विवादों में घिरी महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने अब पुणे के जिलाधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. सूत्रों के मुताबिक पूजा खेडकर के घर जो पुलिस पहुंची थी, उसको लेकर ये शिकायत की गई है. खेडकर ने पुणे डीएम पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. दरअसल, सोमवार देर शाम पुलिस की टीम पूजा के वाशिम स्थित घर पहुंची थी और उनके पूछताछ की थी. पूजा के घर वाशिम की महिला पुलिस की टीम गई थी.
जानकारी के मुताबिक पूजा ने वाशिम कलेक्टर बुवेनेश्वरी एस से अनुमति लेकर कुछ जानकारी साझा करने के लिए पुलिस को फोन किया था. पुलिस की टीमें पूजा के पिता दिलीप खेडकर और मां मनोरमा खेडकर की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं. जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद और फायरिंग की घटना के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
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पूजा खेडकर के घर पर 3 महिला पुलिसकर्मियों की टीम गई थी. इनमें एक एसीपी थीं, जो टीम को लीड कर रही थीं. सोमवार रात करीब 10.30 बजे वाशिम पुलिस पूजा खेडकर के घर पहुंची और रात 1 बजे बाहर आई. पूजा की पुलिस से क्या बातचीत हुई है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. जब पुलिस से कारण पूछा गया तो कहा गया कि वे आधिकारिक उद्देश्य से आए हैं.
LBSNAA ने रद्द की पूजा की IAS की ट्रेनिंग
इससे पहले उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया. इसके साथ ही एकेडमी ने उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया है. इसके अलावा एकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया गया है.
LBSNAA द्वारा पूजा खेडकर को जारी आदेश में कहा गया है, "आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है. अतः आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है. एकेडमी का पत्र इसके साथ संलग्न है. आपको यथाशीघ्र, किन्तु किसी भी परिस्थिति में 23 जुलाई, 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है."
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IAS पूजा को लेकर रोज हो रहे खुलासे
पूजा खेडकर को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. आरोप है कि पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था. उसके आधार पर विशेष रियायतें पाकर वो आईएएस बनीं. यदि उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता. पूजा पर आरोप है कि चयन के बाद पूजा को मेडिकल जांच से गुजरना था, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया. उन्होंने विभिन्न कारणों से छह बार मेडिकल परीक्षण से इनकार कर दिया. बाद में बाहरी मेडिकल एजेंसी से एमआरआई रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. हालांकि बाद में यूपीएससी ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. इसके चलते सरकार से इसकी जांच की मांग की जा रही है.
इसके अलावा उनकी उम्र को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. दस्तावेजों से पता चलता है कि पूजा खेडकर द्वारा 2020 और फिर 2023 में केंद्रीय अपीलीय ट्रिब्यूनल को विवरण दिए गए. इसमें तीन साल के अंतराल के बावजूद सिर्फ एक साल आयु बढ़ना दिखाया गया है. हालांकि, खेडकर ने अपनी बेंचमार्क डिसेबिलिटी साबित करने के लिए कोई टेस्ट नहीं कराया. यूपीएससी ने उनके चयन को केंद्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी, जिसने फरवरी 2023 में उनके खिलाफ फैसला सुनाया था. खेडकर ने 2020 और 2023 के कैट आवेदन फॉर्म में खुद के लिए बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट मांगी है.
पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप
2023 बैच की पूजा खेडकर पर पुणे में प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी के रूप में काम करते हुए पद के दुरुपयोग का आरोप है. पूजा ने कई सुविधाओं की मांग की थी. दरअसल, ये सुविधाएं प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिल पातीं हैं, फिर भी पूजा ने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया. अपने वाहन पर 'महाराष्ट्र सरकार' का साइनबोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, कार्यालय कक्ष और अतिरिक्त स्टाफ की मांग की. इतना ही नहीं, उन्होंने सीनियर अधिकारी की अनुपस्थिति में उनके चैंबर पर भी कब्जा कर लिया था. इन सभी मामलों के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और पूजा खेडकर की शिकायत की थी. उसके बाद पूजा का तबादला वाशिम जिले में कर दिया गया. वहां उन्होंने असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में जॉइन कर लिया है.