्टूबर, मार्च और जुलाई 2024 में गाजा और लेबनान में किया गया.
हेलफायर मिसाइल...
इजरायली वायुसेना के फाइटर जेट्स एफ-16 और एफ-15 में ये मिसाइलें खूब लगी होती हैं. करीब 3000 मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है. 8 जून 2024 को नुसेरात रेफ्यूजी कैंप में हमला हुआ. 300 लोग मारे गए. इजरायल ने 10 मिनट में 150 मिसाइलें दागीं. 23 जून, 14 जुलाई को भी इनका इस्तेमाल किया गया.
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120 mm टैंक गोले और 155 mm आर्टिलरी शेल...
इजरायल ने करीब 14 हजार गोले गाजा और लेबनान पर दागे हैं. ये हाई-एक्स्प्लोसिव गोले होते हैं, जो जहां गिरते हैं...तबाही मचा देते हैं. इजरायल ने करीब 57 हजार गोले दागे. इन गोलों की वजह से 100 से 300 मीटर के व्यास तक कुछ नहीं बचता. गाजा में शुरूआती जंग में इजरायल ने 1 लाख से ज्यादा ये गोले दागे.
इजरायल को कितना नुकसान हुआ...
इस पूरे जंग में इजरायल ने अपने 728 जवान खोए. इजरायल के ऊपर 26 हजार से ज्यादा रॉकेट, मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए. जिसमें से ज्यादातर आसमान में ही खत्म कर दिए गए. हमास के करीब 17 हजार आतंकी गाजा में, 800 लेबनान में मारे गए. इजरायल ने गाजा पट्टी से 4700 सुरंगों को खत्म किया. इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास के 40,300 ठिकानों पर हमला किया. इसके अलावा हिज्बुल्लाह के 11 हजार अड्डे बर्बाद किए.
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गाजा की तरफ से इजरायल पर 13200 रॉकेट-मिसाल-ड्रोन दागे गए. पिछले साल 7 अक्टूबर को तो कम से कम 5000 रॉकेट. लेबनान की तरफ से हिज्बुल्लाह ने 12000 रॉकेट-मिसाइल-ड्रोन दागे गए. सीरिया की तरफ से 60, यमन से 180 और ईरान से 400 हवाई हमले हुए. इन हमलों में इजरायल के करीब 4576 जवान जख्मी हुए.
116 पत्रकार भी मारे गए जंग में...
अक्टूबर 2023 से इजरायल-हमास-हिज्बुल्लाह-हूती जंग कवर करने गए 116 पत्रकार भी जंग में मारे गए. कभी ये इजरायली एयरस्ट्राइक का शिकार हुए, कभी आतंकियों की गोलियां का निशाना बने.