आज महिलाएं पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. फिर चाहें युवा महिलाएं हों या फिर शादीशुदा टेक से लेकर डिफेंस तक में ये काम कर रही हैं. लेकिन, एक कंपनी ऐसी है, जहां पर शादीशुदा महिलाओं को जॉब नहीं मिल रही और ये किसी अन्य देश का मामला नहीं है, बल्कि भारत का ही है. आईफोन (iPhone) निर्माता कंपनी ऐपल इंक के लिए असेंबलिंग का काम करने वाली फॉक्सकॉन (Foxconn) में शादीशुदा महिलाओं (Married Women) की जॉब एप्लीकेशन को ही रिजेक्ट कर दिया जाता है.
फॉक्सकॉन के चेन्नई प्लांट का मामला
भारत में फॉक्सकॉन के iPhone असेंबली प्लांट में ये भेदभाव का मामला उजागर हुआ है. बिजनेस टुडे पर छपी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई (Chennai) स्थित इस प्लांट में शादीशुदा महिलाओं को परमानेंट जॉब ऑर्पच्युनिटीज से दूर रखा जाता है. जो कंपनी दी गैर-भेदभावपूर्ण भर्ती के लिए सार्वजनिक रूप से बताई गई प्रतिबद्धता के विपरीत है. लेकिन, रॉयटर्स की जांच में सामने आया है कि Apple और Foxconn दोनों 2023 और 2024 में इस तरह के मामले सामने आए. कंपनी में यह प्रथा कथित तौर पर पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक दबावों से प्रेरित है.
दो बहनों का नहीं हो सका इंटरव्यू
इस रिपोर्ट में दो बहनों पार्वती और जानकी का जिक्र किया गया है, जो 20 साल की हैं. उन्हें फॉक्सकॉन की चेन्नई स्थित iPhone फैक्ट्री में इस भेदभाव का सामना करना पड़ा था. बीते साल मार्च 2023 में व्हाट्सएप पर नौकरी के विज्ञापन देखने के बाद ये दोनों बहनें इंटरव्यू के लिए इस प्लांट में पहुंची थीं, लेकिन मैनगेट पर मौजूद सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें इंटरव्यू नहीं देने दिया और गेट से ही वापस लौटा दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उस अधिकारी ने दोनों से सवाल किया था कि 'क्या आप शादीशुदा हैं?' हां, में जबाव देते ही उसने दोनों शादीशुदा महिलाओं को वापस जाने के लिए कह दिया.
जांच में ऐसी हुई भेदभाव की पुष्टि
पार्वती के मुताबिक, उन्हें ये नौकरी सिर्फ इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि वे दोनों शादीशुदा हैं. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में वहां के कई लोगों को पता है और इंटरव्यू के लिए जिस ऑटो से वे दोनों फैक्ट्री में पहुंची थीं, उस ऑटो के ड्राइवर ने भी उन्हें फॉक्सकॉन के शादीशुदा महिलाओं के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैये के बारे में चेतावनी दी थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही. रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सकॉन इंडिया के पूर्व HR कार्यकारी एस. पॉल ने भी इस तरह की प्रथा की पुष्टि की है और कहा है कि Foxconn का मानना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों और संभावित गर्भधारण के कारण विवाहित महिलाएं रिस्क फैक्टर पैदा करती हैं.
एस पॉल के इन दावों का समर्थन फॉक्सकॉन की विभिन्न हायरिंग एजेंसियों के 17 कर्मचारियों और 4 वर्तमान और पूर्व HR अधिकारियों ने भी किया है. उन्होंने कहा शादीशुदा महिलाओं के ऊपर युवा महिलाओं की तुलना में ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं और कार्य प्रभावित न हो इसके लिए इन्हें भर्ती प्रक्रिया से दूर ही रखा जाता है.
दोनों कंपनियों ने किया इनकार
हालांकि, इस जांच रिपोर्ट के बाद जब बिजनेस टुडे ने यह जानने के लिए ऐपल से संपर्क किया कि क्या उन्हें ऐसी किसी प्रथा के बारे में पता है. तो इस पर कंपनी की ओर से कहा गया कि हम उच्चतम आपूर्ति श्रृंखला मानकों को बनाए रखते हैं और भारत में विवाहित महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं. वहीं फॉक्सकॉन की ओर से रोजगार में भेदभाव के आरोपों से इनकार किया गया है. दोनों ही कंपनियों ने हायरिंग प्रोसेस में सुधार और अपने संबंधित आचार संहिता के पालन के अपने प्रयासों पर प्रकाश डाला, जो वैवाहिक स्थिति, लिंग और अन्य कारकों के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं.