दिल्ली-NCR में कोरोना की दस्तक, गुरुग्राम में मिले दो मरीज, रखा गया आइसोलेशन में

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कोरोना वायरस कहें या कोविड-19 साल 2020 के बाद से इसका खौफ लोगों के बीच खूब देखने को मिला. इस महामारी से दुनियाभर में सैंकड़ों लोगों ने जान गवाईं. अभी लोग ढंग से कोविड-19 द्वारा मचाई गई तबाही को भूले भी नहीं थे के इस बीच एशिया के कुछ देशों में कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे हैं. होंग कॉन्ग और सिंगापुर में कोविड मामलों में वृद्धि की खबरों के बीच, मुंबई में भी कुछ कोविड पॉजिटिव मामले सामने आए. और अब ताजा दो मामले दिल्ली के सटे गुरुग्राम में आए हैं.

यहां के साइबर सिटी में करोना की दस्तक हो गई है. दोनों रोगियों को फिलहाल आइसोलेशन में रखा गया है जिनमें से एक मुंबई से गुरुग्राम आई है. हालांकि कोरोना से युद्ध के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. गुरुग्राम के सीएमओ ने कहा कि- माइल्ड सिम्टम्स है घबराने की जरूरत नहीं है.स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि जुखाम, खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

कुल मामलों की बात करें तो अबतक देशभर में कोरोना के कुल 257 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. जिसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है.

गुरुवार तक गुजरात के अहमदाबाद में कोरोना के 4 नए केस दर्ज हुए. इनमें 84 साल के कोरोना पॉजिटिव मरीज प्राइवेट अस्पताल में एडमिट है, बाकी के सभी मरीज होम आइसोलेशन में हैं. जबकि पूरे मई महीने में सिर्फ अहमदाबाद में    38 कोरोना के केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें से 31 ऐक्टिव केस हैं. अहमदाबाद नगर निगम द्वारा कोरोना के टेस्टिंग भी नगर निगम द्वारा संचालित अस्पताल में किए जा रहे है, ऐतियातन SVP, एलजी और शारदाबेन अस्पताल में कोरोना मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड भी कार्यरत किए गए हैं.

इसके अलावा मुंबई में कोरोना के कुछ मामले पाए गए हैं. ओडिशा के भुवनेश्वर में कोरोना का एक कंफर्म केस सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव अश्वथी एस. ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जनता को आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है और राज्य मशीनरी किसी भी घटनाक्रम से निपटने के लिए तैयार है.

कोरोना के केस तेजी से बढ़ने की वजह ओमिक्रॉन का JN.1 वैरिएंट है जो बहुत जल्दी फैलता है और अब इसका असर दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा रहा है.

JN.1 वैरिएंट क्या है?

 JN.1 कोरोना वायरस का एक नया रूप है, जो ओमिक्रॉन से जुड़ा है. यह BA.2.86 नाम के पुराने वेरिएंट से निकला है, जिसे पिरोला भी कहा जाता है. इस वेरिएंट की पहचान सबसे पहले 2023 के आखिरी में हुई थी. इसके बाद यह अमेरिका, यूके, भारत, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में तेजी से फैल गया. इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन (वायरस का वो हिस्सा जिससे वह शरीर की सेल्स से चिपकता है) में एक खास बदलाव (म्यूटेशन) हुआ है. इस बदलाव की वजह से यह वायरस ज्यादा तेजी से फैल सकता है. यह शरीर की उस इम्युनिटी को भी बेद सकता है, जो वैक्सीन लगवाने या पहले कोविड होने के बाद बनी थी.

 कितना खतरनाक है JN.1? 

फिलहाल के आंकड़ों के मुताबिक, JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन के पुराने वेरिएंट्स की तरह ही है और इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा बहुत कम है. अधिकतर लोगों में इसके लक्षण हल्के से मध्यम लेवल के ही देखे गए हैं. इनमें गले में खराश, बहती नाक, हल्का बुखार, थकान और खांसी जैसे लक्षण शामिल हैं. ये लक्षण पहले वाले ओमिक्रॉन वायरस से बहुत मिलते-जुलते हैं. हालांकि, JN.1 की सबसे बड़ी चिंता इसकी तेजी से फैलने की क्षमता है. यह वेरिएंट बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, इसलिए इसके केस तेजी से बढ़ सकते हैं.

Article From: www.aajtak.in
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