राजनीति की पिच पर किसने क्या खोया-क्या पाया... 2024 में ये नेता बने सियासी सुपरस्टार

3 days ago 5

साल 2024 आठ राज्यों के विधानसभा और देश के आम चुनावों के नतीजों का इतिहास अपने साथ लेकर बीत चला है. इस साल बहुत बातें हुईं, बहुत मुद्दे उछले, राजनीतिक टकराव और मेल-मिलापों के समीकरण बने, यानी साल 2024 राजनीति के मोर्चे पर काफी कठिन परीक्षाओं से भरा रहा.

हम आज आपको 2024 के उन सियासी शख्सियतों से रूबरू कराएंगे जो पूरे साल चर्चा में रहे. सियासत के सुपरस्टार्स में सबसे पहले नाम प्रधानमंत्री मोदी का आता, क्योंकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत और मोदी ने तीसरी बार पीएम बन कर इतिहास रच दिया है. हालांकि, आम चुनावों से पहले पीएम ने खुद 400 पार का नारा दिया था और आम चुनावों में जीत को मोदी की गारंटी से भी जोड़ा गया. पर बीजेपी का जनमत रूपी पेट्रोल बहुमत से पीछे ही खत्म हो गया तो चर्चा उठी कि क्या पीएम मोदी का मैजिक फीका पड़ गया.

पीएम मोदी ने रचा इतिहास
 
400 पार नहीं हुआ वो अलग बात है, लेकिन 2024 की सच्चाई यही है कि तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. उन्होनें पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर उनके रिकॉर्ड की बराबरी कर ली. अब देश में नेहरू और मोदी ये दो ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें लगातार तीसरा कार्यकाल मिला.

वहीं, आम चुनाव में भले ही बीजेपी को बहुमत नहीं मिला. लेकिन प्रधानमंत्री के तेवरों में कोई कमी नहीं आई. हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दिखाती है कि अभी मोदी का मैजिक न तो फीका पड़ा और न ही खत्म हुआ है.
 
तीसरी बार पीएम बनने के बाद पीएम मोदी ने सऊदी अरब, दुबई, अफ्रीकी देश ब्रुनेई, नाइजीरिया, इटली, यूक्रेन, रूस, ऑस्ट्रिया, अमेरिका, गुयाना और कुवैत जैसे देशों की यात्रा की. और भारत की छवि को विश्व पटल पर मजबूत किया. साथ ही पीएम 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लेकर प्रधानमंत्री आगे बढ़ रहे हैं. 2024 में इसकी चर्चा लगातार बनी रही.

कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति

वहीं, साल 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति थी. कांग्रेस लगातार अपने तीसरे आम चुनाव में भी सौ के आंकड़े से नीचे रह गई. लेकिन नीति, रणनीति, राजनीति के हर क्षेत्र में राहुल गांधी का एक अलग ही अंदाज निकलकर आया और वो अंदाज ही उन्हें भी 2024 की चर्चा का सियासी सुपरस्टार बनाता है.

लोकसभा चुनावों में बीजेपी 400 पार पर अड़ी थी तो राहुल ने अपने हाथों में संविधान थाम लिया और जाति जनगणना के मुद्दे पर किए खूब ऐलान किए. इसके के बीच कांग्रेस जीती तो नहीं लेकिन सीटें बढ़ गईं, जिससे माना गया कि राहुल की राजनीतिक पतंग डोर समेत ऊपर चढ़ गई है.

राहुल ने रायबरेली जीती और अमेठी जितवा दी, लेकिन जब हारे हरियाणा और पस्त हुए महाराष्ट्र में तो चर्चा ये भी हुई कि लोकसभा चुनावों के मौसम क्या बीत गए?
 
हार जीत तो चुनावी राजनीति का हिस्सा है, लेकिन राहुल की चर्चाओं का इससे भी आगे का किस्सा है. संसद में धक्का-मुक्की भी चर्चाओं के खाते में आई. जारी रही संसद में भी राहुल की संविधान को लेकर सत्ता पक्ष पर चढ़ाई करते दिखे. साथ ही राहुल ने अपनी बहन प्रियंका को वायनाड से संसद पहुंचा तो कांग्रेस को तेलंगाना में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया. तेलंगाना में रेवंत रेड्डी के मार्फत कांग्रेस की ध्वजा लहरा रही है. और इधर संसद में भाई-बहन की जोड़ी कमाल दिखा रही है.

नीतीश कुमार

तो चलिए अब चला जाए बिहार, जहां से 24 के सुपरस्टार बने हुए हैं नीतीश कुमार. अलग-अलग मुद्राएं उनकी दिखाएंगे, पीएम मोदी के साथ वाली, बिहार में मंच पर साथ वाली, अकेले यात्रा वाली, हंसने मुस्कुराने वाली और बीच-बीच में वो सारे हिस्से जिनमें कहें कि हम इधर ही रहेंगे, उधर न जाएंगे.
 
