संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में तकरार देखने को मिली. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर भड़क गए. जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरे में बहुत सहनशक्ति है, खून के घूंट पी सकता हूं. मैंने क्या-क्या किया है, कितना बर्दाश्त किया है और आप फट खड़े होकर कह देते हैं. राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के नेता से कहा कि कितने मौके आए हैं जब आपकी प्रतिष्ठा को कितना बड़ा धक्का लगा है और मैंने आपकी प्रतिष्ठा को बचाने का प्रयास किया है.
हुआ ये कि राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी. चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी बोल रहे थे. इसी बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने खड़े हुए और तभी पीछे से जयराम रमेश ने कुछ बोल दिया. इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब प्रथम पंक्ति के अंदर आप जैसा व्यक्ति है जिसके पास 56 साल का अनुभव है. उस व्यक्ति को जयराम रमेश बीच में टोकते हैं, मदद करने की कोशिश करते हैं. इस पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी जगह खड़े हुए.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे न रमेश, न आप बना सकते हैं. पास की सीट पर बैठीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए खड़गे ने कहा कि मेरे को बनाने वाले यहां बैठे हैं, सोनिया गांधी. मेरे को जनता ने बनाया है. इसके बाद राज्यसभा के सभापति ने कहा कि खड़गेजी, मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता. मेरी बात को ध्यान से सुनिए. उन्होंने कहा कि राज्यसभा के इतिहास में चेयर का इस कदर अपमान नहीं हुआ. आप हर समय चेयर को रनडाउन करने की कोशिश करते हैं.
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सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कल का दिन कितना भयानक था, आपने रिग्रेट कर दिया. ये अच्छी बात है. गौरतलब है कि एक दिन पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में संघ पर जमकर हमला बोला था. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था. बता दें कि संसद सत्र के पांचवे दिन भी सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के वेल में आने पर कहा था कि आज का दिन संसदीय इतिहास में इतना दागी हो गया है कि विपक्ष के नेता वेल में आ गए हैं.
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शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद संसद भवन के बाहर मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ पर विपक्ष के नेता को अनदेखा कर अपमान करने का आरोप लगाया था. खड़गे ने कहा था कि काफी देर तक हाथ उठाया था. इसके बाद भी जब सभापति ने उनकी ओर नहीं देखा तो फिर दो ही रास्ते बचते थे- या तो अपनी जगह से शोर करें या अंदर जाएं. उन्होंने सभापति पर विपक्ष के नेता को जानबूझकर अनदेखा करने, अपमान करने का आरोप लगाया. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद जगदीप धनखड़ ने इसे लेकर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा था कि जो कदम उठाए जाने चाहिए, उठाए जा रहे हैं. हमारा ऑफिस एक्शन में है.