वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूरक बजट (Budget 2024) आने में महज चार दिन का समय बचा है और 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इसे संसद में पेश करेंगी. ये वित्त मंत्री के रूप में उनका लगातार सातवां बजट पेश करेंगी. हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट पूरी तरह से तैयार होने की पुष्टि हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट दस्तावेज क्या होता है और इसे किस तरह और कहां पर तैयार किया जाता है?
10 दिन कैद हो जाते हैं बजट बनाने वाले
देश का बजट बेहद गोपनीय होता है और ये दस्तावेज (Budget Document) तैयार करने के दौरान इसमें शामिल अधिकारी और कर्मचारी चाक चौबंद व्यवस्था में रहते हैं. खास बात ये है कि संसद में Budget पेश होने से 10 दिन पहले ही ये अधिकारी और कर्मचारी दुनिया से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं. जी हां अपने घर या फिर पूरी दुनिया से ये लोग 10 दिनों तक बेखबर रहते हैं. इस समय वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में बिल्कुल लॉकडाउन (Lock Down) जैसा रहता है. अगर इन दिनों को मिनट में तब्दील कर जोड़ेंगे, तो ये 14,400 मिनट होता है. यानी बजट को अंतिम रूप देने वाले अधिकारी 14,400 मिनट तक कैद में रहते हैं. बजट तैयार होने के दौरान Finance Minister के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत दी जाती है.
बीमार होने पर नहीं जा सकते अस्पताल
Budget की सुरक्षा व्यवस्था और इसकी अहमियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) में इन 10 दिनों के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों में से कोई बीमार होता है, तो उसे अस्पताल तक में भर्ती की परमिशन नहीं होती है. उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए डॉक्टरों की एक टीम (Doctor's Team) तैनात रहती है.
ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें. यह इस बात का उदाहरण है कि देश का बजट तैयार करना आसान बात नहीं, बल्कि हर बारीकियों पर बेहद सतर्कता के साथ निगरानी की जाती है, ताकि देश के बजट से जुड़ी जानकारियों पूरी तरह से गोपनीय रहें.
एंट्री और एग्जिट पूरी तरह से बैन
बजट डॉक्यूमेंट बेहद ही अहम दस्तावेज होता है और इसे तैयार करने से लेकर छपाई तक कड़ी सुरक्षा के बीच होती है. यहां तक कि हर साल बजट बनाने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में स्थित मंत्रालय के दफ्तर में बाहरी लोगों और मीडिया के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाती है. दरअसल, ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के मुताबिक, बजट डॉक्यूमेंट संसद में पेश होने के पहले तक एक तरह का खुफिया दस्तावेज होता है. अगर बजट से जुड़ी कोई जानकारी लीक होती है, तो फिर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. इसलिए संसद में पेश होने तक बजट को लोगों से छिपाकर रखा जाता है.
नॉर्थ ब्लॉक में ही होती है छपाई
बजट इतिहास पर नजर डालें तो साल 1950 तक बजट डॉक्यूमेंट की छपाई राष्ट्रपति भवन में स्थित प्रेस में होती थी, लेकिन एक बार वहां से बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था, जिसके बाद से इसे मिंटो रोड स्थित सरकारी प्रेस में छापा जाने लगा. लेकिन, बाद में साल 1980 से बजट की छपाई नॉर्थ ब्लॉक स्थित प्रेस में होने लगी. बजट तैयार करने से पहले एक ब्लू शीट बनती है, जिसमें प्रमुख आर्थिक डाटा रखा जाता है. इसके आधार पर ही बजट को तैयार किया जाता है. इस बजट शीट को वित्त मंत्री भी बाहर नहीं ले जा सकते हैं और इसकी पूरी जिम्मेदारी मंत्रालय के संयुक्त सचिव (बजट) के पास होती है.
पेश होने से 10 दिन पहले शुरू होती है छपाई
Budget संसद में पेश होने के 10 दिन पहले वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में इसकी छपाई होती है. ये इतना गोपनीय काम होता है कि इससे जुड़े अधिकारी और कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं. इस काम से जुड़े करीब 100 अधिकारियों-कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है. इस दौरान अगर किसी विजिटर का आना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है, तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है. इस बीच मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से जाम रहता है और सिर्फ लैंडलाइन का ही इस्तेमाल दूरसंचार के लिए होता है.
कर्मचारी नहीं कर सकते निजी E-Mail यूज
Finance Ministry में मीडिया समेत अन्य किसी भी तरह के व्यक्ति के प्रवेश को इस बजट छपाई की प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से प्रतिबंधित तो रखा ही जाता है, वहीं मंत्रालय में कर्मचारी निजी ई-मेल का प्रयोग कार्यालय के सिस्टम पर नहीं कर सकते हैं. नॉर्थ ब्लॉक के प्रवेश और निकास द्वार पर CISF के अलावा दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात रहते हैं. यह लोग उन लोगों पर नजर रखेंगे, जो बजट बनाने वाले अधिकारियों से मिलने जाएंगे.