गाजा में रफाह की भीषण तबाही के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है. एक टीवी इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि रफाह में लड़ाई अपने अंतिम दौर में है. यहां जल्द ही लड़ाई खत्म हो जाएगी. लेकिन उन्होंने साथ ये भी स्पष्ट कर दिया कि हमास के खिलाफ उनकी जंग तब तक जारी रहेगी, जब तक वो सत्ता से बाहर नहीं हो जाता.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ शब्दों में कहा, "हमास से यदि कोई समझौता होता है, तो वो हमारी शर्तों के अनुसार होगा. हमारी शर्तें युद्ध को समाप्त करने के साथ ही बंधकों को छुड़ाना है. इसके साथ ही हमास को गाजा छोड़ना होगा. हम उसे किसी भी हाल में पहले जैसा नहीं रहने देंगे.'' प्रधानमंत्री नेतन्याहू का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब हिजबुल्लाह की तरफ से हमले तेज हो गए हैं.
लिहाज़ा इन हमलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इजरायली सेना की टुकड़ी जल्द ही लेबनान की सीमा पर भेजने का फैसला किया है. वहीं हमास ने नेतन्याहू के बयान की आलोचना करते हुए दोहरे मापदंड का आरोप लगाया है. उसने कहा कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र के अपनाए गए युद्धविराम प्रस्ताव और अमेरिका के शांति समझौते को नकारने से उनकी मंशा जाहिर है.
'नेतन्याहू गाजा में नरसंहार करना चाहते हैं'
हमास का कहना है कि कि नेतन्याहू सिर्फ गाजा में लोगों का नरसंहार करना चाहते हैं. हमास ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धविराम का आह्वान किया है. रफाह में फिलहाल इज़रायली हमले लगातार जारी है. रविवार को जारी रिपोर्ट में पिछले 24 घंटे में 47 लोगो की मौत हुई, जबकि 121 लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. 7 अक्टूबर से अब तक 37500 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं.
बेकसूर फिलिस्तीनियों पर इजरायल का कहर
बताते चलें कि सीजफायर के तमाम कोशिशों के बीच इजरायल ने बेकसूर फिलिस्तीनियों पर कहर ढा दिया है. शनिवार को गाजा के अलग-अलग इलाकों में हुए इजरायल के हमले में कम से कम 101 फिलिस्तीनियों की जान चली गई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए. इजरायल की सेना ने सबसे घातक हमला गाजा के सबसे पुराने शरणार्थी शिविर अल शाती पर किया, जिसमें 24 लोग मारे गए, जबकि दर्जनों घायल हो गए.
अल तुफाह रिफ्यूजी कैंप पर दूसरा बड़ा हमला
इजरायली सेना ने दूसरा बड़ा हमला अल तुफाह कैंप पर किया. इसमें 18 फिलिस्तीनी हताहत हुए हैं. वहीं इजरायली फौज ने मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह के शरणार्थी कैंप पर भी बम गिराए. एक प्रत्यक्षदर्शी हसन जायरा ने बताया, "जब यह घटना हुई, मैं अपने घर से 300 मीटर दूर था. मैंने बम धमाके की आवाज सुनी, तो मुझे लगा कि यह मेरे घर के पास है. मैंने अपनी पत्नी, बेटे, पोती और बेटी को अस्पताल में पाया.''
सोशल मीडिया पर दिल दहला देने वाली तस्वीरें
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में लोग मलबे से घायलों और मारे गए लोगों को निकालते हुए दिख रहे हैं. गाजा के सिविल डिफेंस के मुताबिक मारे गए फिलिस्तीनियों में ज्यादतर महिलाएं और बच्चे हैं. वहीं, इजरायली सेना का कहना है कि उसके लड़ाकू विमानों ने हमास के सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाया है. इस बारे में और अधिक जानकारियां बाद में दी जाएंगी. फिलहाल आईडीएफ का ऑपरेशन लगातार जारी है.