दिल्ली-NCR में शुक्रवार की शाम मौसम ने करवट ली. तेज धूल भरी आंधी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. पूर्वी दिल्ली के थाना मधु विहार इलाके में तेज आंधी से निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार गिरने से एक शख्स की मौत हो गई, जबकि दो लोग जख्मी हो गए. मौसम की इस अचानक तब्दीली के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर हवाई संचालन बाधित हो गया. रात 9 बजे तक 15 फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया. मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में अगले कुछ घंटों में बारिश की संभावना जताई है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शहर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में तेज हवाओं के कारण पेड़ गिर गए. जिनमें मंडी हाउस और दिल्ली गेट जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं. एक बाइक पर पेड़ गिर गया, इससे बाइक क्षतिग्रस्त हो गई. सड़क पर मलबा होने के कारण एक अन्य स्थान पर यातायात बाधित हुआ. तेज हवाओं के कारण धूल और मलबा उड़ता हुआ दिखाया गया, जिससे सड़कें और इमारतें आंशिक रूप से ढक गईं, जिससे लोगों को असुविधा हुई.
ये भी पढ़ेंः दिल्ली-NCR और हरियाणा में धूल भरी आंधी, अगले कुछ घंटों में इन इलाकों में बारिश का अलर्ट
फ्लाइट्स और मेट्रो सेवाएं प्रभावित
आंधी-तूफान से फ्लाइट्स के अलावा दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी प्रभावित हुईं. विशेष रूप से ओवरग्राउंड रूट्स पर मेट्रो को एहतियात के तौर पर सीमित गति से चलाया गया. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओवरग्राउंड सेक्शन्स में मेट्रो की रफ्तार कम कर दी गई है, जिससे कुछ स्थानों पर ट्रेनों के समय में देरी हुई. यात्रियों को स्टेशनों पर अतिरिक्त समय तक रुकना पड़ा और प्लेटफॉर्म्स पर भीड़ जमा हो गई.
#WATCH | Delhi: Several vehicles were damaged after a tree fell in the Sarai Rohilla area of Delhi.
The National Capital experienced dust storms earlier this evening after a sudden change in the weather. pic.twitter.com/2NqVVl9G6W
अगले तीन घंटे तक आंधी-तूफान का अनुमान
अधिकारियों ने अगले तीन घंटों के दौरान दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों में बिजली और तेज हवाओं के साथ तूफान का अनुमान लगाया है. मौसम विभाग ने लोगों को इस अवधि के दौरान आवश्यक सावधानी बरतने और खुले क्षेत्रों में रहने से बचने की सलाह दी है, क्योंकि संभावित ओलावृष्टि से लोगों को चोट लग सकती है. कमजोर स्ट्रक्ट्रर्स भरभराकर गिर सकते हैं, वहीं, तेज हवाओं और ओलों से बागानों, कृषि उपज और खड़ी फसलों को भी नुकसान हो सकता है.