दिल्ली के जीबी रोड रेड लाइट इलाके में जबरन जिस्मफरोशी के दलदल में धकेली गई एक महिला को पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रिहा कराया है. पीड़िता को जाल में फंसाकर वेस्ट बंगाल से दिल्ली लाया गया था. उसे धोखे से एक कोठे में बेंच दिया गया. गुप्त सूचना के आधार पर एनजीओ और एनएचआरसी के सहयोग से पुलिस ने कोठे पर छापा मारा. पीड़िता को बरामद करते हुए पुलिस ने कोठा संचालक को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता ने 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. वो छह भाई-बहनों में सबसे छोटी है. गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. करीब पांच साल पहले उसकी शादी हुई थी, लेकिन एक साल पहले उसके पति ने उसे तलाक दे दिया था. उसके बाद से वो हाउसमेड का काम कर रही थी. इसी साल जनवरी में एक शख्स उसे मिला. उसने पहले प्यार का झांसा दिया, फिर उसे नौकरी का लालच देकर दिल्ली ले आया. यहां लाकर उसे दिल्ली के रेड लाइट इलाके में बेच दिया.
दिल्ली पहुंचने के बाद पीड़िता का फोन छीनकर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया. उसका अपने परिवार से संपर्क टूट गया. करीब 10 दिन पहले उसे किसी तरह से अपने भाई से संपर्क किया. उसे अपनी आपबीती बताई. उसके भाई ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क साधा. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बचाव अभियान चलाया. 5 अप्रैल को जीबी रोड रेड लाइट एरिया में छापेमारी की गई.
पीड़िता के बयान के आधार पर कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है. इस मामले में आगे की जांच जारी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने शनिवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने पीड़िता को बचा लिया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "आज मेरे निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने एक बचाव अभियान चलाया. इस दौरान पश्चिम बंगाल की एक गरीब लड़की को जीबी रोड रेड लाइट एरिया के एक वेश्यालय से बचा लिया गया है.''
उन्होंने आगे लिखा, ''मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने बताया कि दक्षिण 24 परगना के मोहम्मद गाजी नामक आरोपी ने पीड़ित लड़की को प्यार के जाल में फंसाया. उसे दिल्ली लाया. एक कोठे में बेच दिया. उसे वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया.'' पुलिस टीम में इंस्पेक्टर इना कुमारी, इंस्पेक्टर मनोज दहिया, एसआई पिंकी रानी, एसआई मीनाक्षी, एसआई नरेंद्र कुमार, एएसआई गोपाल कृष्ण, एएसआई बिजेंदर, एएसआई रामचंदर, एएसआई राजेश, सुनीता आदि शामिल थे.
बताते चलें कि जीबी रोड दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है. इसे पहले गारस्टिन बास्टिन रोड के नाम से जाना जाता था. लेकिन साल 1965 में इस नाम को बदलकर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया है. जीबी रोड के देह व्यापार का इतिहास काफी पुराना है. बताया जाता है कि मुगलकाल में इस क्षेत्र में कई रेडलाइट एरिया हुआ करते थे. अंग्रेजों के समय इन क्षेत्रों को एक साथ कर दिया गया. उसके बाद इस इलाके का नाम जीबी रोड दिया गया था.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास अजमेरी गेट से लेकर लाहौरी गेट के बीच का इलाका जीबी रोड कहा जाता है. यहां पर करीब 25 इमारते हैं. इन इमारतों में 100 से अधिक वेश्यालय चलते हैं. बताया जाता है कि यहां 1000 से अधिक सेक्स वर्कर्स काम करने को मजबूर हैं. कुछ साल पहले सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार करीब यहां हर महीने करीब 6 लाख कंडोम का इस्तेमाल होता है. महिला आयोग ने एड्स कंट्रोल सोसाइटी से कंडोम सप्लाई के बारे में रिपोर्ट भी मांगी थी.