लोकसभा चुनाव का रिजल्ट 4 जून को सामने आने के बाद तीसरी बार NDA की सरकार बनी और 9 जून को पीएम पद की शपथ लेकर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए. सरकार का गठन हो गया, मंत्रिमंडल की शपथ हो गई और इस तरह अब देश के सामने है 18वीं लोकसभा का पहला सत्र, जिसकी शुरुआत 24 जून यानी कि सोमवार से होने वाली है.
कई मायनों में खास होने वाला है सत्र
ये सत्र कई मायने में खास होने वाला है. सबसे पहले तो इस सत्र में सभी सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह होना है. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब सभी सांसदों को शपथ दिलवाएंगे. इसके साथ ही स्पीकर पद पर चुनाव होना है. राष्ट्रपति 27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस 28 जून को शुरू होगी. वहीं, प्रधानमंत्री 2 या 3 जुलाई को बहस का जवाब देंगे. यह सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलने वाला है और इन 10 दिनों के दौरान कुल 8 बैठकें होने वाली है.
सत्र पर पड़ सकता है प्रोटेम स्पीकर पद के विवाद का असर
सोमवार से शुरू होने वाले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे, जिसके बाद 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और 27 जून को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन होगा. भाजपा नेता और सात बार के संसद सदस्य रहे भर्तृहरि महताब की प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्ति पर विवाद का असर इस सत्र पर पड़ सकता है.
![प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/inline-images/mahtab.png)
दरअसल, विपक्ष ने महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की आलोचना की है. विपक्ष का आरोप है कि इस पद के लिए कांग्रेस सदस्य के सुरेश के दावे को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है. वहीं, वहीं इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि महताब लगातार सात बार से लोकसभा सदस्य रहे, इसलिए वह इस पद के लिए योग्य कैंडिडेट हैं.
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विपक्ष की थी मांग, के सुरेश को बनाया जाए प्रोटेम स्पीकर
विपक्ष की मांग थी कि के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाए. के सुरेश साल 1998 और 2004 में चुनाव हार गए थे. उनका कार्यकाल निचले सदन में लगातार चौथा कार्यकाल है. इससे पहले वे 1989, 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए थे.
ये रहेगा 24 जून यानी पहले दिन का शेड्यूल
सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ दिलाएंगी. इसके बाद महताब संसद भवन पहुंचेंगे और सुबह 11 बजे लोकसभा को आदेश देने के लिए बुलाएंगे. 18वीं लोकसभा की पहली बैठक के अवसर पर सदस्यों द्वारा मौन रखने के साथ कार्यवाही की शुरुआत की जाएगी. इसके बाद लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह सदन के पटल पर लोकसभा के लिए चुने गए सदस्यों की सूची रखेंगे. इसके बाद महताब पीएम मोदी को सदन के सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए आमंत्रित करेंगे. इसके बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक सदन की कार्यवाही चलाने में उनकी सहायता करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त अध्यक्षों के पैनल को शपथ दिलाएंगे.
प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त पैनल में ये नेता शामिल
राष्ट्रपति ने लोक सभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में महताब की सहायता के लिए कोडिकुन्निल सुरेश (कांग्रेस), टीआर बालू (डीएमके), राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (दोनों भाजपा) और सुदीप बंद्योपाध्याय (टीएमसी) को नियुक्त किया है.
बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव
अध्यक्षों के पैनल के बाद, प्रोटेम स्पीकर मंत्रिपरिषद को लोकसभा सदस्यों के रूप में शपथ दिलाएंगे. राज्यों के सदस्य अगले दो दिनों में वर्णानुक्रम के अनुसार शपथ लेंगे. लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव बुधवार को होगा और प्रधानमंत्री इसके तुरंत बाद सदन में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराएंगे. राष्ट्रपति 27 जून को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस 28 जून को शुरू होगी. उम्मीद है कि प्रधानमंत्री 2 या 3 जुलाई को बहस का जवाब देंगे.
यहां देखिए संसद सत्र की पूरी टाइमलाइन
24 जून- सत्र की शुरुआत, नव निर्वाचित सांसदों की शपथ
25 जून- नव निर्वाचित सांसदों की शपथ
26 जून- लोकसभा स्पीकर का चुनाव
27 जून- संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण
28 जून- संसद में मंत्रिपरिषद सदस्यों का परिचय सत्र, पीएम मोदी कराएंगे परिचय
29 जून- अवकाश
30 जून- अवकाश
1 जुलाई- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
2 जुलाई- पीएम मोदी बहस पर दे सकते हैं जवाब
3 जुलाई- पीएम मोदी का जवाब
संसद सत्र में मौजूद रहेगा पीएम मोदी का मंत्रिमंडल
संसद सत्र के दौरान पीएम मोदी का मंत्रिमंडल मौजूद रहेगा. शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक की थी और प्रोफाइल बांटे थे. तीसरे कार्यकाल में अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर ही बनाए गए हैं.
