बिहार आरजेडी प्रमुख जगदानंद सिंह के एक कथित पत्र ने राज्य में एक और राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. जिसमें राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने पीके के बारे में कुछ खास बातें कही गई हैं. कथित पत्र और जगदानंद सिंह के कथित हस्ताक्षर में कहा गया है कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि आरजेडी के कुछ सदस्य और नेता पीके की ओर से गठित पार्टी जन सुराज की सदस्यता ले रहे हैं.
RJD के पत्र में कार्यकर्ताओं को चेतावनी
पीके को प्रशांत किशोर पांडे बताते हुए कथित पत्र में स्पष्ट रूप से दावा किया गया है कि जन सुराज को भाजपा फंडिंग करती है, और यह भाजपा की टीम B है. कथित पत्र में दावा किया गया है कि जन सुराज को भाजपा की राजनीतिक ताकत बढ़ाने के इरादे से शुरू किया गया था. पत्र में निर्देश का पालन प्रकृति और भावना के अनुसार नहीं किए जाने पर राजद कार्यकर्ताओं को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
जन सुराज के पार्टी बनने की घोषणा भर से बिहार का सबसे मजबूत दल होने का दावा करने वाली RJD की घबराहट देखिए। बेचारे अपने दल में मची अफरा-तफरी और RJD छोड़कर जाने वाले नेताओं को रोकने के लिए अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं। भय और अपराध की राजनीति इनकी फितरत है। पहले… pic.twitter.com/Tzvp0V4CIR
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) July 6, 2024कथित पत्र पर कड़ी आपत्ति जताते हुए जन सुराज ने एक्स पर जवाब दिया और कड़ी आलोचना की. राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राजनीतिक बेचैनी के लिए राजद को दोषी ठहराते हुए जन सुराज ने कथित पत्र को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया और स्पष्ट रूप से दावा किया कि ‘अपराध की राजनीति’ राजद की मूल प्रकृति और चरित्र है, जो अब व्यावहारिक रूप से इसके असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खतरा बन गई है.
एक्स पोस्ट में लिखा गया, पहले मतदाता निराश हुए, अब कार्यकर्ता निराश. दिलचस्प बात यह है कि एक अन्य एक्स यूजर ने कथित पत्र में संभावित टाइपो को उजागर किया.