सूरत के सचिन इलाके में शनिवार को एक पांच मंजिला इमारत ढह गई. इमारत के गिरने के बाद से एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. टीम ने अब तक 7 लोगों के शवों को मलबे से बाहर निकाल लिया है. अभी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंकाएं हैं.
इस हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन के आला अधिकारी, सूरत महानगर पालिका के मेयर दक्षेश मावानी, डिप्टी मेयर नरेंद्र पाटिल, बीजेपी विधायक संदीप देसाई और विपक्ष के नेता पायल साकरिया समेत अन्य नेता भी मौके पर पहुंच गए.
पुलिस के मुताबिक, शनिवार को सचिन इलाके में एक छह मंजिला बिल्डिंग धराशाई हो गई. टीम ने अब तक तीन शवों को निकाला जा चुका है, जबकि कई लोगों के अभी मलबे में फंसे होने की आशंकाएं हैं.
सूरत के चीफ फायर ऑफिसर बसंत पारीक का कहना है कि रात भर सर्च ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के दौरान एक महिला की आवाज आ रही थी तो एक फायर कर्मी को अंदर भेजकर महिला को खींचकर बाहर निकाला. अब तक टीम ने सात लोगों के शव बरामद किए गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक किसी के भी लापता होने की जानकारी सामने नहीं आई है. आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि कोई व्यक्ति लापता तो नहीं है.
निगम ने जारी किया नोटिस
सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम गहलोत का कहना है, "एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम अभी-भी राहत और बचाव अभियान जुटी हैं. बिल्डिंग में 5 फ्लैट में लोग रह रहे थे. कई लोगों के अंदर फंसे होने की संभावना बताई गई थी, जिसमें से 7 के शव बरामद कर लिए गए हैं. एक महिला घायल मिली थी, जिसकी हालत अब स्थिर है. मकान की स्थिरता के संबंध में निगम की ओर से नोटिस जारी किया था. मौके पर FSL की टीम भी जांच कर रही है. पुलिस इसमें FIR दर्ज कर कार्रवाई करेगी.
जारी है राहत और बचाव कार्य
पुलिस ने अनुसार, यह पांच मंजिला इमारत 2017 में बनाई गई थी और 2024 में धराशाई हो गई है. 32 फ्लैटों वाली इस बिल्डिंग में रहने वाले ज्यादातर परिवार किराए से रहते थे, जिसमें ज्यादातर श्रमिक थे. लेकिन आधिकारिक रूप से इस मलबे में कितने परिवारों के लोग फंसे हैं, इस बारे में कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं मिली सकी है. बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के मलबे से एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. सूरत फायर विभाग की टीम, पुलिस की टीम और एनडीआरएफ की टीम इस राहत और बचाव में जुटी हुई हैं.