प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त रूस में हैं. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर वह मॉस्को गए हैं. राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की मुलाकात एक प्राइवेट डिनर पर होनी है. इससे पहले भारत ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है. एजेंडे में यूक्रेन के खिलाफ जंग में लड़ रहे भारतीय नागरिकों का मुद्दा भी अहम है. यह भी बता दें कि कल प्रधानमंत्री को रूस का उच्चस्तरीय पुरस्कार भी दिया जाएगा, जिसका ऐलान 2019 में किया गया था.
भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक मुखर देश रहा है. अब जबकि पीएम मोदी रूस में हैं और राष्ट्रपति पुतिन से उनकी मुलाकात होनी है, भारत ने कह दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता. मसलन, रूस-भारत के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का मुद्दा प्रधानमंत्री के मुख्य एजेंडे में शामिल है.
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भारतीय नागरिकों को जल्द स्वदेश लाने की अपील
प्रधानमंत्री मोदी जब रूस के लिए निकल रहे थे, तो रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने की मांग उठी थी. प्रधानमंत्री यह मुद्दा राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात में उठा सकते हैं. पीएम की प्राथमिकता है कि युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों को जल्द स्वेदश लाया जाए.
35-50 भारतीय नागरिक अब भी युद्ध के मैदान में
गौरतलब है कि, रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान चार भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि 35-50 लोग ऐसे हैं, जो अभी भी युद्ध के मैदान में लड़ रहे हैं. हालांकि, दस लोगों को स्वदेश लाया भी गया है.
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यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बाद रूस ने जबरन और स्वैच्छा से विदेशी नागरिकों को भी सेना में भर्ती कर लिया था. इनमें दर्जनों भारतीय नागरिक भी शामिल थे, जिनमें से कई ने बाद में अपनी परेशानी सोशल मीडिया पर शेयर की थी. इसके बाद यह मुद्दा पब्लिक डोमेन में आया था.