बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान से बवाल मचा है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दुबे पर पलटवार किया है. ओवैसी ने कहा, तुम लोग (बीजेपी) ट्यूबलाइट हैं. इस तरह से कोर्ट को धमका रहे हैं. क्या आपको पता है (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है? इसे बीआर अंबेडकर ने बनाया था. वे तुमसे ज्यादा दूरदर्शी थे. बीजेपी धोखाधड़ी कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी देकर डरा रही है.
ओवैसी ने आगे कहा, आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि आप कोर्ट को धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं. मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे तो देश कमजोर हो जाएगा. देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे. भारत का हिंदू भी जान चुका है कि वक्फ का कानून बनने से क्या मुझे नौकरी मिलेगी? हिंदू जान चुका है कि मुसलमानों की नफरत को दिखाकर बीजेपी वोट बटोरती आई है. दिखाने के लिए कुछ नहीं है. 4.5 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. इनकी बेरोजगारी को दूर करने का कोई प्लान नहीं है.
निशिकांत दुबे ने क्या कहा था?
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर बयान दिया है. दुबे ने कहा, देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं, उनके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है.
दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से आगे जा रहा है. अदालत संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर रही है और यहां तक कि राष्ट्रपति को निर्देश दे रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं. संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत कानून बनाना संसद का काम है और अदालत की भूमिका कानून की व्याख्या करना है. अगर हर काम के लिए सुप्रीम कोर्ट ही जाना है तो क्या संसद को बंद कर देना चाहिए. सब चीजों के लिए कानून बना है तो फिर सुप्रीम कोर्ट नया कानून कहां से और कैसे बना रहा है.
क्या बोले बीजेपी अध्यक्ष नड्डा?
हालांकि, बीजेपी ने दुबे के बयान से किनारा कर लिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने X पर लिखे पोस्ट में कहा, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका और देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है. यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन बीजेपी ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और ना कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है. बीजेपी इन बयान को सिरे से खारिज करती है.
बीजेपी ने पार्टी नेताओं को दी हिदायत
नड्डा ने आगे कहा, बीजेपी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है. उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट समेत देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं. संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं. मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है.