रेल मंत्री का पद अश्विनी वैष्णव के पास है तो वहीं, नितिन गडकरी को एक बार फिर सड़क परिवहन मंत्रालय मिला है. उनके साथ इस मंत्रालय के लिए दो राज्य मंत्री बनाए गए हैं. इनमें एक अजय टमटा और एक हर्ष मल्होत्रा शामिल हैं.
मनोहर लाल खट्टर को ऊर्जा मंत्रालय दिया गया है. इसके साथ ही उन्हें शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. खट्टर हरियाण के पूर्व सीएम हैं और उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़कर जीता है. श्रीपद नाईक को इन विभागों का राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं किसान कल्याण और पंचायत एवं ग्रामिण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
यहां देखिए पीएम मोदी के मंत्रिमंडल की पूरी लिस्ट
क्रम | नाम | मंत्रालय |
1 | नरेंद्र मोदी | प्रधानमंत्री |
2 | राजनाथ सिंह | रक्षा मंत्री |
3 | अमित शाह | गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री |
4 | नितिन गडकरी | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री |
5 | जेपी नड्डा | स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री व रसायन और उर्वरक मंत्री |
6 | शिवराज सिंह चौहान | कृषि व किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री |
7 | निर्मला सीतारमण | वित्त मंत्री और कार्पोरेट मामलों की मंत्री |
8 | एस जयशंकर | विदेश मंत्री |
9 | मनोहर लाल | आवास और शहरी मामलों के मंत्री, ऊर्जा मंत्री |
10 | एचडी कुमार स्वामी | भारी उद्योग और इस्पात मंत्री |
11 | पीयूष गोयल | वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री |
12 | धर्मेंद्र प्रधान | शिक्षा मंत्री |
13 | जीतन राम मांझी | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री |
14 | ललन सिंह | पंचायती राज मंत्री, मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्री |
15 | सर्बानंद सोनोवाल | बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री |
16 | डॉ. वीरेंद्र कुमार | सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री |
क्रम | नाम | मंत्रालय |
17 | किंजरापु राममोहन नायडू | नागरिक उड्डयन मंत्री |
18 | प्रल्हाद जोशी | उपभोक्ता, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री |
19 | जुएल ओराम | जनजातीय मामलों के मंत्री |
20 | गिरिराज सिंह | कपड़ा मंत्री |
21 | अश्विनी वैष्णव | रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री |
22 | ज्योतिरादित्य सिंधिया | संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री |
23 | भूपेन्द्र यादव | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री |
24 | गजेंद्र सिंह शेखावत | संस्कृति मंत्री; और पर्यटन मंत्री |
25 | अन्नपूर्णा देवी | महिला एवं बाल विकास मंत्री |
26 | किरण रिजिजू | संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री |
27 | हरदीप सिंह पुरी | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री |
28 | डॉ. मनसुख मंडाविया | श्रम और रोजगार मंत्री और युवा मामले और खेल मंत्री |
29 | जी किशन रेड्डी | कोयला मंत्री और खान मंत्री |
30 | चिराग पासवान | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री. |
31 | सी आर पाटिल | जल शक्ति मंत्री |
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
क्रम | नाम | मंत्रालय |
1 | राव इंद्रजीत सिंह | सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री |
2 | डॉ.जितेंद्र सिंह | विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री |
3 | अर्जुन राम मेघवाल | कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री |
4 | जाधव प्रतापराव गणपतराव | आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री |
5 | जयन्त चौधरी | कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री |
राज्यमंत्री
क्रम | नाम | मंत्रालय |
1 | जितिन प्रसाद | वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री |
2 | श्रीपद यसो नायक | विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री |
3 | पंकज चौधरी | वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री |
4 | कृष्ण पाल | सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री |
5 | रामदास अठावले | सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री |
6 | रामनाथ ठाकुर | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री |
7 | नित्यानंद राय | गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री |
8 | अनुप्रिया पटेल | स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री |
9 | वी. सोमन्ना | जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री |
10 | डॉ. चन्द्र शेखर पेम्मासानी | ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री |
11 | प्रो. एस. पी. सिंह बघेल | मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री |
12 | शोभा करंदलाजे | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री |
13 | कीर्तिवर्धन सिंह | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री |
14 | बी.एल.वर्मा | उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री |
15 | शांतनु ठाकुर | बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री |
16 | सुरेश गोपी | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री |
17 | डॉ. एल. मुरुगन | सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री |
