दुनिया की सबसे पुरानी दीमकों की बांबी मिल गई है. ये पृथ्वी पर मौजूद दीमकों का सबसे पुराना घर है. ये बांबियां हजारों सालों से धरती के वायुमंडल से कार्बन खींच रहे हैं. ये बांबी दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिकों ने खोजा है.
हैरानी ये है कि आज भी इसमें दीमक रहते हैं. यह एक्टिव है. दीमकों के इस प्राचीन घर की खोज की रिपोर्ट साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट जर्नल में प्रकाशित हुई है. रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चला है कि ये बांबियां 34 हजार साल पुरानी हैं.
इन्हें खोजने वाली साइंटिस्ट मिशेल फ्रांसिस कहती हैं कि ये यूरोप के किसी गुफा पेंटिंग या आखिरी ग्लेशियल मैक्सिमम से पुराना है. इन बांबियों को दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी तट के पास नामाकुआलैंड में बफेल्स नदी के तट पर खोजा गया है.
दक्षिण अफ्रीका के इस इलाके का 20 फीसदी हिस्सा यानी जमीन दीमकों की बांबियों से भरी पड़ी हैं. अफ्रीका के लोग इन्हें 'लिटिल हिल' बुलाते हैं. अफ्रीकी भाषा में इन्हें 'Heuweltjies' कहते हैं.
ये दीमक आसपास के इलाकों से लकड़ियों का बुरादा निकालते हैं, उसके बाद इन्हें अपनी बांबियों में लाकर रख देते हैं. हजारों सालों से इन बांबियों में लकड़ियों की वजह से कार्बन से भरा हुआ खजाना बन गया है.
मिशेल का अनुमान है कि इन बांबियों में कम से कम 15 टन कार्बन जमा हो सकता है. मिशेल ने यह पता करने की कोशिश की कैसे इन छोटे पहाड़ों के अंदर पानी, मिट्टी, वायुमंडल से कार्बन जमा हो रहा है. वो इसकी रासायनिक प्रक्रिया को समझने की कोशिश कर रही थीं.
असल में पता चला कि मिट्टी में मौजूद माइक्रोब्स कार्बन को कैल्सियम कार्बोनेट में बदल रहे हैं. भारी बारिश के दौरान ये कार्बोनिक एसिड में बदल जाते थे. इस तरह से वायुमंडल का कार्बन डाईऑक्साइड बारिश के पानी में मिल जाता. कार्बन जमीन से 3 फीट नीचे जमा होता जा रहा था.