24 के सुपरस्टार हैं तो समझिए कि उसमें भी नीतीशे कुमार हैं. गठबंधन इंडिया से एनडीए में आए, 9वीं बार बिहार के रिकॉर्ड मुख्यमंत्री बने और किस्मत ने भी साथ दिया तो वह केंद्र में मोदी 3.0 के किंगमेकर बन गए.

विपक्षी नेताओं की आलोचनाओं को दरकिनार करके, फिलहाल नीतीश एनडीए की डगर पर हैं. हालांकि, चर्चाओं में ये भी रहा कि 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव, उससे पहले ही नीतीश फिर कोई सियासी दांव  दिखा सकते हैं. 

वहीं, नीतीश 24 के सुपरस्टारों में शामिल हैं तो उनकी सियासी फिल्म की स्टारकास्ट में धांसू डायलॉग ललन सिंह भी सुना रहे हैं. नीतीश की सुपरस्टार वाली मूवी में जेडीयू के कार्यकारी प्रेसिडेंट संजय झा भी शाना-ब-शाना खड़े हैं. बिहार में जेडीयू के तीर की नोक तेज कर रहे हैं. साल बदल रहा है, लेकिन नीतीश वही पुराने हैं, कौन जाने 24 के बाद मन में क्या ठाने हैं?

अखिलेश यादव

चलिए 24 के सुपरस्टार्स का अध्याय आगे बढ़ाते हैं और अब यूपी चलते हैं, क्योंकि 24 में सबसे ज़्यादा जिनके क्लेश कटे हैं, वह अखिलेश हैं. पीडीए की गद्दी पर बैठकर इतनी तेज साइकिल दौड़ाई कि 24 में समाजवादी पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी दिलाई.

बीजेपी को यूपी में मात दी और समाजवादी पार्टी का हौसला बुलंद किया. इस दौरान उनका अपनी सहयोगी कांग्रेस से थोड़ा बहुत द्वंद चलता रहा. संसद में समाजवादी परिवार के सदस्यों की बड़ी संख्या कई सालों बाद दिखाई दे रही है. लेकिन चर्चाओं अवधेश प्रसाद हैं, क्योंकि उन्होंने फैजाबाद से जीतकर बीजेपी का काफी गहरा घाव दिया है.

उपचुनाव में पीडीए फेल

लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में 9 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में अखिलेश बीजेपी के सामने संघर्ष करते दिखे तो चर्चा शुरू हुई कि क्या यूपी पीडीए का जादू कितना बचा है. कभी संभल की खुदाई, कभी पुलिस बल की कार्रवाई, कभी बुलडोजर पर सवाल उठा रहे हैं. 2024 से अखिलेश अपनी आक्रामक नीतियां आगे बढ़ा रहे हैं. या इसी बात को ऐसे कह सकते हैं कि एक पहिया दिल्ली में, एक यूपी में दौड़ा रहे हैं. 2024 से अखिलेश समाजवादी राजनीति ऐसे चला रहे हैं.

चंद्रबाबू नायडू

साल 2024 ने पूरब से दक्खिन तक सियासत के ऐसे-ऐसे सुपरस्टार्स दिए, जिनकी चर्चा न हो तो साल का सियासी कैलेंडर पूरा नहीं हो सकता. तो चलिए दक्षिण से शुरू करते हैं. आंध्र प्रदेश में नायडू ने पूरी तस्वीर बदल दी और राजनीति की जमीन पर एक बड़ी लकीर खींच दी.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने अपने पुराने सहयोगी एनडीए से हाथ मिलाया. इसके बाद आंध्र चुनावों में नायडू की आंधी ने सभी प्रतिद्वंदियों को हवा कर दिया. पूर्ण बहुमत पाकर खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और केंद्र में मोदी 3.0 के लिए समर्थन देकर किंगमेकर बन गए.

2024 की सियासत में नायडू को मिला बेटे का बड़ा सहारा, युवाओं के बीच लोकप्रियता पाते दिखे लोकेश नारा. और फिर जब साथ में आए सुपर स्टार पवन, तय था होकर ही रहेगा गठबंधन का कल्याण. नायडू किंग भी हैं और किंगमेकर भी, इसलिए वह 24 की चर्चाओं के सुपरस्टार हैं.

ममता बनर्जी

24 की सियासी चर्चाओं की सुपरस्टार तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हैं. लोकसभा चुनावों में उनका जादू ऐसा चला कि सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद 42 लोकसभा सीटों में से 29 जीत लीं और बीजेपी को 12 पर रोक दिया.
 
केंद्र के साथ टकराव ने उन्हें चौबीस की चर्चाओं का केंद्र बना दिया. चर्चाएं तब भी उनकी खूब हुईं जब लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ गठबंधन बनाने की अलग-अलग कोशिशें कीं. दीदी का दबदबा रहा तो रहा उनके भतीजे अभिषेक ने उस दबदबे में और बढोतरी की. युवाओं के बीच पार्टी को लेकर गए तो चर्चाओं में भी खूब रहे.