18 | अजय टम्टा | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री |
19 | बंदी संजय कुमार | गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री |
20 | कमलेश पासवान | ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री |
21 | भागीरथ चौधरी | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री |
22 | सतीश चन्द्र दुबे | कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री खान मंत्रालय में राज्य मंत्री |
23 | संजय सेठ | रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री |
24 | रवनीत सिंह | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री |
25 | दुर्गादास उइके | जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री |
26 | रक्षा निखिल खडसे | युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री |
27 | सुकांत मजूमदार | शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री |
28 | सावित्री ठाकुर | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री |
29 | तोखन साहू | आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री |
30 | राज भूषण चौधरी | जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री। |
31 | भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा | भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री |
32 | हर्ष मल्होत्रा | कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री |
33 | निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया | उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री |
34 | मुरलीधर मोहोल | सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री |
35 | जॉर्ज कुरियन | अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री |
36 | पबित्रा मार्गेरिटा | विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री |
सदन शुरू होते ही NEET-NET परीक्षा और अग्निवीर जैसे उठेंगे मुद्दे
सबसे खास बात है की 2014 और 2019 के बाद पहली बार ऐसा होगा की 2024 आम चुनाव में एक मजबूत विपक्ष दिखेगा. मौजूदा हालात को देखकर लगता है की इस सत्र में विपक्ष, NEET परीक्षा गड़बड़ी और अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और 10 साल बाद कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल सकती है. यानी इन मुद्दों पर सदन के भीतर NDA की सरकार और मजबूत विपक्ष का टकराव देखने को मिलेगा.
10 साल बाद संसद में नेता प्रतिपक्ष
लोकसभा में बीते 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रहा है, लेकिन इस बार ये कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी. साल 2014 के बाद से किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते थे. मावलंकर नियम के तहत नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या 543 का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है. 16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे 44 सांसदों वाले कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे, लेकिन उन्हें नेता प्रतिपक्ष (LOP) का दर्जा नहीं था.
16वीं-17वीं लोकसभा में खाली रहा नेता प्रतिपक्ष का पद
17वीं लोकसभा में 52 सांसदों की अगुआई अधीर रंजन चौधरी ने की थी. उन्हें भी कैबिनेट जैसे अधिकार नहीं थे. इस बार कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि इसमें वायनाड भी शामिल है, लेकिन अब वहां उपचुनाव होना है. लेकिन कांग्रेस मावलंकर रूल के तहत 10% सांसदों की अनिवार्यता पूरी करती है. इसलिए इस बार नेता प्रतिपक्ष का पद और कैबिनेट जैसे अधिकार कांग्रेस से बनने वाले नेता प्रतिपक्ष के हिस्से में आएंगे.
18वीं लोकसभा में एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक
NDA सरकार में गठबंधन के पास 293 सांसद हैं. पीएम मोदी समेत 72 सांसदों ने 9 जून को शपथ ली थी. INDIA ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल की हैं. कांग्रेस के पास 99 सीटे हैं, जो सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, हालांकि महाराष्ट्र के सांगली से निर्दलीय चुनाव जीते विशाल पाटिल कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी की कुल संख्या 100 हो गई है.
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पिछली दो लोकसभा में ऐसा रहा नेता प्रतिपक्ष
16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे 44 सांसदों वाले कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे, लेकिन उन्हें नेता प्रतिपक्ष (LOP) का दर्जा नहीं था. 17वीं लोकसभा में 52 सांसदों की अगुआई अधीर रंजन चौधरी ने की थी. उन्हें भी कैबिनेट जैसे अधिकार नहीं थे.
नेता प्रतिपक्ष को मिलता है कैबिनेट का दर्जा
विपक्ष का नेता हर बड़ी नियुक्ति में शामिल होता है. सदन के नेता (PM) के बराबर ही नेता प्रतिपक्ष को तरजीह मिलती है. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में भी उन्हें शामिल किया जाता है, जिसकी अध्यक्षता पीएम करते हैं. नेता प्रतिपक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, सीवीसी और सीबीआई के प्रमुखों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में भी शामिल हो जाता है. लोकसभा की लोक लेखा समिति का अध्यक्ष भी आमतौर पर नेता प्रतिपक्ष को ही बनाया जाता है. सदन के भीतर प्रतिपक्ष के अगली, दूसरी कतार में कौन नेता बैठेगा, इसकी राय भी विपक्ष के नेता से ली जाती है।