दिल्ली: फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर लोगों के लिए काल बन रही गर्मी, 19 दिन में लू से 192 मौत

7 months ago 15

देशभर में पड़ रही भीषण गर्मी से लोग त्रस्त हैं. दिल्ली का हाल भी बुरा है. यहां पारा 47 डिग्री तक पहुंच चुका है. हीट स्ट्रोक से लगातार लोगों के बीमार होने और मौत की खबरें आ रही हैं. ऐसे लोगों के लिए और ज्यादा मुश्किल है जो बेघर हैं या फुटपाथ पर रात गुजारते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 19 जून 2024 के बीच दिल्ली में भीषण लू की वजह से 192 बेघर लोगों की मौत हो गई है.

लू की वजह से बेघर लोगों की मौजूदा मुश्किलें बढ़ जाती हैं. उन्हें बुनियादी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता. मसलन हेल्थ फैसिलिटी, गर्मी से बचने के लिए कूलर, AC, पंखा. इससे बेघर लोगों को गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि थकावट, हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है. इन्हें आश्रय देने के लिए बनाए गए शेल्टर अक्सर क्षमता और सुविधाओं के मामले में कम पड़ जाते हैं. जिससे मौसम में हुए बदलाव का सबसे ज्यादा असर इन पर पड़ता है. अत्यधिक गर्मी और ठंड में हालत बदतर हो जाते हैं. 

सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (CHD) नामक एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार एलेडिया ने कहा, '11 से 19 जून 2024 के बीच दिल्ली में भीषण लू की वजह से 192 बेघर लोगों की मौत हो गई है.' वर्ष 2024 में मरने वालों की संख्या पिछले वर्ष 11 जून से 19 जून के बीच की तुलना में बहुत अधिक है. 80 फीसदी अज्ञात शव बेघर लोगों के हैं.

वर्ष     मृत्यु
2019 143
2020 124
2021 58
2022 150
2023 75
2024 192

क्या है तापमान बढ़ने की वजह?
वायु प्रदूषण, तेजी से औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वनों की कटाई से तापमान में बढ़ोतरी हुई है, जिससे बेघर लोगों की स्थिति और भी खराब हो गई है. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए साफ पीने का पानी मिलना भी बड़ी चुनौती है, जिससे डिहाइड्रेशन और इससे संबंधित अन्य बीमारियां हो रही हैं.

इसके अलावा, पुरानी बीमारियों और मानसिक स्वास्थ्य पर गर्मी का बुरा असर पड़ता है. इया मौसम में पुरानी बीमारियां बढ़ जाती हैं. पैसे की कमी के कारण कई बेघर व्यक्ति सनस्क्रीन, टोपी या हल्के कपड़े नहीं खरीद पाते हैं, जिससे डायरेक्ट सनलाइट में उन्हें नुकसान पहुंचता है.

गंभीर स्थिति के बावजूद, बेघर व्यक्ति के पास दीन दयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम-एसयूएच) और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) जैसे सरकारी कल्याण कार्यक्रमों का फायदा नहीं मिल रहा है. इसकी मुख्य वजह है कि उनके पास न तो कोई आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट है न ही स्थायी पता. सुनील कुमार एलेडिया ने कहा कि ऐसे लोगों के पास फुटपाथ पर दिन गुजारने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

इस विकट स्थिति में कुलिंग सेंटर स्थापित करना, शेल्टर होम की व्यवस्था होना, पानी मिलना और घर जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देना होगा.

Article From: www.aajtak.in
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