इजरायल अपने दुश्मनों को कभी नहीं छोड़ता है. उन्हें पूरी तरह बर्बाद करने के लिए किसी भी हद तक जाता है. हिज्बुल्लाह के सफाए को लेकर भी इजरायल इसी नीति पर आगे बढ़ रहा है. उसका दावा है कि उसे 32 साल से हिज्बुल्लाह की कमान संभाल रहे नसरल्लाह को मारने में कामयाबी मिल गई है. नसरल्लाह से पहले इजरायल ने हिज्बुल्लाह के सभी टॉप कमांडरों को मार गिराया. शनिवार को भी आईडीएफ ने लेबनान के बेरूत में कई हमले किए हैं.
आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने एक वीडियो बयान में कहा है कि उनकी हिज्बुल्लाह से लड़ाई जारी रहेगी. हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को इसलिए मारा गया, क्योंकि वो इजरायल को नष्ट करना चाहता था. उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतीपूर्ण दिन आने वाले हैं. हमारे सेना के जवान सभी मोर्चों पर पूरी तरह सतर्क हैं. नसरल्लाह ने इजरायली नागरिकों को अंधाधुंध तरीके से मारा. वो इजरायल का विनाश चाहता था.
लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा कि आईडीएफ हिज्बुल्लाह के खतरे को हमेशा के लिए खत्म कर देगा. उन्होंने कहा, "हम हिज्बुल्लाह आतंकी समूह को नष्ट करना जारी रखेंगे. हम लड़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ हैं. हमारा लक्ष्य आतंकवादी संगठनों और उनकी क्षमताओं को नष्ट करना और गाजा से बंधकों को वापस लाना है. उत्तर और दक्षिण के निवासियों को सुरक्षित रूप से उनके घरों तक पहुंचाना शामिल है. इसके लिए हम हर कोशिश करेंगे."
25 अगस्त को हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह जब इजरायल को धमका रहा था तो शायद ये नहीं जानता था कि उसके पास गिनती के दिन बचे हैं. इजरायल की सेना उसे उसी के हेडक्वार्टर में मिट्टी में मिला देगी. वो अब दोबारा इजरायल को नहीं धमका पाएगा. उसकी मौत सुनिश्चत करने के लिए इजरायल ने कोई कसर नहीं छोड़ी. जिस इमारत के नीचे तहखाने में नसरल्लाह छुपा था, उस इमारत पर आईडीएफ ने 80 टन के बम गिराए.
एक एक टन के 80 बम गिरे तो ये इमारत जमींदोज हो गई और नसरल्लाह ढेर हो गया. इजरायल ने नसरल्लाह को ढेर करने वाली अपनी टीम का ऑडियो संदेश जारी किया है. इसमें हिज्बुल्लाह के हेडक्वार्टर पर बम गिराने से पहले इजरायली फाइटर पायलट ये कहते हुए सुना जा सकता है कि हम अपने दुश्मन को कहीं भी ढूंढ निकालेंगे. इस तरह इजराइल ने दो महीने के भीतर ही हिज्बुल्लाह की पूरी लीडरशिप को खत्म कर दिया है.
हसन नसरल्लाह 1992 से ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह का चीफ था. जब उसे यह जिम्मेदारी मिली तब वह महज 32 साल का था. उसका जन्म 31 अगस्त 1960 में हुआ था. वो 15 साल की उम्र में इजरायल के खिलाफ बने विद्रोही गुट में शामिल हो गया. साल 1982 में हिज्बुल्लाह बना, नसरल्लाह उसके संस्थापक सदस्यों में से एक था. साल 1992 में वो इसका मुखिया बना. साल 2006 में उसके नेतृत्व में इजरायल को लेबनान से खदेड़ दिया गया.
ऐसे में नसरल्लाह की मौत हिज्बुल्लाह के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा सकता है. हिज़्बुल्लाह का मकसद इजरायल की बर्बादी है, जो इस समूह को हमास से अधिक शक्तिशाली दुश्मन के तौर पर देखता है. नसरल्लाह ने हिज्बुल्लाह के पास हथियारों का एक बहुत बड़ा भंडार इकट्ठा किया. इसमें ऐसी मिसाइलें शामिल हैं, जो इजरायली इलाकों में दूर तक हमला कर सकती हैं. इसके पास हजारों आतंकवादी भी हैं. लेकिन इजरायल ने उसकी कमर तोड़ दी है.
इजरायल ने अपने दुश्मन को उसी के घर में ढेर करके अपने हर दुश्मन को सीधी चेतावनी दे दी है. बता दिया है कि वो उन्हें तबाह करके ही छोड़ेगा. हसन नसरल्लाह की मौत से लेबनान में उसके समर्थकों में मायूसी है. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि जिस हसन नसरल्लाह ने इजरायल को लेबनान से खदेड़ दिया था, वो इजरायल के हमले में कैसे मारा गया. इसीलिए उसकी मौत का ऐलान करते हुए एक स्थानीय न्यूज चैन की एंकर के भी आंसू निकल गए.