देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo आखिरकार बंद हो गया है. इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने Twitter (अब X) के प्रतिद्वंद्वी के रूप में एंट्री की थी. Koo के फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने इसके बंद होने की जानकारी दी है. एक वक्त Koo पर तमाम VIP, नेताओं से लेकर मंत्रियों तक ने अपने अकाउंट बनाए थे.
फाउंडर्स ने बताया कि पार्टनरशिप की बातचीत फेल होने और हाई टेक्नोलॉजी कॉस्ट की वजह से इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद किया गया है. कंपनी ने अप्रैल 2023 से ही वर्कफोर्स को कम करना शुरू कर दिया था.
1 करोड़ तक पहुंच गई थी एक्टिव यूजर्स की संख्या
एक वक्त ऐसा था जब Koo के डेली एक्टिव यूजर्स की संख्या 21 लाख तक पहुंच गई थी. इतना ही नहीं कंपनी के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 1 करोड़ पहुंच गई थी. इस प्लेटफॉर्म पर 9 हजार VIP लोगों का अकाउंट था. इस प्लेटफॉर्म को नेताओं ने भी काफी ज्यादा प्रमोट किया था.
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उस वक्त तमाम नेता और कैबिनेट मंत्रियों ने Koo पर अपना आधिकारिक अकाउंट बनाया था. इस प्लेटफॉर्म को देसी ट्विटर के रूप में प्रमोट किया जा रहा था. हालांकि, इतनी सफलता के बाद भी वित्तीय संकटों से जूझ रही कंपनी को अपना कारोबार बंद करना पड़ा है.
क्यों बंद हो गया ऐप?
फाउंडर्स ने Koo के बंद होने की वजह टेक्नोलॉजी पर आने वाले खर्च और अप्रत्याशित मार्केट कैपिटल को बताया है. इसके साथ ही फाउंडर्स ने कंपनी के कुछ एसेट्स को बेचने की इच्छा भी जताई है. फाउंडर की ओर से जारी नोट में बताया गया है, 'हम इन एसेट्स को ऐसे लोगों से शेयर कर के खुश होंगे, जो भारतीय सोशल मीडिया में कुछ महान करने की सोच रखते हों.'
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इस प्लेटफॉर्म का सीधा मुकाबला Twitter से था. Elon Musk ने जब ट्विटर को खरीदा, तो इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स की संख्या बढ़ी थी. अपने नोट में फाउंडर्स ने लिखा, 'हमने कुछ ही वक्त में विश्व भर में स्केल किया जा सकने वाला प्रोडक्ट बनाया.' अपने फेयरवेल में फाउंडर्स ने सपोर्टर्स, टीम, निवेशक, क्रिएटर्स और यूजर्स को एक फेयरवेल मैसेज लिखा है.