सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अपनी दिव्यांगता के बारे में कथित झूठ बोलने के कारण जांच के दायरे में आईं ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पहली बार अपने ऊपर लगे आरोपों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह कमेटी के सामने सारे सवालों का जवाब देंगी और जांच का सामना करेंगी.
खेडकर ने आरोपों को बताया मीडिया ट्रायल
पूजा खेडकर ने संवाददाताओं से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों को 'मीडिया ट्रायल' बताते हुए कहा कि लोग देख रहे हैं और जल्द ही सच्चाई सामने आ ही जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मुताबिक, जब तक आरोप साबित न हो जाए तब तक किसी व्यक्ति को दोषी नहीं माना जा सकता.मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे कमेटी के सामने जो कुछ भी कहना होगा मैं कहूंगी और जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसे स्वीकार करुंगी.'
तीसरे मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए पूजा ने किया था अप्लाई
खेडकर ने आंखों की रोशनी में दिक्कत और मानसिक बीमारी का दावा करते हुए दो मेडिकल सर्टिफिकेट संघ लोक सेवा आयोग को जमा किए थे. लेकिन हाल ही में सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि आईएएस अधिकारी ने पुणे के एक अस्पताल से तीसरा मेडिकल सर्टिफिकेट लेने की भी कोशिश की थी, जिसे मेडिकल प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया. दरअसल, शारीरिक विकलांगता साबित करने के इरादे से खेडकर ने कई मेडिकल टेस्ट कराए थे, लेकिन जांच करने वाले डॉक्टर ने कहा कि दिव्यांगता सर्टिफिकेट जारी करना संभव नहीं था.सूत्रों के मुताबिक, पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे के औंध अस्पताल से दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था.
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गायब हुए खेडकर के मां-बाप
पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो किसानों को पिस्तौल लेकर धमकाती नजर आ रही हैं. अब खबर सामने आई है कि पूजा की मां जांच में भी सहयोग नहीं कर रही हैं उनका फोन ऑफ आ रहा है. पुणे पुलिस का कहना है कि पूजा की मां और पिता दोनों गायब हैं. उनकी तलाश जारी है.
दो अलग-अलग नामों से दी UPSC की परीक्षा
सामने आया है कि पूजा खेडकर ने 2019-20 में खेडकर पूजा दिलीपराव नाम से सिविल सेवा की परीक्षा दी थी. लेकिन 2021 और 2022 में उन्होंने अपना नाम बदलकर पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर लिया और इसी नाम से यूपीएससी परीक्षा दी. 2019-20 तक पूजा खेडकर यूपीएससी परीक्षा देते समय अपने पिता का नाम दीलीपराव लिखती थीं. उसमें भी स्पेलिंग में D डबल E लिखा हुआ है. और नाम उपनाम से शुरू होता है जैसा कि महाराष्ट्र में आम है. हालांकि, 2021 से उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देते समय पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर नाम देना शुरू कर दिया. वह नाम में मां का नाम लिखने लगीं और पिता का नाम सिर्फ दिलीप लिखा. इसकी स्पेलिंग भी बदल दी गई.
अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राज्य सरकार ने हाल ही में पूरे नाम में मां का नाम शामिल करने का फैसला लिया है तो फिर पूजा खेडकर ने 2021 से ही नाम में मां का नाम क्यों जोड़ा? क्या उन्होंने केवल यूपीएससी प्रयास बढ़ाने के लिए अपना नाम बदला? क्या वो सिर्फ नाम बदलने से वह यूपीएससी फिल्टर में नहीं फंसीं?