हाथरस के रतिभानपुर में मंगलवार का दिन अमंगलकारी रहा. यहां प्रवचन करने वाले भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में 60 से 70 लोगों के मौत हो गई है. एटा अस्पताल में 27 शव पहुंच चुके हैं.
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हाथरस भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई है
हाथरस के रतिभानपुर में मंगलवार का दिन अमंगलकारी रहा. यहां प्रवचन करने वाले भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में 60 से 70 लोगों के मौत हो गई है. जबकि आशंका जताई जा रही है कि भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. हालांकि एटा अस्पताल में 27 शव पहुंच चुके हैं. घटनास्थल पर चीख पुकार मची हुई है. इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी महिला शकुंतला ने बताया कि भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. सत्संग खत्म होने के बाद लोग एकसाथ बाहर की ओर निकले तो भगदड़ मच गई. पास में एक नाला था, भगदड़ के बाद लोग नाले में एक के ऊपर एक गिरते चले गए. जब लोग घंटे-दो घंटे दबे रहेंगे, तो मरेंगे नहीं तो क्या होगा.
प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला ने बताया कि भगदड़ के दौरान पहले आगे वाले लोग नाले में गिरे और फिर उनके ऊपर पीछे वाले लोग गिरते चले गए. सत्संग को लेकर महिला ने बताया कि आज मंगलवार है और आज ही भोले बाबा के सत्संग में आए हैं. शकुंतला ने बताया कि उनकी पड़ोसन गंगा देवी भी हादसे का शिकार हो गईं. महिला ने बताया कि भगदड़ में वो भी दब गई थीं, लेकिन लोगों ने उन्हें खींचकर बाहर निकाला, जिसके कारण को जिंदा बच पाईं.
भगदड़ को लेकर आयोजन समिति से जुड़े महेशचंद्र ने आजतक को फोन पर हुई बातचीत में बताया कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम करवाया था. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे, जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ हुई. प्रशासन की कमजोरी से हादसा हुआ. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था. यहां 13 साल बाद कार्यक्रम हुआ था. हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद भगदड़ मची. महेशचंद्र ने कहा कि प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के आने की जानकारी दी गई थी. लेकिन यहां एंबुलेंस नहीं थी. उन्होंने कहा कि करीब 12 हजार सेवादार थे. 1 लाख श्रद्धालु थे. हमने कई स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे.