कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी और तीन अन्य को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया है. दरअसल HC ने ममता बनर्जी से कहा कि वह बंगाल के राज्यपाल पर कोई अपमानजनक टिप्पणी न करें. कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्यपाल बनाम ममता बनर्जी मानहानि मामले में निषेधाज्ञा (Injuction) पारित की.
इससे एक दिन पहले सीएम बनर्जी ने अपना बयान में कहा था कि महिलाओं ने अदालत में न्यायाधीश के समक्ष राज्यपाल की याचिका के खिलाफ राजभवन जाने को लेकर डर व्यक्त किया है.
राज्यपाल ने दायर किया मानहानि का मुकदमा
इस बयान को लेकर राज्यपाल आनंद बोस ने सीएम बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. दरअसल ममता बनर्जी ने यह बयान दिया था कि राज्यपाल के खिलाफ हालिया आरोपों के कारण महिलाएं पश्चिम बंगाल में राजभवन में प्रवेश करने में सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं.
'व्यक्तिगत हमले न करें...'
ऐसे में अदालत ने कहा कि सीवी आनंद बोस एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके उनके खिलाफ व्यक्तिगत हमले नहीं होने चाहिए. ऐसे में अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता के अधिकार के नाम पर, कोई मानहानिकारक बयान नहीं देगा और किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं कर सकता है. इससे पहले सोमवार को बोस ने अपने वकील के जरिए यह बात कही थी.