'हमें सेना से 98 लाख रुपये मिले लेकिन...', अग्निवीर के पिता ने बेटे के लिए मांगा शहीद का दर्जा

7 months ago 14

हाल ही में समाप्त में हुए संसद सत्र में अग्निवीर भर्ती योजना पर जमकर हंगामा हुआ. राहुल गांधी ने शहीद अग्निवीर को मिलने वाली आर्थिक मदद को लेकर सरकार को घेरा. इस बीच शहीद अग्निवीर के परिवार ने कहा है कि उन्होंने अब तक 98 लाख रुपये मिल चुके हैं.

सेना ने भी यह दावा किया है कि 98 लाख रुपये दिए जा चुके हैं और लगभग 67 लाख रुपये बकाया हैं. परिवार की मांग है कि अग्निवीर स्कीम को खत्म किया जाए. परिवार को शहीद का दर्जा और सुविधाएं देने की भी मांग की गई है. चंडीगढ़ में छह बहनों के भाई अजय कुमार का सपना देश की सेवा करने का था और अग्निवीर के रूप में वह भारतीय सेना में शामिल हो गए थे. 18 जनवरी को वह शहीद हो गए थे. 

परिवार ने की सेना के दावों की पुष्टि

राहुल गांधी ने संसद में दावा किया था कि अजय कुमार के परिवार को अब तक कोई पैसा नहीं मिला है, जिसके बाद सेना ने तुरंत जवाब दिया कि परिवार को अब तक 98 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है और 67 लाख रुपये बकाया हैं. अग्निवीर अजय कुमार के परिवार ने आजतक से बात करते हुए सेना के दावों की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें 98 लाख रुपये मिल चुके हैं. 

इस बारे में विस्तार से बताते हुए अग्निवीर अजय कुमार के पिता चरणजीत सिंह ने कहा, 'पहले हमें बीमा की 50 लाख रुपए की राशि मिली और बाद में सेना से हमें 48 लाख रुपये मिले. इसलिए अब तक हमें 98 लाख रुपये मिले हैं और हमें यकीन है कि 67 लाख रुपये जो बचे हैं वह भी जल्द ही सेना द्वारा हमें भेज दिए जाएंगे.'

हालांकि उन्होंने कहा, 'मुद्दा पैसे का नहीं है. हम अपने बेटे के लिए शहीद का दर्जा चाहते हैं. उसने देश के लिए अपनी जान दे दी और अब तक न तो उसे शहीद का दर्जा दिया गया है और न ही शहीद परिवार को मिलने वाली कोई सुविधा दी गई है.'

'एक करोड़ रुपये से हमारा भाई वापस नहीं आएगा'

चरणजीत सिंह ने कहा, 'राहुल गांधी ने संसद में अग्निवीर का मुद्दा उठाया और वह जो कह रहे हैं कि इस योजना को खत्म किया जाना चाहिए वह सही है.' उन्होंने पीएम मोदी से इस पर विचार करने और सेना में नियमित भर्ती सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया.

आजतक से बात करते हुए अजय कुमार की बड़ी बहन बख्शो देवी ने कहा, 'एक करोड़ रुपये से हमारा भाई वापस नहीं आएगा. उसके सपने बड़े थे और वह परिवार में कमाने वाला इकलौता था. आप एक करोड़ रुपये हम से ले लीजिए और हमारे भाई को वापस दे दीजिए. एक बात समझ लेनी चाहिए कि यह पैसे के बारे में नहीं है.'

उन्होंने सवाल उठाया कि चार साल की नौकरी का क्या मतलब है. क्या वे लंबे समय के लिए लोगों को भर्ती नहीं कर सकते? अग्निवीर अजय कुमार का परिवार एक छोटे से घर में रहता है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब है.

Article From: www.aajtak.in
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