कनाडा में पनाह, ISI से दोस्ती और खौफनाक खेल... लखबीर सिंह 'लांडा' के मोस्ट वांटेड बनने की कहानी

4 months ago 23

कनाडा में बैठकर हिंदुस्तान में आपराधिक और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा के पांच गुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बताया कि उनके पास से तीन पिस्तौलें जब्त की गई हैं. डीजीपी ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा है, "संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है. जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने लखबीर उर्फ ​​लांडा के 5 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है." 

डीजीपी ने बताया कि इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए लांडा गैंग के सदस्यों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. यह गैंग पंजाब के कई जिलों में हत्या, जबरन वसूली और कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. पुलिस ने लांडा गैंग के 3 गुर्गों को 10 जून को और 5 गुर्गों को 30 जून को गिरफ्तार किया था. लखबीर सिंह लांडा खालिस्तानी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का सक्रिय सदस्य है. पिछले साल इसको गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित कर दिया था. 

गृह मंत्रालय की अधिसूचना में लिखा गया था, ''लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा, जो वर्तमान में कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में रहता है, बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधित है. सीमा पार एजेंसी द्वारा समर्थित लांडा कंधे पर रखे जाने वाले रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड के माध्यम से आतंकवादी हमले में शामिल था.'' 34 साल के लांडा साल 2021 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट हमले की योजना बनाई थी. वो कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था.

लांडा खूंखार अपराधी से ऐसे बना मोस्ट वांटेड आतंकी  

पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला लखबीर सिंह सबसे पहले एक गैंग के लिए काम करता था. वो उनके इशारे पर हथियारों को एक-जगह से दूसरे जगह पर ले जाने का काम करता था. चूंकि नया लकड़ा था, कोई हिस्ट्रीशीट नहीं थी, इसलिए पुलिस को भी उस पर शक नहीं होता था. लेकिन साल 2011 में पहली बार उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. महज 12 वर्षों में लखबीर सिंह गैंगस्टर से आतंकी लखबीर सिंह लांडा बन चुका है. 

उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली और तरन तारन में रॉकेट हमलों की साजिश रचने के साथ ही करीब 20 से अधिक मामलों में केस दर्ज हैं. आरोप है कि उसने साल 2022 में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के मुख्यालय और तरन तारन के सरहाली थाने पर रॉकेट से अटैक करवाया था. फिलहाल वो कनाडा के एडमोंटन के अल्बर्टा में बैठकर हिंदुस्तान विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. एक इशारे पर उसके गुर्गे पंजाब में आतंकी और आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

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खालिस्तानी आतंकी मदद से कनाडा पहुंचा लखबीर

पुलिस फाइल में नाम दर्ज होने के बाद लखबीर सिंह लांडा के काले कारनामों की फेहरिस्त लंबी होती गई. जान से मारने की धमकी, रंगदारी, फिरौती, हत्या के प्रयास, हत्या, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के साथ ज्यादातर अपराध में नाम आने लगा. साल 2016 में पंजाब के मोगी में हुए अपहरण के एक मामले में उसके खिलाफ आखिरी बार केस दर्ज हुआ था. उसके बाद पुलिस का शिकंजा इतना कस गया कि लांडा हिंदुस्तान से भाग खड़ा हुआ. 

साल 2017 में पाकिस्तान में रह रहे एक खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा की मदद से कनाडा चला गया. वहां जाने से पहले उसके कारनामों की कहानियां पहुंच चुकी थी. यही वजह है कि आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने उसे अपने साथ जोड़ लिया. कनाडा में ही वो आईएसआई के संपर्क में आया. उसके एजेंट ऐसे गैंगस्टरों की तलाश में रहते हैं. उनकी मदद से हिंदुस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के फिराक में रहते हैं. 

आईएसआई के इशारे पर हिंदुस्तान में नापाक हरकत

आईएसआई के इशारे पर लखबीर सिंह लांडा पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करके हिंदुस्तान लाने लगा. पंजाब बॉर्डर पर इसके गुर्गे ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करते हैं. आईईडी जैसे खतरनाक एक्सप्लोसिव डिवाइस सीमा पार से लाते हैं. इनका इस्तेमाल आतंकी वारदातों के लिए किया जाता है. इस तरह से देख जाए तो लांडा अब अपने ही देश का दुश्मन बन चुका है. पाक के नापाक इरादों को अंजाम दिलाने में मदद कर रहा है.

एक तरफ लखबीर सिंह लांडा कनाडा में बैठा हुआ ऐश कर रहा है. पैसों और हथियारों से खेल रहा है. दूसरी तरफ उसके माता-पिता की हालत खराब है. दोनों बहुत बीमार हैं. इसके बावजूद उनके घर न तो कोई डॉक्टर आता है, न ही कोई रिश्तेदार जाता है. उसके काले कारनामों की वजह से उसका बड़ा भाई पहले ही घर छोड़कर जा चुका है. जानकारी के मुताबिक, लांडा का जन्म 24 अगस्त 1989 को हुआ था. उसके पिता का नाम निरंजन सिंह है. 

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पंजाब में बीमार हैं मां-बाप, बेटा कनाडा में मौज में है!

मां का नाम परमिंदर कौर है. नौकरी से रिटायर होने के बाद उसके पिता उसकी मां के साथ तरनतारन जिले के हरिके पट्टन गांव में रहते हैं. उसके माता-पिता उससे नफरत करते हैं. उसकी शक्ल देखना तो छोड़िए, उसका नाम भी कभी सुनना नहीं चाहते हैं. परमिंदर कौर की माने तो उनके पति को शुगर की बीमारी है. उनके इलाज के लिए कोई डॉक्टर घर आने के लिए तैयार नहीं होता है. रिश्तेदार भी घर नहीं आते. सबको डर रहता है कि कहीं पुलिस उन्हें पकड़ न ले जाए. 

यहां तक कि गैंगवार की वजह से भी उन लोगों को परेशान होना पड़ता है. एक बार तो कुछ लोगों ने उनके घर पर गोलीबारी भी की थी, जिसमें वो दोनों बाल-बाल बच गए थे. इस मामले में पिछले साल सोशल मीडिया के जरिए लांडा ने धमकी भी दी थी. उसने पंजाब पुलिस को चेतावनी दी थी कि उसके परिजनों को परेशा न करें. यदि ऐसा होता है तो वो किसी को भी नहीं छोड़ेगा. साल 2021 में उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था.

Article From: www.aajtak.in
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