 
वहीं, संसद में महुआ मोइत्रा ने दीदी को सियासत के केंद्र में रखा. संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह कल्याण बनर्जी ने कभी विवादों के बयान से तो कभी अपने एक्शन से राजनीति को हिला कर रख दिया. साल 2024 जाते-जाते विपक्षी नेताओं के बीच फिर दीदी की चर्चा छेड़ गया. मतलब ये कि विपक्ष में ये साल रहा दीदी के सियासी स्टारडम के नाम.

योगी आदित्यनाथ

कभी अपने बयानों से तो कभी अपने अंदाज़, कभी अपने एक्शन तो कभी रिएक्शन, योगी आदित्यनाथ पूरे साल चर्चाओं में बने रहे. न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई राज्यों में योगी आदित्यनाथ का नाम सुर्खियों में छाया रहा. उनके नारे बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे भी हर राजनेता की जुबान पर चढ़ा दिखाई दिया.

संदर्भ बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के तनाव का था, लेकिन निशाना यूपी में 9 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों पर था. बंटेंगे तो कटेंगे की बड़ी लकीर सीएम योगी ने खींच दी. 9 में से 7 सीटें उपचुनावों की बीजेपी के लिए जीत दीं.

यूं तो योगी आदित्यनाथ साल की शुरुआत से ही चर्चा में रहे. पहले श्री राम मंदिर उद्घाटन से पूर्व अयोध्या की तैयारियों को लेकर. फिर लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव के इस बयान को लेकर कि नतीजे आने के साथ बीजेपी उन्हें हटाने की प्लानिंग कर चुकी है. नतीजे आए तो यूपी में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा. चुनावी विश्लेषण की हर खबर योगी आदित्यनाथ के ही इर्द-गिर्द रही, पर वो सुर्खियों से दूर रहकर उपचुनाव की तैयारियों में रहे.

देवेंद्र फडणवीस

2024 के सुपरस्टार्स की लिस्ट में सिर्फ राष्ट्रीय राजनीति के किरदार ही नहीं हैं बल्कि क्षेत्रीय राजनीति के नेताओं ने भी बड़ी चर्चाएं बटोरी हैं. हमारी अगली लिस्ट में 24 के जो सुपरस्टार्स हैं उन्होनें दिल्ली की सियासत के बीच बंटी देश की राजनीति में नए आयाम स्थापित किए.
 
देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो चर्चा मुख्यमंत्री बनने से अधिक इस बात की रही कि वो चुनाव किस कौशल से लड़े. कैसे महा विकास अघाड़ी के नेताओं के बनाए आरोपों के जाल तोड़े, कैसे वो आधुनिक अभिमन्यु बनकर चुनावी चक्रव्यूह से विजयी होकर बाहर निकले.
 
एक होती है जीत, एक होता है इतिहास रचना, जब कयास ये थे कि बीजेपी के नेतृत्व में महायुति महाराष्ट्र में फिर सत्ता में लौटेगी या नहीं? फडणवीस की नीति और राजनीति ने अब तक का सबसे बड़ा बहुमत हासिल किया, प्रतिद्वंदियों के नीचे से सिर्फ जमीन नहीं बल्कि सर के ऊपर का आसमान तक खींच लिया.

एकनाथ शिंदे का समर्पण भी चर्चा में रहा जब मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी भी सहर्ष स्वीकर कर ली, चर्चा असली शिवसेना का इम्तिहान पास करने की भी रही.

अतीज पवार का पावर भी चर्चा में रहा जिसके कारण वो छठी बार उप-मुख्यमंत्री बने, चाचा की चुनौती को ऐसे हैंडिल किया कि अपनी पार्टी को जनता की अदालत से असली एनसीपी का सर्टिफिकेट भी ले आए.

हेमंत सोरेन
चर्चा तो झारखंड के सबसे बड़े लडैय्या साबित हुए हेमंत सोरेन की भी 2024 में खूब रही. एनडीए का पूरा जोर एक तरफ रहा, लेकिन हेमंत की लोकप्रियता के आगे कुछ काम न आया. चौथी बार सीएम की शपथ, दूसरी बार लगातार सीएम की शपथ एक ऐसा कमाल है जो 2024 की तारीखों में दर्ज रहेगा.

हेमंत जेल गए तो पत्नी कल्पना ने पार्टी और चुनाव प्रबंधन संभाला, चुनाव लड़ीं और जीतकर  विधानसभा भी पहुंच गईं. एक कुशल गृहणी से राजनेता तक का उनका सफर भी चौबीस की चर्चाओं में शामिल रहा.

उमर अब्दुल्ला
 
24 में सबकी निगाहें जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों पर भी लगी थीं. 370 हटने के बाद ये पहला चुनाव था, हर किसी के चेहरे पर तनाव था कि क्या होगा, कैसे होगा? लोकसभा चुनावों में हारे उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन जब लड़े तो फिर मुख्यमंत्री भी बने.

चौबीस की चर्चाओं में रहेगा उमर का वो चुनावी कौशल जिसने लोकसभा चुनावों के कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनावों में हालात अपनी तरफ मोड़ दिए. जम्मू-कश्मीर भौगोलिक और एतिहासिक रूप से बदला था 2019 में, लेकिन 2024 में राजनीतिक रूप से उसने करवट ली.

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request